उत्तर कोरिया द्वारा और गुब्बारे छोड़े जाने के खिलाफ किम जोंग उन की बहन की नई चेतावनी

उत्तर कोरिया द्वारा और गुब्बारे छोड़े जाने के खिलाफ किम जोंग उन की बहन की नई चेतावनी

उत्तर कोरिया द्वारा और गुब्बारे छोड़े जाने की घटना

हाल के हफ्तों में, उत्तर कोरिया द्वारा दक्षिण कोरिया में सैकड़ों और गुब्बारे छोड़े गए हैं, जिनमें कचरा भरा हुआ है। इन गुब्बारों में सिगरेट के बट्स, टॉयलेट पेपर और अन्य प्रकार का अप्रिय कचरा शामिल है। उत्तर का कहना है कि यह कदम दक्षिण कोरिया के अभियानों के जवाब में उठाया गया है, जिनमें उन्होंने उत्तर कोरिया की आलोचना वाली प्रचार सामग्री और के-पॉप संगीत उत्तर की ओर भेजी थी।

इस मुद्दे ने दोनों देशों के बीच तनाव को बढ़ा दिया है। दक्षिण कोरिया ने इस घटना के बाद 2018 में हुए तनाव-निर्माण के सैन्य समझौते को पूरी तरह से निलंबित कर दिया है और सीमा के साथ लाउडस्पीकर प्रचार प्रसारण को फिर से शुरू किया है। उत्तर कोरिया ने इसे 'मनोवैज्ञानिक युद्ध' कहा है और कड़ी प्रतिक्रिया की धमकी दी है।

किम यो जोंग की चेतावनी

उत्तर कोरिया के नेता किम जोंग उन की बहन, किम यो जोंग, ने चेतावनी दी है कि यदि दक्षिण कोरिया इन अभियानों और लाउडस्पीकर प्रसारण को रोकता नहीं है, तो उत्तर कोरिया 'नई जवाबी कार्यवाही' करेगा। किम यो जोंग ने कहा कि दक्षिण कोरिया को 'कचरा उठाने की कड़वी शर्मिंदगी का सामना करना पड़ेगा, और यह उनका दैनिक काम बन जाएगा।' यह बयान लगातार बढ़ते तनाव का संकेत है।

दक्षिण कोरिया की प्रतिक्रिया

दक्षिण कोरिया की प्रतिक्रिया

दक्षिण कोरिया की सेना ने रिपोर्ट किया है कि उत्तर द्वारा छोड़े गए 310 से अधिक गुब्बारे असमान्य हवा की दिशा के कारण वापस उत्तर कोरिया की ओर उड़ गए। फिर भी, लगभग 50 गुब्बारे दक्षिण कोरिया में उतरे, जिनमें कचरा और प्लास्टिक के टुकड़े थे। सौभाग्य से, इनमें कोई विषाक्त पदार्थ नहीं था।

dक्षिण कोरिया ने इस स्थिति को गम्भीरता से लेकर अपनी सैन्य तैयारियों को मजबूत किया है और सीमा पर सुरक्षा बढ़ा दी है। विशेषज्ञ मानते हैं कि यह गुब्बारे विवाद आगे और बढ़ सकता है, क्योंकि उत्तरी कोरिया किसी भी सीमा से बाहर जाकर दक्षिण को उकसाने के कदम उठा सकता है।

तनाव बढ़ता हुआ

तनाव बढ़ता हुआ

यह मामला पिछले महीने के मध्य से बिगड़ने लगा, जब दक्षिण के कार्यकर्ताओं ने उत्तर कोरिया विरोधी प्रचार सामग्री और के-पॉप संगीत उत्तर की ओर भेजा था। इसके बाद से यह संघर्ष बढ़ता ही गया है। दक्षिण कोरिया ने इसे एक 'ऊपर नीचे' मुकाबला करार दिया है, और दोनों पक्षों में तनाव के साथ-साथ आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है।

इस तरह की घटनाएं कए बार पहले भी हो चुकी हैं, और दोनों देशों के बीच विवाद का इतिहास पुराना है।

कार्यकर्ताओं का कहना है कि उनके पास कोई अन्य विकल्प नहीं है, क्योंकि सरकार उत्तर कोरिया के मानवाधिकार हनन के बारे में कुछ नहीं कर रही है। दूसरी ओर, उत्तर कोरिया इसे अपने खिलाफ 'मनोवैज्ञानिक युद्ध' मानता है और ऐसे उपायों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की चेतावनी देता है।

अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी यह मुद्दा चिंताजनक है, क्योंकि दोनो देशों का तनाव इस क्षेत्र को अस्थिर कर सकता है। विशेषज्ञों का मानना है कि इस विवाद को गंभीरता से लिया जाना चाहिए और संवाद के माध्यम से हल निकालने का प्रयास किया जाना चाहिए।

