अरविंद केजरीवाल के निम्न-कैलोरी आहार पर उपराज्यपाल कार्यालय का आरोप, 'दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणी,' कहती है आप

अरविंद केजरीवाल के निम्न-कैलोरी आहार पर उपराज्यपाल कार्यालय का आरोप, 'दुर्भाग्यपूर्ण टिप्पणी,' कहती है आप

केजरीवाल की तिहाड़ जेल में सेहत और उपराज्यपाल कार्यालय का आरोप

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल एक बार फिर से विवादों के केंद्र में आ गए हैं। इस बार तिहाड़ जेल में उनकी सेहत और खाने को लेकर उपराज्यपाल कार्यालय द्वारा किए गए आरोपों ने एक नई राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है। उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना के कार्यालय ने केजरीवाल पर यह आरोप लगाया है कि वे जानबूझकर अपनी निर्धारित डायट और दवाइयों का पालन नहीं कर रहे हैं, जिससे उनकी सेहत पर गंभीर प्रभाव पड़ रहा है।

तिहाड़ जेल की रिपोर्ट और आरोप

उपराज्यपाल कार्यालय ने यह आरोप तिहाड़ जेल अधीक्षक की एक रिपोर्ट के आधार पर लगाया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि केजरीवाल के वजन में गिरावट आई है। उनका वजन 63.5 किलो से घटकर 61.5 किलो हुआ है। इस रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि केजरीवाल कई मौकों पर अपनी निर्धारित डायट नहीं खा रहे हैं और इंसुलिन दवा भी नहीं ले रहे हैं। रिपोर्ट में उनके ब्लड ग्लूकोज टेस्ट और निरंतर ग्लूकोज मॉनिटरिंग सिस्टम (CGMS) के परिणाम में भी महत्वपूर्ण भिन्नता दर्शाई गई है।

आम आदमी पार्टी की प्रतिक्रिया

आम आदमी पार्टी (आप) ने इन आरोपों को 'दुर्भाग्यपूर्ण' और 'अज्ञानी' करार दिया है। आप नेताओं संजय सिंह और आतिशी ने केजरीवाल की सेहत को लेकर चिंता व्यक्त की है और कहा है कि लगातार गिरती हुई ब्लड शुगर लेवल से केजरीवाल को स्थाई मस्तिष्क क्षति का खतरा है। उन्होंने दावा किया कि केजरीवाल टाइप 2 डायबिटीज से पीड़ित हैं और यह आरोप उन लोगों के लिए शोभा नहीं देते जो संवैधानिक पदों पर हैं।

केजरीवाल की स्वास्थ स्थिति

केजरीवाल की स्वास्थ स्थिति

केजरीवाल की स्वास्थ्य स्थिति को लेकर चल रहे इस विवाद का असर केवल दिल्ली के राजनीतिक माहौल तक ही सीमित नहीं है। केजरीवाल के समर्थक और उनके विरोधी दोनों ही इस मुद्दे पर सक्रिय दिखाई दे रहे हैं। केजरीवाल के स्वास्थ्य को लेकर जनता में भी विभिन्न प्रकार की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग इसे राजनीतिक षड्यंत्र का हिस्सा मान रहे हैं, जबकि कुछ लोग इस सोच में हैं कि केजरीवाल की सेहत को लेकर दी जा रही जानकारी कितनी सटीक और विश्वसनीय है।

स्वास्थ्य और राजनीति का जुड़ाव

स्वास्थ्य और राजनीति का जुड़ाव

यह विवाद एक बार फिर से इस बात को उजागर करता है कि राजनीति और स्वास्थ्य का जुड़ाव किस प्रकार से होता है। एक तरफ जहां नेताओं की सेहत की जानकारी को गुप्त रखा जाता है, वहीं दूसरी तरफ जब कोई बड़ा आरोप लगाता है तो यह एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बन जाता है। केजरीवाल के इस मामले में भी कुछ ऐसा ही हो रहा है। उनकी सेहत को लेकर उठे इस विवाद ने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है और मीडिया में भी यह विषय चर्चा का केंद्र बन गया है।

