क्या बदला: 3 महीने की मोहलत, हर 5 साल ई-केवाईसी और सख्त जांच
सरकार ने राशन प्रणाली में बड़ा फेरबदल किया है। 31 मार्च 2025 तक अनिवार्य ई-केवाईसी की शर्त के साथ शुरू हुई प्रक्रिया को जुलाई 2025 में 3 महीने की अतिरिक्त मोहलत मिली, ताकि कोई भी परिवार सिर्फ तकनीकी वजहों से हक से वंचित न हो। इसी बीच 22 जुलाई 2025 को नियम बदलकर यह तय कर दिया गया कि अब सभी राशन कार्डधारकों को हर 5 साल पर ई-केवाईसी करना होगा। यह बदलाव आवश्यक वस्तु अधिनियम, 1955 की धारा 3 के तहत अधिसूचित है और तुरंत प्रभाव से लागू माना जा रहा है।
आंकड़ों के मुताबिक मोहलत से पहले तक करीब 7.55 लाख लोग ई-केवाईसी लंबित होने के चलते लाभ गंवाने की कगार पर थे। नई व्यवस्था में राज्य सरकारें हर 5 साल पर पात्र परिवारों की अनिवार्य ई-केवाईसी कराएंगी, अपात्र परिवार हटाए जाएँगे और नए पात्र परिवार जोड़े जाएँगे। इस बार मानक और स्पष्ट हैं—अलग राशन कार्ड के लिए न्यूनतम उम्र 18 वर्ष तय, यानी 18 से कम उम्र का कोई भी व्यक्ति स्वतंत्र कार्ड नहीं बनवा सकेगा।
छोटे बच्चों के लिए भी स्पष्ट निर्देश हैं—5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों का आधार जहां उपलब्ध हो, दर्ज किया जाए और जैसे ही बच्चा 5 साल पूरा करे, एक वर्ष के भीतर उसकी ई-केवाईसी कराना जरूरी होगा। साथ ही जिन कार्डधारकों ने पिछले 6 महीनों में अपना अधिकारित राशन नहीं उठाया है, उनके कार्ड अस्थायी रूप से निष्क्रिय किए जा सकते हैं। ऐसे मामलों में राज्य सरकारें फील्ड वेरिफिकेशन करेंगी और 3 महीने के भीतर ई-केवाईसी सहित पात्रता फिर से परखेंगी।
सरकार का तर्क साफ है—ई-केवाईसी से वितरण अधिक पारदर्शी बनता है, डुप्लीकेट कार्ड और फर्जीवाड़े पर लगाम लगती है, और जो परिवार वास्तव में पात्र हैं, उन्हें ही राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम (NFSA) के तहत सस्ता अनाज मिलता रहे। सामान्य तौर पर NFSA के तहत प्रति पात्र व्यक्ति प्रति माह 5 किलो तक अनाज का प्रावधान रहता है, इसलिए एक भी परिवार का बाहर हो जाना उनके मासिक बजट पर सीधा असर डाल सकता है।
किसे क्या करना है: पात्रता, समयसीमा, स्टेप-बाय-स्टेप प्रक्रिया और सावधानियाँ
राशन कार्ड ई-केवाईसी का उद्देश्य सरल है—कार्ड को आधार से बायोमेट्रिक सत्यापन के जरिए जोड़ना और रिकॉर्ड अपडेट रखना। अगर आपका आधार पहले से लिंक नहीं है, बायोमेट्रिक सत्यापन नहीं हुआ, या रिकॉर्ड में नाम/पता/परिवार के सदस्यों की जानकारी अधूरी-गलत है, तो आपको यह प्रक्रिया पूरी करनी होगी।
कौन लोग तुरंत ई-केवाईसी कराएँ:
- जिनका आधार राशन कार्ड से लिंक नहीं है या मिलान (seeding) में त्रुटि है।
- जिनका बायोमेट्रिक सत्यापन हाल में नहीं हुआ या फेल हुआ है।
- जिनके परिवार में हाल में बदलाव हुए हैं—नया सदस्य जुड़ा, विवाह/मृत्यु/स्थानांतरण आदि।
- जिनके कार्ड पिछले 6 महीनों से निष्क्रिय पड़े हैं या ट्रांजैक्शन नहीं हुआ।
ऑनलाइन कैसे करें (राज्य पीडीएस पोर्टल/मोबाइल ऐप पर):
