रामोजी राव का निधन: पेडापारुपुड़ी के ग्रामीणों के उम्मीदों को लगा झटका

रामोजी राव का निधन: पेडापारुपुड़ी के ग्रामीणों के उम्मीदों को लगा झटका

रामोजी राव का निधन: पेडापारुपुड़ी के ग्रामीणों के लिए बड़ी क्षति

प्रसिद्ध व्यवसायी और रामोजी फिल्म सिटी और ईनाडु समूह के संस्थापक चेरुकुरी रामोजी राव का निधन हो गया है, और इससे आंध्र प्रदेश के कृष्णा जिले के पेडापारुपुड़ी गांव के निवासियों में गहरी शोक की लहर है। रामोजी राव का जन्म 16 नवंबर, 1936 को एक साधारण किसान परिवार में हुआ था। उनकी मौलिकता, कठिन परिश्रम, और समर्पण के चलते उन्होंने व्यवसाय और सामाजिक कार्यों में अपनी अमिट पहचान बनाई थी।

पेडापारुपुड़ी गांव के पूर्व सरपंच, गापति बाबूराव ने बताया कि श्री राव ने गांव में कई विकासात्मक कार्य किए। उन्होंने न केवल उस स्कूल का पुनर्निर्माण कराया जहां वे पढ़ाई करते थे, बल्कि वहां एक डिजिटल कक्षा युक्त एमपीपी स्कूल, एक पशु चिकित्सालय, एक ऊंचा पानी का टैंक, और 700 से अधिक घरों में मुफ्त पानी टेप कनेक्शन भी स्थापित कराए। इसके अलावा उन्होंने गांव के तालाब का सौंदर्यीकरण, एक वॉकिंग ट्रैक का निर्माण, और सहकारी बैंक के लिए एक इमारत भी बनाई। उन्होंने गांव के लिए डेढ़ एकड़ जमीन भी खरीदी और उसे दान कर दिया।

रामोजी राव की जीवन यात्रा और उनकी सामाजिक सेवाएं

रामोजी राव ने अपने जीवन में कई संघर्षों का सामना किया, लेकिन उन्होंने किसी भी कठिनाई के आगे घुटने नहीं टेके और लगातार अपने लक्ष्यों की ओर बढ़ते रहे। उनके जीवन की यह यात्रा युवाओं के लिए एक प्रेरणा का स्रोत है। उन्होंने सिर्फ व्यापार में ही नहीं बल्कि समाज सेवा में भी अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया।

गांव के निवासी जो रामोजी राव को एक मार्गदर्शक, प्रेरणा, और सहयोगी के रूप में देखते थे, उनके निधन के बाद व्यथित हैं। जहां एक ओर उन्होंने गांव की विशेषताओं को संरक्षित रखने की कोशिश की, वहीं दूसरी ओर उन्होंने आधुनिक सुविधाओं का भी समावेश कर गांव को नया रूप दिया।

पेडापारुपुड़ी के लोगों के लिए रामोजी राव का योगदान अविस्मरणीय रहेगा। गांव के तालाब का सौंदर्यीकरण, वॉकिंग ट्रैक का निर्माण, पशु चिकित्सालय, और सहकारी बैंक की इमारत के निर्माण जैसे कार्य उनके दूरदृष्टि और परोपकारी हृदय का प्रत्यक्ष प्रमाण हैं।

गांव के विकास में रामोजी राव की भूमिका

गांव के विकास कार्यों में रामोजी राव की सक्रिय भागीदारी रही है। उनके द्वारा की गई नई पहलें और विकास योजनाएं आज भी गांववासियों के जीवन को बेहतर बनाने में सहायक हो रही हैं। मौजूदा गांववासियों के अनुसार, रामोजी राव ने जो काम किए हैं, वे गांव के विकास का एक मील का पत्थर साबित हुए हैं। उनके इन विकासात्मक कदमों से गांव में स्वास्थ्य सुविधाओं, शिक्षा, जल आपूर्ति और बुनियादी ढांचे के स्तर में महत्वपूर्ण सुधार हुआ है।

गांव में एक नयी ऊर्जा लाने के लिए उन्होंने विभिन्न परियोजनाओं की शुरुआत की। स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के लिए उन्होंने पशु चिकित्सालय का निर्माण कराया, जहां ग्रामीण अपने पशुओं का मुफ्त इलाज करा सकते थे। इसके अलावा, उन्होंने गांव के पुराने तालाब का सौंदर्यीकरण कराया और एक वॉकिंग ट्रैक का निर्माण किया जिसे ग्रामीण सुबह-सुबह टहलने और व्यायाम करने के लिए प्रयोग करते हैं।

रामोजी राव की दृष्टि और सोच

रामोजी राव की दृष्टि और सोच हमेशा से ही गांव के विकास और ग्रामीणों के जीवन में सुधार की दिशा में रही है। उनके द्वारा दान की गई डेढ़ एकड़ जमीन से गांववासियों को एक नई उम्मीद मिली है। उन्होंने नि:स्वार्थ भावना के साथ गांव के हित में कई निर्णय लिए और हमेशा ही उनकी प्राथमिकता गांव का समग्र विकास रही है।

उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। अपनी पुरानी स्कूल को पुनर्निर्माण कराया और वहां डिजिटल कक्षा की सुविधा उपलब्ध कराई जिससे कि गांव के बच्चों को अच्छी शिक्षा मिल सके।

रामोजी राव का निधन निश्चित रूप से पेडापारुपुड़ी के लिए एक बड़ी क्षति है। उनके बिना गाँव के लोग अपने भविष्य की योजनाओं में शायद वही दृढ़ता और दिशानिर्देश ना पा सकें। पूरे गांव की उम्मीदें उनसे जुड़ी हुई थीं, खासकर राज्य सरकार में हाल ही में हुए बदलाव के बाद उन्हें विकास की उम्मीदें जगी थीं।

ग्रामीणों की आशाएं और भावनाएं

गांव के लोग रामोजी राव के जाने से गहरे दुख में हैं और उनके योगदानों को हमेशा याद रखेंगे। ग्रामीण उनकी सच्ची श्रद्धांजलि तभी मानेंगे जब वे उनकी सोच और समझ को बनाए रखेंगे और उनके द्वारा शुरू किए गए कार्यों को आगे बढ़ाएंगे।

रामोजी राव के निधन के बाद, गांववासियों की उम्मीदें और सपने धुंधले लगने लगे हैं। राज्य सरकार के हालिया बदलावों के बाद, गांववासियों को उम्मीद थी कि रामोजी राव के माध्यम से उन्हें और भी बेहतर सुविधा और विकास के अवसर मिलेंगे।

रामोजी राव के योगदान को भूला नहीं जा सकता। उनकी सेवा, योगदान और परोपकार के कार्यों को सदा याद रखा जाएगा। पेडापारुपुड़ी के लोगों के जीवन में उन्होंने जो परिवर्तन लाए थे, वे आज भी जीवित हैं और आगे वर्षों तक जारी रहेंगे। उनके आदर्श और उनके विचार सदियों तक गांव के विकास में प्रेरणा का स्रोत बने रहेंगे। आज पूरा पेडापारुपुड़ी गांव गहरे शोक में डूबा हुआ है और उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना कर रहा है।

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