भारतीय ग्रामीणों की रोजमर्रा की जिंदगी को सरल बनाने के लिए कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। CSC, भारत सरकार की एक पहल है, जिसका उद्देश्य देश के गांवों और दूरस्थ क्षेत्रों में ई-सेवाएं प्रदान करना है। यह केंद्र ना सिर्फ इंटरनेट और कंप्यूटर पहुंच की सुविधा देते हैं, बल्कि ग्रामीण जनता को सरकारी और गैर-सरकारी सेवाओं का लाभ भी दिलाते हैं।
CSC के माध्यम से नागरिक सरकार की कई सेवाओं जैसे कि प्रमाण पत्र, लाइसेंस, पेंशन और स्वास्थ्य सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं। इसके अलावा, यह केंद्र शिक्षा, कृषि, वित्तीय समावेशन, और ग्रामीण बीपीओ जैसी अन्य सेवाएं भी प्रदान करते हैं।
2015 में लॉन्च हुई CSC 2.0 योजना का मुख्य उद्देश्य है कि हर ग्राम पंचायत में कम से कम एक CSC हो। इस योजना से देशব্যापी ई-सेवाओं की पहुँच को और बढ़ाया गया है। CSC 2.0 के अंतर्गत, एक सार्वभौमिक तकनीकी प्लेटफॉर्म की मदद से सेवा वितरण को एकीकृत किया गया है।
CSC का इंफ्रास्ट्रक्चर बहुत ही साधारण होते हुए भी अनेक सेवाएं प्रदान करने में सक्षम है। यह एक कमरे या भवन में संचालित होता है जिसमें दो पीसी, इंटरनेट कनेक्टिविटी और अन्य आवश्यक उपकरण होते हैं।
भविष्य में CSC का विस्तार और अधिक संस्कृतिकरण और सेवाओं के साथ किया जाएगा जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में विकास की नई रोशनी पहुंचेगी।
- क्या हैं कॉमन सर्विस सेंटर?
- CSC की सेवाएँ और सुविधाएं
- CSC 2.0 योजना की मुख्य बातें
- ग्रामीण क्षेत्रों में CSC की सफलताएँ
- भविष्य में CSC का विस्तार
क्या हैं कॉमन सर्विस सेंटर?
कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) भारत सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों में ई-सेवाएं पहुँचाना है। यह केंद्र स्थानीय स्तर पर स्थापित किए जाते हैं ताकि लोग सरकार और अन्य सेवाओं का लाभ उठा सकें। इससे पहले, कई ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट और कंप्यूटर की सुविधा नहीं थी, जिससे उन्हें डिजिटल सेवाओं का लाभ नहीं मिल पाता था। CSC इस समस्या का समाधान है, जहां लोग आसानी से अपने आसपास की सेवाएं प्राप्त कर सकते हैं।
CSC न केवल सरकारी सेवाओं की पहुँच को आसान बनाता है, बल्कि यह एक तरह का 'वन-स्टॉप शॉप' बन गया है जहां विभिन्न सेवाएं एक ही स्थान पर उपलब्ध होती हैं। यहां लोग जन्म प्रमाण पत्र, जाति प्रमाण पत्र, ड्राइविंग लाइसेंस, पेंशन और भी कई अन्य दस्तावेज प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, ये केंद्र बिल भुगतान, बीमा, बैंकिंग और यहां तक कि सरकारी योजनाओं की जानकारी भी प्रदान करते हैं।
ज्यादातर CSC गांवों में चलाए जाते हैं जहां लोग कम पढ़े-लिखे होते हैं और उन्हें डिजिटल सेवाओं का लाभ उठाने में कठिनाई होती है। CSC के माध्यम से उन्हें मदद मिलती है और वे अपने काम को सरलता से कर सकते हैं। एक अध्ययन के अनुसार, ग्रामीण क्षेत्रों में CSC ने वित्तीय समावेशन को बढ़ावा दिया है और लोगों को बैंकिंग सेवाओं का इस्तेमाल करना सिखाया है।
