सीमा पर तनाव के बीच सड़कें उड़ा सकता है उत्तरी कोरिया
दक्षिण कोरियाई सेना ने हाल ही में यह दावा किया है कि उत्तर कोरिया अपनी सीमा पर स्थित सड़कों को विस्फोट करने की तैयारी में जुटा है। दक्षिण कोरिया के जॉइंट चीफ्स ऑफ स्टाफ के प्रवक्ता ली सुंग जून के मुताबिक, उत्तरी कोरियाई सैनिकों को उन सड़कों पर काम करते हुए देखा गया है जो सीमा पर स्थित हैं। रिपोर्ट के अनुसार, उत्तर कोरिया की इस तैयारी से यह अंदेशा लगाया जा रहा है कि सोमवार तक ये सड़कों को उड़ाया जा सकता है।
उत्तर कोरिया लंबे समय से अपनी सीमा की सुरक्षा में सुधार करने के प्रयासों में जुटा है, जिसमें उन्होंने एंटी-टैंक बाधाओं को जोड़ना, जमीनों को बारूदी सुरंगों से भरना, और सड़कों को मजबूत बनाना शामिल है। माना जा रहा है कि यह कदम उत्तर कोरिया की अपनी सेना को मजबूती देने और नागरिकों की विद्रोह की संभावना को कम करने की दिशा में उठाया गया है।
इस घटनाक्रम के पीछे का एक प्रमुख कारण किम जोंग उन की दक्षिण कोरिया के साथ संबंधों को पूर्ण रूप से तोड़ने की नीति है। इस साल की शुरुआत में जनवरी 2024 में, उत्तर कोरिया ने अपने संविधान में शामिल कोरियाई एकीकरण के लक्ष्य को हटाकर दक्षिण कोरिया को 'अपरिवर्तनीय मुख्य दुश्मन' घोषित कर दिया है। यह उनके पूर्ववर्ती की नीति से अलग है जो एकीकृत कोरिया में विश्वास रखती थी।
ड्रोन विवाद से बढ़ा तनाव
उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच की ताजा तनाव की स्थिति कुछ ड्रोन अभियानों के चलते और बढ़ गई है। उत्तर कोरिया ने आरोप लगाया है कि दक्षिण कोरिया ने उसकी राजधानी पर तीन बार ड्रोन भेजे हैं जिनका मकसद प्रोपेगेंडा लीफ़लेट्स गिराना था। उत्तर कोरिया ने चेतावनी दी है कि यदि इन ड्रोन को दोबारा देखा गया तो 'खतरनाक आपदा' उत्पन्न हो सकती है। अब तक दक्षिण कोरिया ने इस बात की कोई पुष्टि नहीं की है कि ड्रोन उसके द्वारा भेजे गए थे, लेकिन उसने यह अवश्य कहा कि यदि उसके नागरिकों की सुरक्षा को खतरा उत्पन्न हुआ तो उत्तर कोरिया को गंभीर दंड दिया जाएगा।
इन सभी घटनाओं की श्रृंखला ने सीमा पर तनाव को और बढ़ा दिया है, जहाँ उत्तर कोरिया ने आठ सशस्त्र तोपखाने इकाइयों को सीमा पर 'फायरिंग शुरू करने के लिए तैयार' स्थिति में रखा है। यह कदम इस बात का संकेत हो सकता है कि अब उत्तरी कोरिया सीमा पर किसी भी अप्रत्याशित घटना का मुकाबला करने के लिए पूरी तरह से तैयार है।
मौजूदा हालात राजनीतिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण हैं, क्योंकि ठोस सुरक्षा उपायों का लक्ष्य उत्तरी कोरिया की नीतियों की ओर ध्यान केंद्रित करना है जो क्षेत्रीय संतुलन को प्रभावित कर सकती हैं।
संबंधों को सुधारने का उपाय
अब सवाल यह उठता है कि क्या दोनों देश अपने बीच के तनाव को खत्म कर सकते हैं। द्वीप के दोनों ओर के देश इस समय एक संवेदनशील स्थिति में हैं, जहां सैन्य संगठनों की छोटी सी भी गलती किसी बड़े विवाद को जन्म दे सकती है। कूटनीतिक बातचीत और संघर्ष समाधान को प्राथमिकता देना इस मुद्दे का एक संभावित समाधान हो सकता है।
इसके अलावा, अंतरराष्ट्रीय समुदाय को भी चाहिए कि वह इस स्थिति पर करीब से नजर बनाए रखे और दोनों देशों के बीच संवाद के प्रयासों को बढ़ावा दे। सुरक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि इस तरह की स्थितियों में स्थिरता बनाए रखने के लिए कूटनीतिक दृष्टिकोण ही लाभकारी होता है।
उम्मीद की जाती है कि उत्तर कोरिया और दक्षिण कोरिया के बीच तनावपूर्ण हालात का स्थायी समाधान निकलेगा जो दोनों देशों के नागरिकों को शांति और समृद्धि की राह पर लेकर आएगा।
Aakash Parekh
अक्तूबर 16, 2024 AT 10:03Kairavi Behera
अक्तूबर 16, 2024 AT 11:26abhishek sharma
अक्तूबर 16, 2024 AT 11:49Sujit Yadav
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अक्तूबर 20, 2024 AT 05:38Surender Sharma
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अक्तूबर 24, 2024 AT 18:09Prachi Doshi
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अक्तूबर 25, 2024 AT 01:35Ron Burgher
अक्तूबर 25, 2024 AT 13:09shubham rai
अक्तूबर 26, 2024 AT 09:59Gaurang Sondagar
अक्तूबर 27, 2024 AT 10:09Nitin Agrawal
अक्तूबर 29, 2024 AT 06:17