भारत में Mpox (मंकीपॉक्स) के संदर्भ:
9 सितंबर, 2024 को दिल्ली में Mpox (मंकीपॉक्स) के एक संदिग्ध मामले के सामने आने के बाद भारत के स्वास्थ्य मंत्रालय ने तत्काल कदम उठाए हैं। इस संदिग्ध मरीज, जो हाल ही में विदेश से लौटा था, को आइसोलेट कर दिया गया है और उसकी स्थिति फिलहाल स्थिर है। उसके नमूने पुष्टि के लिए भेज दिए गए हैं। इस संदर्भ में, केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव अपूर्वा चंद्रा ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सावधानी बरतने और महामारी की रोकथाम के लिए तत्परता दिखाने का निर्देश दिया है।
राज्यों को स्वास्थ्य तैयारी:
स्वास्थ्य मंत्रालय ने राज्यों से कहा है कि वे निगरानी, टेस्टिंग और संपर्क अनुरेखण को बढ़ावा दें। इसके अलावा, संभावित मामलों के इलाज के लिए आइसोलेशन सुविधाएं स्थापित करने के लिए अस्पतालों की पहचान करने का निर्देश भी दिया गया है। इस संदर्भ में स्वास्थ्य मंत्रालय ने जनता को यह आश्वासन भी दिया है कि देश में ऐसे मामलों को नियंत्रित करने के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं।
Mpox की प्रारंभिक पहचान:
नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) द्वारा जारी किए गए निर्देशों में, Mpox मामलों की प्रारंभिक पहचान को प्राथमिकता दी गई है। इन निर्देशों के तहत, नेशनल एड्स कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (NACO), इंटीग्रेटेड डिजीज सर्विलांस प्रोग्राम (IDSP), अस्पताल, पॉइंट्स ऑफ एंट्री (PoEs) और नामित प्रयोगशालाओं को शामिल किया गया है।
Mpox के मामलों की रिपोर्टिंग:
स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि किसी भी संदिग्ध मामले को तुरंत जिला सर्विलांस यूनिट (DSUs), राज्य सर्विलांस यूनिट (SSUs) और केन्द्रीय सर्विलांस यूनिट (CSU) को रिपोर्ट किया जाना चाहिए। इसके बाद यह रिपोर्ट डायरेक्टरेट जनरल ऑफ हेल्थ सर्विसेज (DGHS), स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) को भेजा जाएगा। सभी नमूने निर्दिष्ट प्रयोगशालाओं में भेजे जाएंगे और उनके परिणामों का रिकॉर्ड IDSP SSUs द्वारा संगृहीत किया जाएगा।
होम क्वारंटाइन और संपर्कों की अनुपालना:
संदिग्ध मामलों के संपर्कों के लिए 21 दिनों के लिए होम क्वारंटाइन और सक्रिय फॉलो-अप की सिफारिश की गई है। इसके साथ ही संभव मामलों के संपर्कों के लिए स्व-मॉनिटरिंग की भी सलाह दी गई है।
Mpox के लिए टीकों की उपलब्धता:
वर्तमान में, 35 प्रयोगशालाएं टेस्टिंग के लिए तैयार हैं, जबकि 22 और भी तैयार की जा रही हैं। NCDC के निर्देशों में तीन लाइसेंस प्राप्त टीकों का भी उल्लेख किया गया है: Modified vaccinia Ankara-BN (MVA-BN या JYNNEOS), LC16-KMB, और OrthopoxVac। हालांकि, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) केवल उच्च जोखिम वाले व्यक्तियों के लिए टीकाकरण की सलाह देता है और सामूहिक टीकाकरण की सिफारिश नहीं करता। भारत ने अभी तक Mpox टीकाकरण के लिए कोई सलाह जारी नहीं की है।
Mpox की रोकथाम में जनता की भूमिका:
स्वास्थ्य मंत्रालय ने जनता को आश्वासन दिया है कि देश में Mpox के मामलों को रोकने के लिए पर्याप्त व्यवस्थाएं हैं। साथ ही, उन्होंने जनता से अनावश्यक चिंता नहीं करने की अपील की है। यह भी स्पष्ट किया गया है कि यदि कोई भी Mpox के लक्षण दिखाता है, तो उसे तुरंत स्वास्थ्य अधिकारियों को सूचित करना चाहिए और अपनी जांच करवानी चाहिए।
स्वास्थ्य अधिकारियों ने बताया कि Mpox के मामलों की प्रारंभिक पहचान और समय पर इलाज से संक्रमण को फैलने से रोका जा सकता है। इसलिए, राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सतर्क रहने और सभी निर्देशों का पालन करने की सलाह दी गई है।
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