हाथरस में सत्संग आयोजन के दौरान भगदड़, कई लोगों की मौत

हाथरस में सत्संग आयोजन के दौरान भगदड़, कई लोगों की मौत

हाथरस में सत्संग आयोजन के दौरान भगदड़

उत्तर प्रदेश के हाथरस जिले के महोली गांव में एक भव्य सत्संग आयोजन के दौरान भगदड़ मचने से कई लोगों की मौत हो गई। यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना 12 नवंबर 2022 को उस समय घटी, जब हजारों श्रद्धालु धार्मिक नेता पवन कुमार जी के सत्संग में भाग लेने के लिए एकत्र हुए थे। सत्संग के समापन के बाद, जब सभी श्रद्धालु आयोजन स्थल से बाहर निकल रहे थे, तभी अचानक भगदड़ मच गई और अफरा-तफरी का माहौल बन गया।

घटना का पूरा विवरण

सत्संग स्थल पर शनिवार को बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे और आयोजन बेहद सफल लग रहा था। पवन कुमार जी के प्रवचनों को सुनने के लिए लोग दूर-दूर से आए थे। आयोजन के बाद, जब लोग वापस लौटने लगे, तब आयोजन स्थल पर निकासी के लिए पर्याप्त व्यवस्था न होने के कारण भगदड़ मच गई। इस भगदड़ में कम से कम 10 लोगों की मौत हो गई और कई अन्य घायल हो गए।

प्रशासन की त्वरित कार्रवाई

घटना की जानकारी मिलते ही प्रशासन ने तुरंत मौके पर पहुंचकर राहत और बचाव कार्य शुरू कर दिया। घायलों को तुरंत नजदीकी अस्पतालों में भर्ती कराया गया। उत्तर प्रदेश सरकार ने मृतकों के परिवारों को ₹5 लाख की आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस घटना पर गहरा दुख जताया है और मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना व्यक्त की है। साथ ही, उन्होंने इस घटना की जांच के आदेश भी दिए हैं।

जांच और प्रशासनिक कदम

हाथरस जिले के जिलाधिकारी राकेश कुमार सिंह ने भी इस घटना की जांच के निर्देश दिए हैं। पुलिस ने मामले की पूरी गंभीरता से जांच शुरू कर दी है और आयोजनकर्ताओं के खिलाफ केस दर्ज किया है। प्रारंभिक जांच में यह सामने आया है कि आयोजन स्थल पर भीड़ नियंत्रण के उचित उपाय नहीं किए गए थे, जिससे यह भगदड़ मची।

सत्संग की पृष्ठभूमि और समारोह की विशेषताएं

यह सत्संग आयोजन पवन कुमार जी के वार्षिक समारोह के उपलक्ष्य में किया गया था। पवन कुमार जी एक चर्चित धार्मिक नेता हैं, जिनके अनुयायी पूरे देशभर में फैले हुए हैं। हर साल उनकी पुण्यतिथि पर यह समारोह बड़े धूमधाम से मनाया जाता है, जिसमें हजारों लोग शिरकत करते हैं। इस बार भी यही परंपरा निभाने के लिए महोली गांव में यह भव्य आयोजन किया गया था।

स्थानीय जनता की प्रतिक्रिया

घटना के बाद महोली गांव में शोक की लहर दौड़ गई है। स्थानीय जनता का कहना है कि प्रशासन को इस तरह के बड़े आयोजनों के लिए बेहतर व्यवस्था करनी चाहिए। ग्रामीणों का आरोप है कि सत्संग आयोजन समिति ने सुरक्षा उपायों पर ध्यान नहीं दिया, जिसकी वजह से यह त्रासदी हुई।

जनता से अपील

इस घटना के बाद स्थानीय प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी बड़े आयोजन में भाग लेने से पहले सुरक्षा के सभी जरूरी उपायों का ध्यान रखें। प्रशासन ने यह भी निर्देश जारी किए हैं कि भविष्य में इस तरह के आयोजनों के लिए पूर्व योजना बनाई जाए और भीड़ नियंत्रण के उचित इंतजाम किए जाएं।

इस दुर्भाग्यपूर्ण घटना ने एक बार फिर से यह सवाल उठा दिया है कि बड़े आयोजनों में सुरक्षा और भीड़ प्रबंधन पर किस हद तक ध्यान दिया जाता है। उम्मीद है कि प्रशासन और आयोजनकर्ता इस घटना से सबक लेंगे और भविष्य में इस तरह की त्रासदियों को रोकने के लिए सार्थक कदम उठाएंगे।