ऐसे ही एक CSC संचालक रमेश सिंह बताते हैं:
“जबसे हमारे गांव में CSC खुला है, लोगों की जिंदगी में बहुत सुधार हुआ है। पहले हमें छोटे-छोटे कामों के लिए शहर जाना पड़ता था, लेकिन अब अधिकतर सेवाएं यहीं मिल जाती हैं।”इससे पता चलता है कि CSC ने कैसे ग्रामीण समुदायों को आत्मनिर्भर बनाया है और उनके जीवन को सरल किया है।
इस पहल का महत्व इस बात से भी समझा जा सकता है कि CSC देशभर में विभिन्न भाषाओं में सेवाएं प्रदान करता है, जिससे हर किसी को अपने मातृभाषा में सेवा मिलती है। ये केंद्र स्थानीय संस्कृतियों और प्रथाओं को भी ध्यान में रखते हुए सेवाएं प्रदान करते हैं, जिससे लोग आसानी से उन्हें अपना पाते हैं।
CSC के इंफ्रास्ट्रक्चर के मामले में, यह अत्यंत सरल लेकिन प्रभावी होता है। एक छोटे से कमरे या भवन में दो कंप्यूटर, इंटरनेट कनेक्टिविटी और कुछ आवश्यक उपकरणों के साथ यह केंद्र काम करता है। इस छोटे से सेटअप के माध्यम से अनगिनत सेवाएं प्रदान की जाती हैं, जो ग्रामीण जीवन को डिजिटल सुविधाओं के करीब लाती हैं।
कुल मिलाकर, कॉमन सर्विस सेंटर ग्रामीण भारत के लिए एक वरदान साबित हो रहे हैं। ये केंद्र न केवल सरकारी सेवाओं को सुलभ बनाते हैं, बल्कि लोगों को डिजिटल सेवा का अनुभव भी कराते हैं। इससे गांवों में डिजिटल लिटरेसी और आत्मनिर्भरता बढ़ रही है।
CSC की सेवाएँ और सुविधाएं
कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में लोगों को कई प्रकार की सेवाएँ प्रदान करने के लिए स्थापित किए गए हैं। इन सेवाओं का उद्देश्य गाँवों में रहने वाले लोगों को विभिन्न सरकारी तथा गैर सरकारी सुविधाओं का लाभ पहुंचाना है। CSC की सबसे प्रमुख सेवाओं में शासन सेवा (G2C) सम्मिलित हैं, जिनके माध्यम से ग्रामीण लोग प्रमाण पत्र, पेंशन, लाइसेंस, और अन्य सरकारी प्रमाण पत्र आसानी से प्राप्त कर सकते हैं।
इसके अलावा, CSC के माध्यम से शिक्षा सेवाएँ भी प्रदान की जाती हैं। इनमें ऑनलाइन पाठ्यक्रम, डिजिस्किल्स, और अन्य शैक्षिक सामग्री शामिल होती हैं। CSC पोर्टल पर विद्यार्थी अपने लिए आवश्यक पाठ्यक्रम चुन सकते हैं और ऑनलाइन ट्रेनिंग और सर्टिफिकेशन प्राप्त कर सकते हैं। यह उन लोगों के लिए बहुत मददगार होता है जो शहरों में जाकर उच्च शिक्षा प्राप्त नहीं कर सकते।
स्वास्थ्य सेवाएँ
स्वास्थ्य सेवाओं के क्षेत्र में, CSC ने ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल हेल्थकेयर की सुविधा दी है। टेलीमेडिसिन के माध्यम से गाँवों के नागरिक विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा, CSC के तहत कई स्वास्थ्य जांच जैसे ब्लड प्रेशर, शुगर, और अन्य बुनियादी जांच की जा सकती हैं। इस प्रकार, ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सेवाएं सस्ती और सुलभ हो गई हैं।