निष्कर्ष

केजरीवाल की स्वास्थ्य स्थिति और उनके खाने-पीने के आदतों को लेकर उठे इस विवाद को लेकर फिलहाल कुछ स्पष्ट नहीं है। लेकिन यह साफ है कि इस मुद्दे ने दिल्ली की राजनीति को एक नए मोड़ पर लाकर खड़ा कर दिया है। आने वाले समय में इस मामले में कौन-कौन से नए तथ्य सामने आते हैं, यह देखना दिलचस्प होगा।

8 Comments

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    shubham rai

    जुलाई 23, 2024 AT 14:33
    idhar bhi same drama... kya baat hai yaar.
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    Divya Tiwari

    जुलाई 24, 2024 AT 18:00
    ये सब राजनीति का खेल है। जेल में जाकर भी वो अपनी डाइट नहीं मानते? अरे भाई, अगर तुम्हारी जिंदगी इतनी आसान है तो फिर जेल में क्यों गए? अब बात डायबिटीज की शुरू हो गई... ये लोग अपने आप को महान समझते हैं, लेकिन जब असली दबाव आता है तो बचने के लिए बीमारी का बहाना बनाते हैं। जेल का खाना किसी को नहीं बनाता, लेकिन वो इसे अपनी कमजोरी का बहाना बना रहे हैं।
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    Nadia Maya

    जुलाई 25, 2024 AT 04:05
    इस विवाद के पीछे एक गहरी दार्शनिक व्याख्या छिपी है: शरीर का नियंत्रण, राजनीतिक अधिकार का प्रतीक है। केजरीवाल का वजन कम होना एक अस्तित्ववादी विद्रोह है-एक ऐसा व्यक्ति जो अपनी शरीर की नियंत्रण रेखाओं को चुनौती दे रहा है। उपराज्यपाल कार्यालय की रिपोर्ट एक निर्माण है जो शक्ति के बारे में बात करता है, न कि स्वास्थ्य के बारे में। हम जो देख रहे हैं, वह एक आधुनिक राजनीतिक नाटक है जहाँ डायबिटीज एक रूपक है।
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    Nitin Agrawal

    जुलाई 26, 2024 AT 15:04
    kajriwal ki diet ka kya matlab? wo toh chai peete hai 10 baar din me, aur kahate hai ki diet follow kar rahe hai... bhaiya, thoda real life me aao na. CGMS ka matlab bhi nahi pata, aur report bhi fake lag rahi hai. sab kuchh media ke liye bana raha hai.
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    Gaurang Sondagar

    जुलाई 27, 2024 AT 04:54
    ये लोग अपनी गलतियों के लिए बीमारी का बहाना बनाते हैं। जेल में खाना नहीं खाना तो अपने आप को महान समझते हैं। देश के लिए नहीं, अपने लिए लड़ रहे हैं। अगर सच में बीमार हैं तो अस्पताल जाएं। जेल में डायबिटीज का बहाना बनाना शर्म की बात है
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    Ron Burgher

    जुलाई 29, 2024 AT 00:46
    तुम लोग इतना बड़ा मुद्दा क्यों बना रहे हो? अगर कोई बीमार है तो उसकी देखभाल करो, उसका बहाना न बनाओ। ये जो लोग राजनीति के लिए स्वास्थ्य का इस्तेमाल कर रहे हैं, उनका दिल बहुत बुरा है। केजरीवाल के लिए दुआ है, लेकिन इस बहाने को बंद करो।
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    kalpana chauhan

    जुलाई 30, 2024 AT 11:39
    सबको एक साथ रहना चाहिए 🤍 अगर कोई बीमार है तो उसकी देखभाल करनी चाहिए, न कि उसके खाने के बारे में बहस करनी। अरविंद जी के लिए दुआ है कि वो जल्दी से ठीक हो जाएं। और सबको याद रखना है-हम सब एक ही देश के हैं। ❤️
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    Prachi Doshi

    अगस्त 1, 2024 AT 09:33
    sab kuchh thik hai... bas ek baat socho, kya humne kabhi kisi ke health ko itna public banaya hai? 😔

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