COVID के नए वैरिएंट XEC के फैलाव पर एक नजर: यूरोप और वैश्विक हालात

COVID के नए वैरिएंट XEC के फैलाव पर एक नजर: यूरोप और वैश्विक हालात

COVID-19 के नए वैरिएंट XEC के वैश्विक प्रसार का विश्लेषण

COVID-19 का नया वैरिएंट XEC विश्वभर में तेजी से फैल रहा है। इस वैरिएंट को सबसे पहले जून में जर्मनी में पहचाना गया था और अब यह कई देशों में पाया गया है। मुख्यतः यह वैरिएंट UK, US, डेनमार्क और अन्य देशों में दर्ज किया गया है। बैज्ञानिकों का कहना है कि यह वैरिएंट, KS.1.1 और KP.3.3 वैरिएंट्स के संयोजन होने के कारण और भी खतरनाक हो सकता है। इस वैरिएंट के फैलाव की दर को देखते हुए अंदाज लगाया गया है कि यह सर्दियों में प्रमुख स्ट्रेन बन सकता है।

XEC के फैलाव का वर्तमान स्थिति

यह वैरिएंट कम से कम 15 देशों और 12 अमेरिकी राज्यों में पाया गया है। सबसे तेज़ बढ़ोतरी डेनमार्क और जर्मनी में देखी गई है जहां यह वर्तमान में लगभग 20% सैंपल्स में पाया गया है। UK में, यह लगभग 10% मामलों का हिस्सा बन चुका है। वैरिएंट के लक्षण अन्य COVID वैरिएंट्स के समान हैं जैसे थकान, सिरदर्द, गले में खराश, और बुखार का होना।

वायरस का विशेषज्ञ दृष्टिकोण

यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन के जेनेटिक्स इंस्टीट्यूट के निदेशक प्रोफेसर फ्रांस्वा बैलो का कहना है कि भले ही XEC वैरिएंट अधिक संक्रामक है, तो भी टीके उचित सुरक्षा प्रदान करेंगे क्योंकि यह ओमिक्रोन परिवार से संबंधित है। स्क्रिप्स रिसर्च ट्रांसलेशनल इंस्टीट्यूट के निदेशक एरिक टोपोल बताते हैं कि इस वैरिएंट को फैलने और मामलों में वृद्धि करने के लिए कुछ हफ्ते या एक से दो महीने लग सकते हैं।

नए वैरिएंट के खिलाफ टीकाकरण अभियान

UK हेड सिक्योरिटी एजेंसी (UKHSA) द्वारा यह कहा गया है कि वायरस का म्युटेट होना सामान्य बात है। इस साल के फ्लू और COVID टीकाकरण अभियान अक्टूबर में शुरू होने वाले हैं, हालांकि कुछ लोगों को उनके टीकाकरण इससे पहले मिल सकते हैं। NHS फ्री बूस्टर शॉट्स भी उन लोगों को दे रही है जो COVID से गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं, जिसमें 64 साल से अधिक आयु के लोग, केयर होम के निवासी और कुछ फ्रंटलाइन हेल्थकेयर प्रोफेशनल्स शामिल हैं।

भविष्य की तैयारियां

इसके अलावा, सभी देशों में इस नए वैरिएंट के नियंत्रित प्रसार के लिए सतर्कता बरती जा रही है। जाँच और संक्रियात्मक मध्यस्थता जैसे उपायों द्वारा इस महामारी को फैलने से रोकने के लिए सरकार और स्वास्थ संस्थानों द्वारा आवश्यक कदम उठाए जा रहे हैं। विशेषरूप से हाई रिस्क ग्रुप्स और बुजुर्ग नागरिकों के लिए खास सतर्कता रखी जा रही है।

एक बात साफ है कि जब तक यह महामारी समाप्त नहीं होती, तब तक सतर्क रहना और वैज्ञानिकों तथा डॉक्टरों की सलाह का पालन करना अनिवार्य होगा। लगातार बदलती स्थिति के चलते यह जरूरी है कि सभी अपने स्वास्थ का ध्यान रखें और सकारात्मक रहें।

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