"कॉमन सर्विस सेंटर ग्रामीण भारत में डिजिटल क्रांति का माध्यम बने हैं, जिससे गाँवों के लोग बिना किसी परेशानी के कई सेवाओं का लाभ उठा रहे हैं।" - भारतीय इलेक्ट्रॉनिक्स और आईटी मंत्रालय
कृषि सेवाएँ
कृषि के क्षेत्र में CSC ने किसानों को भी मदद पहुँचाई है। इसके माध्यम से किसान यूरिया, बीज, और कीटनाशक खरीद सकते हैं। इसके अलावा, कृषि संबंधी जानकारी जैसे कि मौसम अपडेट, खेती की बहुआयामी तकनीकें, और फसल का उचित मूल्य भी CSC के माध्यम से उपलब्ध कराया जाता है। इससे किसानों को बड़ी सहायता मिली है और उनकी फसल उत्पादन में वृद्धि हुई है।
रोजगार सृजन के अलावा, अनेक वित्तीय समावेशन की सेवाएं भी यहाँ उपलब्ध हैं। बैंकिंग सेवाएं, बीमा, पेंशन योजना, और माइक्रोफाइनेंस जैसे वित्तीय उत्पादों को ग्रामीण जनता तक पहुँचाने में CSC बहुत मददगार साबित हुए हैं। यहाँ तक कि छोटे व्यवसायों के लिए ऋण सुविधाएं भी उपलब्ध करवाई जा रही हैं।
इसके अतिरिक्त, नागरिक सर्विस सेंटर्स मनोरंजन, एजुकेशन और ट्रेनिंग जैसे अन्य उपयोगी सेवाएं भी प्रदान कर रहे हैं। इनमें मुख्य रूप से ऑनलाइन गेमिंग, फिल्में, संगीत डाउनलोड, और डिजिटल लाइब्रेरी शामिल हैं। यह सेवाएं ग्रामीण युवाओं को तकनीकी ज्ञान और मनोरंजन का अच्छा माध्यम बनाकर उभरी हैं।
CSC 2.0 योजना की मुख्य बातें
2015 में शुरू हुई ये योजना भारत सरकार के डिजिटल इंडिया अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। CSC 2.0 योजना का मुख्य उद्देश्य देश के हर ग्राम पंचायत में एक कॉमन सर्विस सेंटर स्थापित करना है। इस योजना के तहत लगभग 2.5 लाख ग्राम पंचायतों में CSCs स्थापित किए जाने का लक्ष्य रखा गया था। यह योजना ग्रामीण क्षेत्रों में ई-सेवाओं की उपलब्धता को बेहतर बनाने के लिए काम कर रही है।
CSC 2.0 के अंतर्गत जो प्रमुख तत्व हैं, उनमें एक समान तकनीकी प्लेटफॉर्म के माध्यम से सेवा वितरण को एकीकृत करना शामिल है। इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि हर नागरिक को सरकार की सभी सेवाएँ एक ही स्थान पर मिल सकें। इस योजना के तहत, हर CSC को एक निश्चित मानकीकरण प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है ताकि सेवाओं की गुणवत्ता में कोई कमी ना आए।
एक अन्य महत्वपूर्ण पहलू है स्थानीय हेल्प डेस्क समर्थन। यह नागरिकों को सेवा संबंधी किसी भी समस्या का तत्काल समाधान प्रदान करता है। इससे नागरिकों में CSCs के प्रति विश्वास बढ़ा है और वे अधिक से अधिक सेवाओं का उपयोग कर रहे हैं।
इस योजना के अंतर्गत, ग्राम स्तर उद्यमियों (VLEs) के लिए एक स्थायी नेटवर्क बनाया गया है। ये VLEs ही CSCs का संचालन करते हैं और इन्हें विभिन्न सेवाओं का प्रशिक्षण भी दिया जाता है। इसके ज़रिये, ग्रामीण युवाओं को रोजगार के अवसर भी मिलते हैं, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
