बीसीसीआई – भारतीय क्रिकेट का प्रमुख शासक

जब खेल की बात आती है, तो बीसीसीआई, भारत का मुख्य क्रिकेट निकाय है. इसे अक्सर Board of Control for Cricket in India भी कहा जाता है, जो राष्ट्रीय टीम, घरेलू टूर्नामेंट और अंतरराष्ट्रीय साझेदारियों को नियंत्रित करता है। इस लेख में हम देखेंगे कि बीसीसीआई कैसे टेस्ट क्रिकेट, वनडे और टी20 को आकार देता है, और महिला क्रिकेट को किस तरह नई ऊँचाइयों पर ले जाता है।

बीसीसीआई क्रिकेट को एक संगठित ढाँचे में रखता है, जहाँ हर सीजन की योजना, बिडिंग प्रक्रिया और खिलाड़ियों की चयन नीति स्पष्ट रूप से तय होती है। क्रिकेट, एक टीम खेल है जिसमें बैट, बॉल और बल्लेबाज़ी के नियम शामिल हैं की लोकप्रियता बीसीसीआई की नीतियों से सीधे जुड़ी है। इसी कारण बीसीसीआई को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC), विश्व क्रिकेट की सर्वोच्च शासी संस्था के साथ घनिष्ठ सहयोग भी चाहिए। यह सहयोग बीसीसीआई को विश्व कप, टेस्ट चैंपियनशिप और T20 लीग जैसी प्रतियोगिताओं में भागीदारी का अधिकार देता है।

बीसीसीआई ने हाल के वर्षों में महिला क्रिकेट, भारत की महिला टीम को अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रतिस्पर्धी बनाना को प्राथमिकता दी है। 2025 में भारत‑पाकिस्तान महिला मैच में टॉस त्रुटि और रन‑आउट विवाद ने दिखाया कि बीसीसीआई को औपचारिक नियमों और तकनीकी समर्थन की ज़रूरत है। इस प्रकार, बीसीसीआई की नीतियाँ न केवल पुरुष खेल पर, बल्कि महिला प्रतियोगिताओं की प्रोफेशनलिज़्म को भी बढ़ाती हैं।

बीसीसीआई की प्रमुख पहलें और उनका प्रभाव

बीसीसीआई द्वारा तैयार किया गया टेस्ट क्रिकेट, क्रिकेट का सबसे लंबा फॉर्मेट, पाँच दिनों तक चलता है का शेड्यूल, खिलाड़ियों की सहनशक्ति और रणनीति को परखता है। इसके अलावा, बीसीसीआई ने इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) को एक बड़े व्यावसायिक मंच के रूप में स्थापित किया है, जिससे युवा खिलाड़ियों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकने का मौका मिलता है। इस सब के पीछे बीसीसीआई की नियामक दिशा‑निर्देशों का बड़ा हाथ है, जो खेल को पारदर्शी और प्रतिस्पर्धी बनाते हैं।

यदि आप बीसीसीआई से जुड़ी ताज़ा खबरों, जैसे नई वीज़ा नीतियों, टैक्स ऑडिट डेडलाइन या राष्ट्रीय चुनावी परिणामों की जानकारी चाहते हैं, तो नीचे दी गई सूची आपके लिए है। यहाँ आप विभिन्न अनुशासनिक क्षेत्रों में बीसीसीआई के प्रभाव को समझेंगे, चाहे वह खेल प्रशासन हो या सामाजिक पहल। अब आगे देखें – ये लेख आपको बीसीसीआई के हर पहलू से परिचित कराएंगे।

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28 सितंबर 2025 को मिथुन मानहास बिना किसी प्रतिस्पर्धा के 37वें बीसीसीआई अध्यक्ष बने। नई कार्यकारिणी में राजीव शुक्ला, देवजीत सैकिया और ए. रघुराम भट भी शामिल हैं, जिससे भारतीय क्रिकेट में नई दिशा मिलने की उम्मीद है।

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