जब मौसम विभाग ने 6 अक्टूबर 2025 को भारी बारिश का अलर्ट जारी किया, तो उत्तर प्रदेश के कई शहरों में धूम मच्च गई। विभाग के अनुसार, पश्चिमी यूपी के सहारनपुर, शामली और मुजफ्फरनगर से लेकर बागपत, मेरठ तक ओलावृष्टि की संभावना 30‑40 किमी/घंटा की हवा के साथ दर्ज की गई है। यही नहीं, कासगंज और बदायूं में भी ओलावृष्टि के संकेत मिल रहे हैं।
मौसमिक पृष्ठभूमि: दो बड़े सिस्टम का टकराव
देशभर में इस समय दो शक्तिशाली मौसमी सिस्टम सक्रिय हैं। पहला, बंगाल की खाड़ी में बना निम्न दाब क्षेत्र, जो पूर्वी भारत में बृहदावधि में मानसून के प्रवाह को बढ़ाता है। दूसरा, अरबी सागर का चक्रवाती तूफान "शक्ति", जो पश्चिमी किनारों पर तीव्र हवाओं और घनीबादल का कारण बन रहा है। इन दोनों सिस्टम के प्रभाव से उत्तर प्रदेश में विशेष रूप से पश्चिमी भाग में तेज़ बरसात और ओलावृष्टि की स्थिति बनी है।
6‑7 अक्टूबर का विस्तृत फोरकास्ट
- 6 अक्टूबर: पश्चिमी यूपी में लगातार 70‑90 मिमी तक की भारी बारिश, झोकेदार हवाओं की रफ़्तार 30‑40 किमी/घंटा।
- 6‑7 अक्टूबर: बागपत, मेरठ, रहने वाले क्षेत्रों में गड़गड़ाहट और बिजली चमकने की संभावना।
- 7 अक्टूबर के बाद: धीरे‑धीरे बारिश में कमी, लेकिन रात में फिर भी करैक्टरी बरसात की संभावना।
- सहरनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर में स्थानीय जलभराव की आशंका, विशेषकर नजदीकी नदियों के किनारे।
वहां की हवा 40‑50 किमी/घंटा तक तेज़ चलने की भी संभावना है, जिससे आंधी‑तूफान की चेतावनी जारी की गई है।
स्थानीय प्रतिक्रिया और तैयारी
जिला प्रशासन ने तुरन्त सतर्कता दर्ज कराई। सहारनपुर डिस्ट्रिक्ट प्रशासन ने स्कूल और सरकारी दफ्तरों को सायिक्स मोड में बदलने का निर्देश दिया, जबकि बागपत सिविल क्लासिक ने फसल‑रक्षक उपकरणों की तैनाती कर ली। स्थानीय लोग तेज़ हवाओं के कारण बड़े पेड़ और बैनर गिरते देख रहे हैं, जिससे कुछ गली-मोहल्ले अस्थायी रूप से खाली हो गए हैं।
राष्ट्रीय स्तर पर संभावित असर
जम्मू‑कश्मीर, हिमाचल प्रदेश तथा उत्तराखंड के ऊँचे इलाकों में बर्फबारी की संभावना है, जिससे सड़कों पर फिसलन बढ़ सकती है। दिल्ली‑एनसीआर, पंजाब, हरियाणा में भी गरज‑बिजली के साथ तीव्र बारिश की संभावना बताई गई है। राज्य सरकारें पहले ही आपातकालीन स्वास्थ्य सेवाओं को तैनात कर चुकी हैं, ताकि बाढ़‑जन्य रोगों का प्रकोप रोका जा सके।

आगामी दिन: क्या उम्मीद रखनी चाहिए?
वेदिक जलीय विज्ञानियों का मानना है कि अगले 24‑48 घंटों में बंगाल की खाड़ी के निम्न दाब क्षेत्र का प्रभाव धीरे‑धीरे कम होगा, जबकि अरब सागर से आ रही "शक्ति" धारा उत्तर‑पश्चिम में आगे भी थोड़ी देर तक सक्रिय रहेगी। इस कारण, 8‑9 अक्टूबर तक उत्तर भारत में हल्की‑फुल्की बारिश जारी रह सकती है, परंतु बड़े पैमाने पर बाढ़ की आशंका कम है। विशेषज्ञों ने कहा, किसान भाइयों को फसल‑संरक्षण के लिये निचले हिस्सों में जमा जल को निकालने की सलाह देनी चाहिए।
मुख्य तथ्य
- अलर्ट जारी करने वाला: मौसम विभाग
- प्रभावित जिले: सहारनपुर, शामली, मुजफ्फरनगर, बागपत, मेरठ, कासगंज, बदायूं इत्यादि
- बारिश की अनुमानित मात्रा: 70‑90 मिमी (6 अक्टूबर)
- हवा की गति: 30‑50 किमी/घंटा
- मुख्य कारण: बंगाल की खाड़ी का निम्न दाब क्षेत्र + अरब सागर का तूफान "शक्ति"
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
भारी बारिश से किसे सबसे अधिक नुकसान हो सकता है?
मुख्य रूप से किसानों और निचले इलाकों में रहने वाले किरायेदारों को नुकसान का सामना करना पड़ेगा। बाढ़ के कारण फसलें क्षतिग्रस्त हो सकती हैं और घरों में पानी भरने से अस्थायी पलायन की स्थिति बन सकती है।
क्या वाहनों को चलाते समय विशेष ध्यान देना चाहिए?
हवा की तेज़ गति 40‑50 किमी/घंटा तक बढ़ सकती है, इसलिए बड़ी ट्रकों और बसों को गति कम करके चलाना चाहिए। जलभराव वाले रास्तों पर सड़कों की स्थिति जाँच कर ही यात्रा करें।
बंगाल की खाड़ी के निम्न दाब क्षेत्र से आगे क्या अपेक्षा की जा सकती है?
यह सिस्टम अगले दो‑तीन दिनों तक भारत के उत्तर‑पूर्वी भाग में जलवायु को ठंडा और नमीपूर्ण रखेगा, जिससे पूर्वी यूपी में हल्की‑फुल्की बूंदाबांदी जारी रह सकती है।
तूफान "शक्ति" का भारत के मौसम पर क्या प्रभाव पड़ेगा?
शक्ति की तेज़ हवाएँ पश्चिमी यूपी में अधिकतम 50 किमी/घंटा गति तक पहुंच सकती हैं, जिससे धूल‑भारी हवाओं और तेज़ बारिश के कारण आंधी‑तूफान की संभावना बढ़ती है। इसका प्रभाव अक्टूबर के मध्य तक धीरे‑धीरे घटेगा।
आगामी सप्ताह में क्या मौसम सामान्य होगा?
7 अक्टूबर के बाद बारिश में धीरे‑धीरे कमी आएगी, लेकिन आपातकालीन स्थितियों से बचने के लिये सतर्कता जारी रखना जरूरी है। हल्की‑फुल्की बूँदाबाँदी और कुछ क्षेत्रों में बर्फ़बारी की संभावना बनी रहेगी।
Sweta Agarwal
अक्तूबर 6, 2025 AT 20:30अरे वाह, मौसम विभाग ने फिर से अलर्ट जार दिया, जैसे रोज़ की चाय पर मीठा नहीं होता। लोग तुरंत टोकरी में पानी भरने लगते हैं, पर असली समस्या तो बाढ़ के बाद सफाई है। अब देखेंगे कौन अधिक मदद करेगा।