प्रोजेक्ट के कुछ प्रमुख घटक हैं जिनमें कंटेंट और सेवाएं, तकनीक, कनेक्टिविटी, क्षमता निर्माण, और एक बिजनेस मॉडल शामिल है।
DMEIT के निर्देशक ने कहा था, 'CSC 2.0 ग्रामीण क्षेत्रों में ई-सेवा पहुँचाने का सबसे सशक्त माध्यम है जो डिजिटल इंडिया के सपनों को साकार कर रहा है।'
इस योजना में प्रत्येक CSC को एक कमरा या भवन, दो PC, इंटरनेट कनेक्टिविटी और अन्य आवश्यक उपकरण प्रदान किए जाते हैं। इसका उद्देश्य है कि न केवल सरकार की सेवाएँ ग्रामीण क्षेत्रों तक पहुँचे, बल्कि उन्हें विभिन्न प्रकार की सूचना और ज्ञान का भी लाभ मिले। कई दूरस्थ क्षेत्रों में इस योजना ने वाकई क्रांति ला दी है।
भविष्य में, CSC 2.0 का विस्तार और अधिक सेवाओं के साथ किया जाएगा। जैसे कि कृषि, स्वास्थ्य, शिक्षा, वित्तीय समावेशन, और ग्रामीण BPO जैसी सुविधाएं इसमें जोड़ी जाएंगी। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर विकास देखने को मिलेगा। इस योजना के तहत कई नई औद्योगिक प्रक्रिया और सेवाएँ भी जोड़ी जा रही हैं, जिससे CSCs का स्वरूप और अधिक विस्तारित हो सके।
ग्रामीण क्षेत्रों में CSC की सफलताएँ
कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) ने ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी जगह पक्की कर ली है और एक महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। जब से यह पहल शुरू हुई है, तब से कई गाँवों में डिजिटल सेवाओं की पहुँच इतनी बढ़ी है कि लोगों का जीवन पहले से कहीं अधिक आसान हो गया है। उदाहरण के तौर पर, राजस्थान के बाड़मेर जिले में स्थित एक CSC ने कई ग्रामवासियों को डिजिटल सेवाओं का लाभ दिलाकर उनकी समस्याओं को कम किया है।
CSC के माध्यम से, ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले लोग आसानी से जन्म प्रमाण पत्र, निवास प्रमाण पत्र और कास्ट सर्टिफिकेट जैसे दस्तावेज़ प्राप्त कर सकते हैं। यह सेवाएं पहले लोगों को पंचायत या तहसील कार्यालय तक जाने के लिए मजबूर करती थीं, जो की समय और धन दोनों की बर्बादी थी। अब, उन्हीं सेवाओं को अपने गाँव में ही प्राप्त कर सकते हैं।
डिजिटल लर्निंग के क्षेत्र में भी CSC ने ग्रामीण युवाओं के लिए कई अवसर प्रदान किए हैं। यह केंद्र विभिन्न प्रकार के प्रशिक्षण और शिक्षा से जुड़े कार्यक्रम चलाते हैं, जिनसे युवा अपने गाँव में ही रहकर नए स्किल्स सीख सकते हैं और अपनी नौकरी के अवसर बढ़ा सकते हैं। उदाहरण के लिए, महाराष्ट्र के एक छोटे से गाँव में CSC ने कंप्यूटर शिक्षा कार्यक्रम शुरू किया, जिससे कई युवाओं को नयी नौकरियाँ मिलीं।
"कॉमन सर्विस सेंटर ग्रामीण क्षेत्रों के लिए एक वरदान साबित हो रहे हैं। ये केंद्र न सिर्फ नागरिकों की समस्याओं का समाधान कर रहे हैं, बल्कि उन्हें आत्मनिर्भर भी बना रहे हैं।" - इंडिया टुडे
स्वास्थ्य सेवाओं का अवसर CSC के माध्यम से मिलना किसी सपने से कम नहीं है। टेलीमेडिसिन सेवाएं खासतौर पर उन क्षेत्रों में अत्यधिक लोकप्रिय हो रही हैं, जहाँ स्वास्थ्य सेवाओं की पहुँच बहुत ही कम थी। अब लोग विशेषज्ञ डॉक्टरों से परामर्श ले सकते हैं, वो भी बिना शहर जाए।