10 Comments

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    abhishek sharma

    जुलाई 3, 2024 AT 22:38

    ये सब सत्संग वाले लोग अपने अपने घरों में बैठकर भगवान को याद करें तो बेहतर होता। इतनी भीड़ लगाने की जरूरत क्या है? जब तक इनके पास एक भी अस्पताल नहीं होगा, तब तक ये लोग भीड़ में मरते रहेंगे। ये सब निकासी की व्यवस्था नहीं कर पाए, तो फिर ये सब बातें क्यों कर रहे हो? जब तक ये लोग अपने अहंकार को नहीं छोड़ेंगे, तब तक ये त्रासदियां दोहराई जाएंगी। अब तो सिर्फ राजनीति के लिए नहीं, धर्म के नाम पर भी लोगों की जान जा रही है।

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    Surender Sharma

    जुलाई 5, 2024 AT 08:56

    yaar yeh sab kya bata rha hai? kuchh bhi nahi samjha... bas ek bhaiya ko bhej diya tha jisne kaha tha ki yeh sab thik hai... ab toh 10 log mare... kya kare? pta nhi kaise log itne ghatiya decisions lete hai

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    Divya Tiwari

    जुलाई 6, 2024 AT 22:06

    ये सब अंधविश्वास का नतीजा है। हम जब तक अपने दिमाग को बंद नहीं कर देंगे, तब तक ये त्रासदियां चलती रहेंगी। हमारी संस्कृति में भीड़ में जाने की आदत है, लेकिन अब ये आदत हमारी मौत का कारण बन रही है। धर्म का नाम लेकर लोगों को बेवकूफ बनाया जा रहा है। इन धार्मिक नेताओं को जेल भेज देना चाहिए, न कि उन्हें बहुत सारे फैन देना।

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    shubham rai

    जुलाई 8, 2024 AT 02:19

    rip 😔

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    Nadia Maya

    जुलाई 9, 2024 AT 21:59

    यह घटना वास्तव में एक निर्मम उदाहरण है कि कैसे असंगठित जनसमूह के अंतर्गत एक अत्यंत भावनात्मक और अतिरंजित आध्यात्मिक अनुभव को बाहरी नियंत्रण के बिना लाया जाता है। जब एक व्यक्ति अपने अहंकार को अनंत और अपरिमित बना देता है, तो वह भीड़ के जीवन को एक बिंदु के रूप में देखने लगता है। यह आधुनिक भारत की अंधविश्वास और शासन की अक्षमता का एक दुखद संकेत है।

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    Nitin Agrawal

    जुलाई 11, 2024 AT 19:41

    haathras mein toh har saal kuch na kuch hota hi hai... abhi tak koi bhi nahi mara tha? yeh sab fake news hai... sab kuch government ki galti hai... ye log toh bas apne naam ka dhanda karte hain

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    Gaurang Sondagar

    जुलाई 13, 2024 AT 10:26

    ये भीड़ वाले लोग अपने आप को बचाना नहीं जानते। जो भीड़ में जाते हैं वो मरने के लिए जाते हैं। सरकार ने क्या किया? कुछ नहीं। आयोजकों को फांसी दे दो। ये सब धर्म का नाम लेकर बेकार की बातें करते हैं। इस तरह के लोगों को नहीं बचाना चाहिए।

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    Ron Burgher

    जुलाई 14, 2024 AT 09:23

    अरे भाई ये सब लोग जानते हैं कि ये आयोजन बेकार हैं। फिर भी जाते हैं। अगर तुम अपनी जान बचाना चाहते हो तो घर पर बैठ जाओ। इन धार्मिक नेताओं को भी नहीं बचाना चाहिए। ये सब लोग बेकार के लिए जी रहे हैं।

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    kalpana chauhan

    जुलाई 14, 2024 AT 11:17

    हमें इस त्रासदी से सबक सीखना चाहिए 🙏
    भीड़ में जाने से पहले सुरक्षा के बारे में सोचना चाहिए।
    अगर हम एक दूसरे की रक्षा करेंगे तो ऐसी घटनाएं नहीं होंगी।
    हमारी संस्कृति में सहयोग का महत्व है।
    इस बार भीड़ को नियंत्रित करने के लिए जिम्मेदारी लें।
    हम सब एक दूसरे के लिए जिम्मेदार हैं।
    शांति और सावधानी से जीना है।
    आइए इस दुख को भविष्य के लिए एक शिक्षा बनाएं।

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    Prachi Doshi

    जुलाई 16, 2024 AT 07:54

    ये घटना बहुत दुखद है। हमें इस तरह के आयोजनों के लिए बेहतर योजना बनानी चाहिए।
    जिम्मेदारी से काम लेना जरूरी है।

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