- राशन कार्ड नंबर दर्ज करें और OTP/लॉगिन से सत्यापन करें।
- परिवार के सभी सदस्यों के आधार नंबर अपडेट करें।
- बायोमेट्रिक प्रमाणीकरण के लिए नज़दीकी ऑनबोर्ड प्वाइंट/फेयर प्राइस शॉप/CSC का चयन करें (जहां आवश्यक हो)।
- रिकॉर्ड सबमिट करें और एcknowledgement/रसीद सुरक्षित रखें।
ऑफ़लाइन कैसे करें (फेयर प्राइस शॉप/CSC/जिला खाद्य कार्यालय):
- राशन कार्ड, आधार कार्ड (सभी सदस्यों के), और पंजीकृत मोबाइल नंबर लेकर जाएँ।
- ऑपरेटर डिवाइस पर बायोमेट्रिक (फिंगर/आइरिस/फेस) के जरिए प्रमाणीकरण करेगा।
- गलत/पुरानी प्रविष्टियाँ—जैसे पता या परिवार की स्थिति—तुरंत सुधरवाएँ।
- रसीद लेकर रखें; उसी से आगे ट्रैकिंग आसान होगी।
अगर बायोमेट्रिक नहीं हो पा रहा तो क्या? कई राज्यों में वैकल्पिक प्रावधान (जैसे अपवाद दावा, घर-घर सत्यापन, फोटो/दस्तावेज़ आधारित जांच) उपलब्ध कराए जाते हैं। बुजुर्ग, दिव्यांग या अस्थायी रूप से बायोमेट्रिक न देने वालों के लिए जिला/तहसील स्तर पर मदद मिलती है—अपने डीलर या खाद्य विभाग कार्यालय से लिखित आवेदन करके विकल्प पूछें।
समयसीमा समझें:
- पहली अनिवार्य समयसीमा: 31 मार्च 2025।
- घोषित मोहलत: जुलाई 2025 में अतिरिक्त 90 दिन।
- नई नीति: 22 जुलाई 2025 से हर 5 साल पर अनिवार्य ई-केवाईसी।
- बच्चे: 5 वर्ष पूरे करने के एक साल के भीतर ई-केवाईसी।
- निष्क्रिय कार्ड: 6 महीने बिना उठान पर अस्थायी निलंबन, 3 महीने में फील्ड वेरिफिकेशन व केवाईसी।
क्या-क्या दस्तावेज़ रखें:
- राशन कार्ड (मूल/प्रिंटेड कॉपी)।
- आधार कार्ड—परिवार के सभी सदस्यों के।
- पंजीकृत मोबाइल नंबर; अगर नहीं है, तो ऑफ़लाइन/CSC से मदद लें।
- यदि पता बदल गया है, तो पता-संबंधी प्रमाण (राज्य की सूची अनुसार)।
किस बात पर ध्यान दें:
- नाम/जन्मतिथि/रिश्तेदारी का मिलान आधार और राशन रिकॉर्ड में एक जैसा हो—गलतियाँ ई-केवाईसी रोक देती हैं।
- आधार में डेमोग्राफिक त्रुटि है तो पहले आधार रिकॉर्ड अपडेट करें, फिर ई-केवाईसी करें।
- माइग्रेंट/अंतर-राज्यीय श्रमिक होने पर, स्थानीय डीलर/जिला कार्यालय से पोर्टेबिलिटी/वन नेशन वन राशन कार्ड के प्रावधान पूछें।
- डीलर पर मशीन काम न करे तो CSC/जिला कार्यालय से वैकल्पिक तारीख या स्थान लें—रसीद लेना न भूलें।
ई-केवाईसी न करने पर असर क्या होगा? सब्सिडी वाले अनाज का वितरण रोका जा सकता है और कार्ड अस्थायी रूप से निष्क्रिय हो सकता है। देरी होने पर भी घबराएँ नहीं—फील्ड वेरिफिकेशन और केवाईसी पूरा होने के बाद, पात्रता साबित होने पर कार्ड फिर सक्रिय हो सकता है।
कौन हटेंगे, कौन जुड़ेंगे? राज्यों को समय-समय पर पात्रता की समीक्षा करनी है। अपात्र परिवार—जैसे दोहरे कार्ड, गलत पता, लंबे समय से उपयोग न करना, या आय/पात्रता मानदंड से बाहर हो जाना—सूची से हट सकते हैं। वहीं नए गरीब/पात्र परिवार जोड़कर कवरेज बढ़ाया जाएगा।
लोगों की सबसे आम दिक्कतें और हल:
- OTP न आना: पोर्टल पर नंबर अपडेट करें या CSC से सहायता लें।
- फिंगरप्रिंट फेल: अलग उंगली/आइरिस/फेस कैप्चर या अपवाद दावा।