CSC ने ग्रामीण उद्यमिता को भी प्रोत्साहित किया है। ग्रामीण क्षेत्रों में कई लोग CSC के माध्यम से अपने खुद के छोटे व्यवसाय शुरू कर चुके हैं। ये केंद्र ना सिर्फ सरकारी सेवाएं प्रदान करते हैं, बल्कि स्थानीय बाजार और उत्पादों को भी बढ़ावा दे रहे हैं। बिहार के एक छोटे से गाँव में एक महिला उद्यमी ने CSC के माध्यम से अपना खुद का हस्तशिल्प व्यवसाय शुरू किया, जिससे न सिर्फ उसकी आमदनी बढ़ी, बल्कि गाँव में अन्य महिलाओं को भी रोजगार मिला।
इन सभी सेवाओं और सुविधाओं के चलते CSC ग्रामीण भारत में बदलाव की नई लहर ला रहे हैं। सरकारी सेवाओं, शिक्षा, स्वास्थ्य और उद्यमिता के क्षेत्र में CSC की यह सफलताएँ इस बात का प्रमाण हैं कि सही योजना और समर्पण से किसी भी चुनौती का सामना किया जा सकता है।
भविष्य में CSC का विस्तार
भारत के ग्रामीण क्षेत्रों में कॉमन सर्विस सेंटर (CSC) का विस्तार आगामी वर्षों में और भी महत्वपूर्ण होता जाएगा। भविष्य में CSC का विस्तार करने के लिए कई योजनाएं और परियोजनाएं पहले से ही पाइपलाइन में हैं। इनकी मदद से गांवों की जनता को अधिक सुविधाएं और सेवाएं मिल सकेंगी।
आने वाले वर्षों में, CSC का उद्देश्य प्रत्येक ग्राम पंचायत में एक CSC स्थापित करना है, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में डिजिटल सेवाओं की पहुंच को बढ़ाया जा सके। यह पहल वित्तीय समावेशन, शिक्षा, स्वास्थ्य, और कृषि जैसी महत्वपूर्ण सेवाओं को आसानी से पहुँचाने में मदद करेगी।
“CSC की परियोजनाएं गांवों में रोजगार के नए अवसर प्रदान करने और लोकल उद्यमियों को प्रोत्साहित करने का साधन हैं,” - CSC SPV के सीईओ धीरज गुप्ताइसके साथ ही, CSC नए सेवा क्षेत्रों में भी प्रवेश कर सकते हैं जैसे कि ग्रामीण बीपीओ और अन्य आउटसोर्सिंग सेवाएं। यह ग्रामीण युवाओं को रोजगार के अवसर देने और पिजेंटेशन में आकर उन्हें नई ऊंचाईयों तक ले जाने का एक महत्वपूर्ण कदम होगा।
भविष्य में, CSC का फोकस प्रौद्योगिकी और उपकरणों में उन्नति पर भी होगा। उच्च गति इंटरनेट, अधिक सॉफ्टवेयर सॉल्यूशंस, और बेहतर डेटा एनालिटिक्स टूल का उपयोग करके CSC संचालन की गुणवत्ता और दक्षता को बढ़ाया जाएगा।
तकनीकी उन्नति के साथ-साथ, CSC का उद्देश्य स्थानीय उद्यमिता को बढ़ावा देना भी होगा। ग्राम स्तरीय उद्यमियों (VLEs) को प्रशिक्षण देने और उनके व्यवसाय को संवारने के लिए अनेक कोर्स और कार्यशालाएं आयोजित की जाएंगी।
डिजिटल इंडिया योजना के तहत, CSC को ग्रामीण क्षेत्रों में आपदा प्रबंधन, पर्यावरण संरक्षण और जल संसाधन प्रबंधन जैसी सेवाएं भी प्रदान करने के लिए तैयार किया जा सकता है। इन सेवाओं का उद्देश्य ग्रामीण जीवन को सुरक्षित और स्थायी बनाना होगा।
shubham rai
जून 28, 2024 AT 07:00ye to bas ek poster hai, kuch naya nahi bata raha...
