मानवाधिकार दिवस: SAP की उन्नति और सीखे गए सबक

मानवाधिकार दिवस: SAP की उन्नति और सीखे गए सबक

मानवाधिकार दिवस और SAP की प्रगति

मानवाधिकार दिवस एक ऐसा अवसर है जब संगठन अपने कार्यों और उपलब्धियों पर विचार करते हैं जो मानवाधिकारों की दिशा में उनका योगदान होते हैं। SAP ने इस वर्ष इस महत्वपूर्ण अवसर पर अपने प्रयासों की व्यापक समीक्षा की है और यह साझा किया है कि उन्होंने कैसे अपने परिचालन, विस्तारित सप्लाई चेन, और उत्पाद जीवनचक्र में मानवाधिकारों के सम्मान और उन्नति में महत्वपूर्ण प्रगति की है। SAP ने मानवाधिकार पर अपनी प्रतिबद्धता के अद्यतन बयान को सुदृढ़ किया है, जिसे एक अंतरविभागीय परियोजना के माध्यम से विकसित किया गया था।

मानवाधिकार शिकायत तंत्र

SAP का 'स्पीक आउट एट SAP' टूल एक अत्यंत प्रभावी माध्यम बन गया है जो मानवाधिकार और पर्यावरण-संबंधी शिकायतों को संबोधित करता है। इस टूल का विस्तार किया गया है ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि शिकायत प्रक्रिया गुप्त और गुमनाम बनी रहे। एक अच्छी तरह से संरचित शिकायत तंत्र का होना आज के समय में किसी भी संगठन के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है, खासकर जब बात वैश्विक परिचालन और विस्तारित सप्लाई चेन की हो।

मानवाधिकारों के लिए डिजिटल नवाचार

SAP ने यह भी माना है कि डिजिटल नवाचार मानवाधिकारों को बढ़ावा देने में सहायक सिद्ध हो सकता है। उन्होंने समावेशी, विविध, और न्यायसंगत कार्यबल बनाने के लिए एचआर डेटा के संख्यात्मक विश्लेषण और रिपोर्टिंग के प्रयोग को प्रेरित किया है। इन प्रयासों में जोखिम मूल्यांकन और उचित परिश्रम को खरीद प्रक्रियाओं में एकीकृत करना भी शामिल है ताकि जबरन और बाल श्रम की घटनाओं का पता लगाया जा सके और उन्हें समाप्त किया जा सके।

SAP की शिक्षा में योगदान

SAP ने शिक्षा क्षेत्र में भी अपना योगदान दिया है, जो पूरे डिजिटल अर्थव्यवस्था में समावेशी और गुणवत्ता शिक्षा को बढ़ावा देता है। उनके डिजिटल कौशल कार्यक्रमों ने 2.3 मिलियन युवा और 117,000 शिक्षकों को 113 देशों में शिक्षित किया है, जो शून्य असमानता के लक्ष्य को पूरा करने की उनकी महत्वाकांक्षा का हिस्सा है। यह पहल दर्शाती है कि कैसे एक संगठन मानवाधिकारों के लिए अपने योगदान को व्यापक रूप से लागू कर सकता है।

मानवाधिकार दिवस पर SAP की प्रतिबद्धताएं यह दर्शाती हैं कि वे अपने परिचालन के भीतर और अपने उत्पादों और सेवाओं के उपयोग के माध्यम से मानवाधिकारों को सुदृढ़ और उन्नत करने की दिशा में लगातार सुधार के लिए प्रतिबद्ध हैं। उनके कदम समाज के विकास में सार्थक योगदान देते हैं और यह सुनिश्चित करते हैं कि मानवाधिकारों का सम्मान और उन्नति निरंतर होती रहेगी।

6 Comments

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    Sandhya Agrawal

    दिसंबर 10, 2024 AT 22:54
    SAP का ये सब बकवास सिर्फ PR के लिए है। भारत में उनके ऑफिस में महिलाओं को हर दिन हरासमेंट का सामना करना पड़ता है, और वो यहाँ मानवाधिकार की बातें कर रहे हैं? कोई शिकायत दर्ज करने की कोशिश की तो उसे रिटायर कर दिया गया। ये सब फेक है।
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    Vikas Yadav

    दिसंबर 12, 2024 AT 22:43
    मैं इस बात से पूरी तरह सहमत हूँ, कि SAP ने डिजिटल नवाचार के माध्यम से मानवाधिकारों के समर्थन में एक सकारात्मक कदम उठाया है। खासकर HR डेटा के विश्लेषण और खरीद प्रक्रियाओं में जोखिम मूल्यांकन का उपयोग... यह बहुत बुद्धिमानी से किया गया है। और शिक्षा के क्षेत्र में 2.3 मिलियन युवाओं तक पहुँचना... ये तो वाकई अद्भुत है।
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    Amar Yasser

    दिसंबर 14, 2024 AT 07:09
    बहुत बढ़िया काम किया SAP ने! इतने देशों में डिजिटल स्किल्स देना बस एक कंपनी के लिए नहीं, बल्कि पूरे भविष्य के लिए एक दान है। जब तक युवा लोग अच्छी शिक्षा पाएंगे, तब तक असमानता कम होगी। जय हिंद, जय डिजिटल इंडिया!
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    Steven Gill

    दिसंबर 15, 2024 AT 18:16
    सच तो ये है कि जब कोई बड़ी कंपनी इतनी बड़ी बातें करती है तो लगता है कि वो अपने अंदर के बुरे हिस्से को छुपाने की कोशिश कर रही है... पर फिर भी, अगर इनके कदम सचमुच लाखों लोगों की जिंदगी बदल रहे हैं, तो शायद ये बातें बस बकवास नहीं हैं। बस एक बात याद रखनी चाहिए-अच्छे इरादे तो सबके पास होते हैं, लेकिन अच्छे काम बहुत कम होते हैं।
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    Saurabh Shrivastav

    दिसंबर 16, 2024 AT 05:33
    अरे भाई, ये सब बकवास सुनकर मुझे लगता है कि SAP के CEO ने अभी तक अपने बैग में एक फोन नहीं रखा। ये जो शिक्षा कार्यक्रम है, उसमें जितने युवा शिक्षित हुए, उतने ही उनके बाद के नौकरी के लिए उन्हें नौकरी नहीं मिली। बस एक बड़ा बाजार बना दिया। डिजिटल स्किल्स दो, फिर उन्हें बेकार छोड़ दो। ये है नया निर्माण व्यवस्था!
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    Prince Chukwu

    दिसंबर 17, 2024 AT 03:19
    अरे यार! SAP ने जो किया है, वो तो जैसे कोई बारिश के बाद नहाने के बाद अपनी बालों को सुखाने के लिए टूल लेकर आए हो-बारिश तो बरस गई, अब थोड़ा सा बाल भी सुखाना है! लेकिन भाई, ये बाल तो लाखों लोगों के हैं! उन्होंने शिक्षा दी, शिकायत तंत्र बनाया, श्रम के खिलाफ एल्गोरिदम लगाए... ये तो सिर्फ कंपनी नहीं, ये तो एक नए युग की शुरुआत है! जिंदाबाद SAP!

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