- नाम-उच्चारण/स्पेलिंग अलग: आधार पर सुधार कराकर फिर ई-केवाईसी करवाएँ।
- स्थानांतरण: नए पते पर डीलर मैपिंग और कार्ड अपडेट के लिए जिला कार्यालय में आवेदन दें।
ध्यान रखें, ई-केवाईसी एक बार की नहीं, अब 5-5 साल के चक्र में होगी। इसलिए रसीद, अपडेटेड दस्तावेज़ और मोबाइल नंबर हमेशा दुरुस्त रखें। यदि कहीं तकनीकी दिक्कत अटकी है, तो लिखित शिकायत नंबर/टिकट लें—यही आगे की प्रक्रिया में काम आएगा।
Rajesh Khanna
सितंबर 17, 2025 AT 13:56ये नया नियम अच्छा है, लेकिन गांवों में आधार लिंक करना भी एक महीने की यात्रा है। कभी-कभी ऑफिसर नहीं मिलता, तो फिर क्या करें? बस भूखे रह जाएंगे।
Garv Saxena
सितंबर 18, 2025 AT 22:11अरे भाई, ये सब ई-केवाईसी का खेल तो बस डिजिटल शासन की नकली शिक्षा है। जिनके पास इंटरनेट नहीं, जिनके आधार में नाम गलत है, जिनके उंगलियों के निशान नहीं रहे-उनको तो राशन ही नहीं मिलेगा। सरकार को लगता है कि जो लोग अनाज खा रहे हैं, वो बस एक डेटाबेस में एक रो के रूप में हैं। असली समस्या तो ये है कि हम लोगों को जिंदा नहीं, बल्कि एक स्कैन किए गए बायोमेट्रिक डेटा के रूप में देख रहे हैं। ये नियम तो अंततः गरीबों को नियंत्रित करने का तरीका है, न कि सहायता करने का।
Sinu Borah
सितंबर 18, 2025 AT 22:38हर 5 साल में ई-केवाईसी? ये तो बस एक नया टैक्स है। पहले आधार, फिर डिजिटल पासवर्ड, अब राशन कार्ड के लिए बायोमेट्रिक? क्या अब खाना खाने से पहले आंखें खोलनी पड़ेगी? ये सब लोग अपने ऑफिस में बैठे एक डॉक्यूमेंट बना रहे हैं, जबकि हम लोग बारिश में फेयर प्राइस शॉप के बाहर खड़े हैं।
Sujit Yadav
सितंबर 20, 2025 AT 01:59मैं इस नीति को बहुत ही गंभीरता से लेता हूँ। आधार-आधारित पात्रता जांच एक आधुनिक राष्ट्रीय नियंत्रण तंत्र का अभिन्न अंग है। जो लोग इसके खिलाफ हैं, वे अक्सर अपने अप्रत्यक्ष लाभों के लिए अपनी अनियमितता को न्याय बना रहे हैं। यह व्यवस्था न केवल दुरुपयोग को रोकती है, बल्कि एक नैतिक और न्यायसंगत वितरण प्रणाली की नींव रखती है। जिन्हें यह असुविधा लगती है, उन्हें अपनी जिम्मेदारियों के प्रति जागरूक होना चाहिए। 😊
Kairavi Behera
सितंबर 20, 2025 AT 22:03अगर आपका आधार लिंक नहीं है, तो कोई बात नहीं। जिला खाद्य कार्यालय जाएं, वहां बताएं कि आपको मदद चाहिए। वो आपके साथ बैठकर करेंगे। बायोमेट्रिक नहीं हो रहा? फोटो और दस्तावेज़ से भी चल जाता है। बस डरें मत, जाएं और पूछें। कोई आपको नहीं डालेगा।
Aakash Parekh
सितंबर 22, 2025 AT 04:12बस एक बात कहूं-इतनी जटिलता क्यों? बस एक बार ऑनलाइन कर दें, बाकी खुद अपडेट हो जाए। ये हर 5 साल बार-बार भागने की जरूरत क्यों? अब तो बच्चे के जन्म के बाद भी ई-केवाईसी करनी पड़ेगी? 😑
Sagar Bhagwat
सितंबर 23, 2025 AT 03:39अरे यार, ये नियम तो बहुत अच्छा है! मैंने अपना कार्ड अपडेट कर लिया। अब तो बिना झंझट के अनाज मिल रहा है। जो लोग नहीं कर रहे, वो बस आलसी हैं। बस एक घंटा निकाल लो, फिर क्या? बस एक बार जाओ, बायोमेट्रिक करवा लो, और आराम से खाना खाओ।