kalpana chauhan
जून 30, 2024 AT 04:42मैंने अपने गाँव में CSC का इस्तेमाल किया है - बिल भुगतान, पेंशन आवेदन, यहाँ तक कि मेरी बेटी ने ऑनलाइन कंप्यूटर कोर्स किया! 🙌 ये बस एक केंद्र नहीं, ये एक जीवन बदलने वाला उपकरण है। भारत की असली ताकत गाँवों में है, और CSC उस ताकत को जगा रहा है।
Divya Tiwari
जुलाई 1, 2024 AT 10:48क्या हम भारत के गाँवों को डिजिटल बनाने के लिए इतना खर्च कर रहे हैं जबकि बिजली और पानी नहीं है? ये सब धोखा है - बस फोटो खींचकर प्रेस रिलीज जारी कर देते हैं। गाँवों में बिजली का बिल भी नहीं भर पाते, तो CSC क्या करेगा? बस एक बड़ा झूठ है ये सब।
Karan Kacha
जुलाई 2, 2024 AT 00:48मैंने अपने दोस्त के गाँव में एक CSC देखा था - वहाँ एक युवक जो बीटीके का छात्र था, अब उसका खुद का छोटा बिजनेस है: वो गाँव की महिलाओं के हस्तशिल्प ऑनलाइन बेचता है, उन्हें डिजिटल लेन-देन सिखाता है, और फिर उनके बच्चों के लिए ऑनलाइन एग्रीकल्चर कोर्स ऑर्डर करता है... और ये सब एक छोटे से कमरे में, दो कंप्यूटर्स पर, एक अच्छी एंटीना के साथ! ये जो हो रहा है, ये कोई योजना नहीं, ये एक डिजिटल जागृति है! जब तक हम गाँवों को बस एक सरकारी आइटम के रूप में नहीं देखेंगे, बल्कि एक जीवित, स्वायत्त इकाई के रूप में, तब तक ये चीज़ें बस पेपर पर रहेंगी। लेकिन अब ये जीवित हैं।
Gaurang Sondagar
जुलाई 3, 2024 AT 01:18अगर गाँव में इंटरनेट नहीं है तो CSC क्या करेगा? बस बंद रहेगा। ये सब नाटक है। बिजली नहीं आती तो बताओ क्या चलेगा? फोन चार्ज नहीं होगा तो क्या करेंगे? असली समस्या ये है कि गाँव में बेसिक इंफ्रास्ट्रक्चर ही नहीं है। ये CSC बस एक शोर है जिससे लोग भूल जाएं कि असली समस्या क्या है।
Girish Sarda
जुलाई 4, 2024 AT 04:27मैंने अपने गाँव में एक CSC देखा था जहां एक बूढ़े आदमी ने अपना पेंशन रिसीव किया और उसने मुझे बताया कि पहले वो तहसील जाकर 3 दिन लगा देते थे अब एक घंटे में सब हो जाता है। ये तो असली बदलाव है। इंफ्रास्ट्रक्चर बेहतर हो सकता है लेकिन ये काम कर रहा है।
vishal singh
जुलाई 5, 2024 AT 13:23लोगों को डिजिटल लिटरेसी की जरूरत है, न कि सिर्फ एक कंप्यूटर। ज्यादातर लोग यहां आकर बस बैठ जाते हैं, नहीं जानते क्या करना है। ये सब फासले को बढ़ा रहा है।
Nadia Maya
जुलाई 6, 2024 AT 00:50मैं यहाँ एक विद्वान के रूप में बताना चाहती हूँ - यह एक नवीन निर्माण का उदाहरण है, जो फूको के 'डिस्कुर्सिव फॉर्मेशन' के सिद्धांत को अपनाता है, जहाँ सत्ता अब नियंत्रित नहीं होती, बल्कि डिजिटल ज्ञान के माध्यम से वितरित होती है। यह एक पोस्ट-कॉलोनियल नियंत्रण का एक नया रूप है, जो ग्रामीण शरीर को डिजिटल नेटवर्क में शामिल करता है।
Garv Saxena
जुलाई 7, 2024 AT 10:55क्या आपने कभी सोचा है कि जब हम गाँव के बुजुर्गों को कंप्यूटर पर बिल भरने के लिए बैठाते हैं, तो क्या हम उनकी जिंदगी को आधुनिक बना रहे हैं... या हम उनके जीवन के असली अर्थ को हटा रहे हैं? क्या एक बूढ़ा आदमी जो पहले तहसील में बैठकर अपने दोस्तों के साथ चाय पीता था, अब एक कंप्यूटर स्क्रीन के सामने बैठकर अपना पेंशन चेक कर रहा है - क्या यह उसके लिए आजादी है? या यह एक नया जंजीर है? क्या हम उसे डिजिटल बना रहे हैं... या उसे इंसान बनने से रोक रहे हैं?
