एडिलेड टेस्ट: केएल राहुल को नो-बॉल से मिला जीवनदान
भारतीय क्रिकेट टीम के लिए एडिलेड टेस्ट का पहला दिन बेहद रोमांचक साबित हुआ। इस मैच का एक महत्वपूर्ण क्षण तब आया जब भारतीय ओपनर केएल राहुल को नो-बॉल के कारण जीवनदान मिला। यह घटना ऑस्ट्रेलिया के तेज गेंदबाज स्कॉट बोलैंड की पहली ही गेंद पर घटित हुई, जिसे पहले आउट मान लिया गया था। टेस्ट मैच के इन प्रारंभिक क्षणों ने स्टेडियम में मौजूद दर्शकों के बीच उत्सुकता और बेचैनी पैदा कर दी।
कैसे हुआ नो-बॉल विवाद?
विवाद की शुरुआत तब हुई जब राहुल, जो कि यशस्वी जायसवाल के साथ ओपनिंग पर थे, बोलैंड की पहली ही गेंद पर विकेटकीपर एलेक्स कैरी को कैच थमाकर आउट हुए। यह घटना इतनी जल्दी घटी कि खुद राहुल को भी यकीन नहीं हो रहा था कि बॉल नो-बॉल थी। वो अविश्वास में अपने ड्रेसिंग रूम की ओर बढ़े, जबकि मैदान में उपस्थित अंपायर ने नो-बॉल का इशारा किया। इस बीच, भारतीय टीम के नंबर 4 बल्लेबाज विराट कोहली ने राहुल की जगह मैदान में आने की तैयारी की।
विराट कोहली की असमंजस में वापसी
जैसे ही विराट कोहली ने मैदान में प्रवेश किया और राहुल को वापस जाते हुए देखा, तो उन्हें अंपायर से नो-बॉल की खबर मिली। इस पर कोहली थोड़े असमंजस में थे और उन्होंने बिना समय गवाए तुरंत ड्रेसिंग रूम की ओर वापस अनुगमन किया। इस घटना ने क्रिकेट के अद्भुत नियमों और खेल की अनिश्चितताओं को स्पष्ट रूप से दर्शाया।
मिसफील्ड और राहुल का योगदान
इसी ओवर में ऑस्ट्रेलियाई खिलाड़ी उस्मान ख्वाजा द्वारा स्लिप्स में एक कैच छोड़ने से राहुल को एक और जीवनदान मिला, जिसका लाभ उठाते हुए उन्होंने महत्वपूर्ण 37 रन बनाए। राहुल के इस संघर्षपूर्ण प्रयास से टीम को एक स्थायी आधार मिला और उन्होंने 64 गेंदों का सामना किया। हालांकि, अंततः उन्होंने मिशेल स्टार्क की बॉल पर अपना विकेट गंवा दिया।
मिशेल स्टार्क की उत्कृष्ट गेंदबाजी
इस रोमांचक मुकाबले में ऑस्ट्रेलियाई तेज गेंदबाज मिशेल स्टार्क ने अपनी करियर में सर्वश्रेष्ठ गेंदबाजी प्रदर्शन दिखाया। उन्होंने 48 रन देकर कुल 6 विकेट लिए। विशेष रूप से, उन्होंने भारतीय टीम के महत्वपूर्ण खिलाड़ियों जैसे यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, विराट कोहली, रविचंद्रन अश्विन, और हर्षित राणा को आउट किया। यह स्टार्क का इस प्रकार का शानदार प्रदर्शन था जिसने ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाजी को मजबूती दी।
इस घटना ने खेल के दर्शकों में एक प्रकार की हलचल पैदा कर दी और एक बार फिर साबित कर दिया कि क्रिकेट अनपेक्षित और अप्रत्याशित क्षणों से भरा खेल है। भारतीय टीम के लिए यह एक ऐसा दिन था जिसे लंबे समय तक याद रखा जाएगा।
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