Jitender Rautela
सितंबर 25, 2025 AT 01:43क्या तुम लोग अभी भी इस बात पर बहस कर रहे हो? ये तो बस एक नियम है। जिसके पास आधार है, उसके पास राशन है। बाकी सब बकवास है। जो नहीं चाहते वो भूखे रहें। ये देश बच्चों की नहीं, बल्कि जिम्मेदार लोगों के लिए बना है।
abhishek sharma
सितंबर 26, 2025 AT 09:57देखो, मैं तो इस बात से सहमत हूँ कि फर्जी कार्ड बंद होने चाहिए। लेकिन जब तुम्हारा आधार नंबर 15 बार गलत दर्ज हो चुका है, और तुम्हारे बाप का नाम 'राम' है लेकिन राशन कार्ड पर 'रामू' है-तो तुम्हें दो बार जिला ऑफिस जाना पड़ेगा। और फिर भी वो बोलेंगे 'अगले हफ्ते आ जाओ'। ये सब तो बस एक राष्ट्रीय अपमान का खेल है।
Surender Sharma
सितंबर 27, 2025 AT 11:31ye sab kya bakwas hai? kya hum log bhi ek bar apna naam sahi karne ke liye 3 din lagate hain? aur phir bhi kuch nahi hota. ek din mei hi sab kuch khatam ho jana chahiye. kyun karenge 5 saal baad fir se? 😒
Divya Tiwari
सितंबर 29, 2025 AT 08:13अगर आप भारतीय हैं, तो आपको इस नीति का समर्थन करना चाहिए। ये तो बस देश के लिए एक बड़ा कदम है। जो लोग इसके खिलाफ हैं, वे शायद अपने घर में खाना खाने के लिए भी अपने देश को धन्यवाद नहीं देते। ये ई-केवाईसी देश की शक्ति है। जो नहीं मानते, वो देशद्रोही हैं। 🇮🇳
shubham rai
सितंबर 29, 2025 AT 20:12मुझे नहीं पता कि इसका क्या मतलब है। मैंने तो अपना कार्ड अपडेट कर लिया। बस अब चल रहा है। अगर किसी को दिक्कत है, तो वो अपना दिमाग लगाए।
Nadia Maya
अक्तूबर 1, 2025 AT 14:27इस नीति के पीछे का तर्क बहुत उन्नत और सामाजिक रूप से अत्यंत उच्च स्तर का है। आधार-आधारित पात्रता निर्धारण एक नवीन राष्ट्रीय न्याय प्रणाली की शुरुआत है, जिसमें व्यक्ति की अस्तित्व की गणना एक डिजिटल अस्तित्व के रूप में होती है। यह एक दर्शनिक विकास है, जिसे विकासशील देशों को अपनाना चाहिए। जो इसे नहीं समझते, वे अभी भी मध्ययुगीन विचारों में फंसे हैं।
Nitin Agrawal
अक्तूबर 3, 2025 AT 14:05ye sab kya hai? maine to apna card update kar liya par ek din mei hi sab khatam ho jana chahiye. 5 saal baad fir se? phir bhi kuch nahi hoga. bas ek bar kar do, aur chhod do.
Gaurang Sondagar
अक्तूबर 4, 2025 AT 03:27कार्ड निष्क्रिय हो गया तो फिर क्या? भूखे रहो। जिन्होंने अपना आधार लिंक नहीं किया वो गलत हैं। अब तो बस बायोमेट्रिक करो। देश के लिए कुछ करो। नहीं तो बाहर जाओ।
Ron Burgher
अक्तूबर 5, 2025 AT 07:03ये नियम तो बहुत अच्छा है। जिन लोगों के पास दो कार्ड हैं, वो तो चोर हैं। जिनके पास नहीं है, वो बस लायक नहीं हैं। ये तो सिर्फ एक न्याय है। जो बोलते हैं वो अपनी बेइज्जती कर रहे हैं।
kalpana chauhan
अक्तूबर 5, 2025 AT 10:45हर किसी को ये नहीं पता होता कि कैसे करना है। मैंने अपने गांव के 12 लोगों को बायोमेट्रिक करवाया। बस एक बार जाओ, फोन करो, डीलर को बताओ। लोगों को डर लगता है, लेकिन असल में बहुत आसान है। ❤️ आप भी कर सकते हैं!