Prachi Doshi
जुलाई 7, 2024 AT 11:53मेरी दादी ने पहली बार ऑनलाइन बिल भरा... उसे बहुत डर लग रहा था... लेकिन जब वो काम हो गया तो उसने मुझे गले लगा लिया। ये छोटी बातें ही बड़ी बदलाव लाती हैं। 😊
Priyanka R
जुलाई 9, 2024 AT 04:18ये सब क्या है? क्या आप जानते हैं कि ये CSCs असल में डेटा चुराने के लिए बनाए गए हैं? हर बिल भरने पर, हर प्रमाण पत्र बनाने पर, आपका डिजिटल फुटप्रिंट बन रहा है... और फिर वो डेटा किसी बड़े कॉर्पोरेट ग्रुप को बेच दिया जाता है। ये सब एक बड़ा डिजिटल निगरानी अभियान है। बस आप अभी तक नहीं समझ पाए।
mohit SINGH
जुलाई 9, 2024 AT 16:34ये सब बकवास है। जब तक गाँवों में डिजिटल लिटरेसी नहीं होगी, तब तक ये सब बेकार है। और ये लोग जो इन्हें चलाते हैं - वो भी बहुत ज्यादा पढ़े-लिखे नहीं होते। तो कौन सी सेवा देगा? बस एक और गैर-कार्यक्षम योजना।
Ron Burgher
जुलाई 10, 2024 AT 03:34ये सब तो बहुत अच्छा है... लेकिन जब तक गाँव में लड़कियों को इंटरनेट यूज़ करने की इजाज़त नहीं मिलेगी, तब तक ये सब बस एक बड़ा नाटक है। लड़कियों को घर से बाहर नहीं जाने दिया जाता - तो CSC का क्या फायदा? बस एक नाम का बड़ा बकवास।
Sujit Yadav
जुलाई 11, 2024 AT 06:38इस योजना को अब तक 12 अरब रुपये खर्च हो चुके हैं। क्या इसका कोई आकलन हुआ? कितने CSCs वास्तविक रूप से सक्रिय हैं? कितने सेवा प्रदाता नियमित रूप से काम कर रहे हैं? ये सब नहीं बताया जाता। ये सिर्फ एक राजनीतिक नाटक है।
Nitin Agrawal
जुलाई 13, 2024 AT 00:16csk 2.0?? yrr ye toh 2015 me chalu hua tha abhi tak kuch nahi hua... bhai ye toh sirf poster pe hi dikhta hai
Sinu Borah
जुलाई 14, 2024 AT 07:29मैं गाँव में रहता हूँ और मुझे पता है कि क्या हो रहा है। कुछ CSCs तो बंद पड़े हैं, कुछ में इंटरनेट नहीं है, कुछ में कंप्यूटर टूटा है। और फिर भी सरकार रिपोर्ट में लिखती है - ‘100% कवरेज’। ये झूठ है। ये सब बस एक बड़ा डेटा फ्रॉड है।
Raghav Suri
जुलाई 16, 2024 AT 00:21मैंने अपने गाँव में एक युवा VLE को देखा है जो खुद गाँव का लड़का है। उसने अपने पिता के खेत के लिए कृषि सलाह ली, फिर उसने अपने गाँव की महिलाओं को ऑनलाइन बिक्री के लिए ट्रेनिंग दी, और अब वो एक छोटा सा डिजिटल मार्केटप्लेस चला रहा है। ये एक असली कहानी है। ये योजना नहीं, ये एक आत्मनिर्भरता की आग है। और अगर कुछ खराब है, तो उसे ठीक करो - न कि इसे खारिज कर दो।
Rajesh Khanna
जुलाई 17, 2024 AT 01:19मैंने अपने दोस्त के गाँव में एक बूढ़े आदमी को देखा जिसने अपना पेंशन अपने घर बैठे ही ले लिया। उसकी आँखों में आँखों में एक चमक थी। ये सिर्फ एक सेवा नहीं - ये उसकी आत्मा को जगाने वाली एक नई उम्मीद थी।
Preyash Pandya
जुलाई 17, 2024 AT 23:59अच्छा है कि ये CSCs हैं... लेकिन अगर इनके पीछे एक बड़ा कॉर्पोरेट ग्रुप है जो डेटा चुरा रहा है? क्या आपने कभी सोचा? क्या ये सब एक डिजिटल नियंत्रण का नया तरीका है? जब तक आपका डिजिटल फुटप्रिंट बनता है... आपकी आजादी नहीं है। 😅
Rakesh Varpe
जुलाई 18, 2024 AT 01:17सच बताऊँ तो मैंने अपने गाँव में CSC का इस्तेमाल किया है और ये बहुत अच्छा है। बस थोड़ा बेहतर इंफ्रास्ट्रक्चर चाहिए।