6 Comments

  • Image placeholder

    Priyanka R

    जून 13, 2024 AT 05:40
    ये सब बस एक बड़ा धोखा है 😒 अमेरिका और भारत दोनों ने उत्तर कोरिया को गुब्बारे भेजने के लिए प्रेरित किया है... वरना क्या बकवास है ये? अगर दक्षिण कोरिया अपनी बात बोलना चाहता है तो रेडियो या टीवी पर करे, गुब्बारों से क्या फायदा? 🤡
  • Image placeholder

    Rakesh Varpe

    जून 14, 2024 AT 17:14
    गुब्बारे भेजना युद्ध नहीं बर्बरता है
  • Image placeholder

    Girish Sarda

    जून 16, 2024 AT 09:45
    क्या आपने कभी सोचा कि ये सब किसके लिए हो रहा है? आम लोगों के लिए नहीं बल्कि सैन्य और राजनीतिक एलिट के लिए। दोनों तरफ के लोग बस अपने अहंकार को साबित कर रहे हैं। क्या ये वाकई जीवन के लिए जरूरी है?
  • Image placeholder

    Garv Saxena

    जून 16, 2024 AT 12:37
    इस सबका मूल कारण हमारी नाटकीय इंसानियत है। हम लोग अपनी आत्मा के अंधेरे को दूसरे के गुब्बारों में भर देते हैं और फिर उसे 'राष्ट्रीय सुरक्षा' का नाम दे देते हैं। ये जो लाउडस्पीकर चल रहे हैं और गुब्बारे उड़ रहे हैं, ये सब एक बड़ी बच्चों जैसी लड़ाई है। अगर आप अपने दिमाग को दूसरे के ऊपर फेंकने के लिए टॉयलेट पेपर का उपयोग करते हैं, तो आपकी बुद्धि असल में कितनी गहरी है? ये सब एक बड़ा खेल है जिसमें सब खो रहे हैं।
  • Image placeholder

    Rajesh Khanna

    जून 18, 2024 AT 02:40
    हमें इस तनाव को शांति से हल करना चाहिए। दोनों देशों के लोग भी आम इंसान हैं। अगर हम एक दूसरे को समझने की कोशिश करें तो ये गुब्बारे भी बंद हो जाएंगे। शांति संभव है 💪
  • Image placeholder

    Sinu Borah

    जून 19, 2024 AT 18:36
    अरे भाई, ये सब तो बस एक बड़ा धोखा है। जो लोग गुब्बारे भेज रहे हैं, वो खुद भी जानते हैं कि ये काम बेकार है। लेकिन वो लोग अपनी शक्ति दिखाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। दक्षिण कोरिया ने जो भेजा वो भी बेकार था, के-पॉप सुनकर कोई उत्तर कोरियाई बदल नहीं जाएगा। और उत्तर कोरिया का गुब्बारा? वो तो बस एक बड़ा बच्चों जैसा बदला है। लेकिन सबसे मजेदार बात ये है कि जिन गुब्बारों को भेजा गया, उनमें से ज्यादातर वापस आ गए। ये तो अपनी ही बात अपने ही घर पर बिखेर रहे हैं। ये नहीं समझ पा रहे कि असली दुश्मन तो अंदर है, बाहर नहीं।

एक टिप्पणी लिखें

नवीनतम लेख

टी20 वर्ल्ड कप 2024: ऑस्ट्रेलिया ने ओमान को 39 रनों से हराया, मार्कस स्टोइनिस ने बल्ले और गेंद से चमक बिखेरी
टी20 वर्ल्ड कप 2024: ऑस्ट्रेलिया ने ओमान को 39 रनों से हराया, मार्कस स्टोइनिस ने बल्ले और गेंद से चमक बिखेरी
US Open 2025 फाइनल: अल्काराज़ बनाम सिन्नर – तीसरी बार ग्रैंड स्लैम द्वंद्व
US Open 2025 फाइनल: अल्काराज़ बनाम सिन्नर – तीसरी बार ग्रैंड स्लैम द्वंद्व
यूएसए बास्केटबॉल लेजेंड लेब्रॉन जेम्स ने 2028 ला ओलंपिक्स में नहीं खेलने की पुष्टि की
यूएसए बास्केटबॉल लेजेंड लेब्रॉन जेम्स ने 2028 ला ओलंपिक्स में नहीं खेलने की पुष्टि की
मिंडानाओ में दोहरी भूकंप (Mw 7.4 व 6.8) ने किया बड़ा तबाही, सुनामी चेतावनी जारी
मिंडानाओ में दोहरी भूकंप (Mw 7.4 व 6.8) ने किया बड़ा तबाही, सुनामी चेतावनी जारी
डिजिटल इंडिया: इलेक्ट्रॉनिक सरकारी सेवाओं और डिजिटल साक्षरता के लिए व्यापक पहल
डिजिटल इंडिया: इलेक्ट्रॉनिक सरकारी सेवाओं और डिजिटल साक्षरता के लिए व्यापक पहल