द ओवल के मैदान पर 16 जुलाई, 2025 को, रवींद्र जडेजा ने एक ऐसा पल लिख दिया जिसे क्रिकेट का इतिहास कभी नहीं भूलेगा। 36 साल के इस भारतीय ऑलराउंडर ने 77 गेंदों में 53 रन बनाए — एक शानदार, शांत बल्लेबाजी जिसने उन्हें इंग्लैंड में एक टेस्ट सीरीज में छह 50+ स्कोर करने वाले पहले बल्लेबाज बना दिया। ये रिकॉर्ड तोड़ने के साथ ही जडेजा ने 1966 में गैरी सोबर्स ने बनाया था, वो 59 साल पुराना रिकॉर्ड भी पार कर दिया। ये सिर्फ एक शानदार पारी नहीं थी... ये एक ऐतिहासिक विरासत का दावा था।
एक ऐसा सीरीज जिसने इतिहास बदल दिया
जडेजा ने इस सीरीज में 10 पारियों में 516 रन बनाए, जिसमें एक अपराजित शतक (मैनचेस्टर में 107*) और पांच अर्धशतक शामिल हैं। उनकी औसत 86.0 थी, स्ट्राइक रेट 55.1, और 68.7% गेंदें डॉट थीं — एक ऐसा संतुलन जो किसी भी ऑलराउंडर के लिए असंभव माना जाता था। ये सब उन्होंने नंबर 6 या उससे नीचे के बल्लेबाजी स्थान से किया। यही बात उनके लिए और भी खास है — इंग्लैंड में नंबर 6 या नीचे बल्लेबाजी करते हुए ये उनकी 10वीं 50+ पारी थी, जो सोबर्स के 9 से अधिक है। ये रिकॉर्ड अब दुनिया के किसी भी विदेशी बल्लेबाज के लिए सबसे ऊंचा है।
केवल तीन भारतीय, एक साथ 500+ रन
इस सीरीज का एक और अद्वितीय पहलू यह था कि भारत के तीन बल्लेबाज एक ही टेस्ट सीरीज में 500 रन पार करने वाले पहले खिलाड़ी बने। शुभमन गिल ने 754 रन बनाए, केएल राहुल ने 532, और जडेजा ने 516। ये ऐसा पल था जब भारत की बल्लेबाजी की गहराई दुनिया भर में देखी गई। पहले कभी इंग्लैंड में ऐसा नहीं हुआ था। न तो 2018 में विराट कोहली के ज़माने में, न ही 1979 में सुनील गावस्कर के दौरान।
सोबर्स का रिकॉर्ड: 59 साल के बाद टूटा
गैरी सोबर्स का रिकॉर्ड लंबे समय तक अटूट माना जाता रहा। 1966 में, वो इंग्लैंड के खिलाफ एक सीरीज में 722 रन बनाकर नंबर 6 या नीचे बल्लेबाजी करते हुए सबसे अधिक रन बनाने वाले बने। जडेजा ने अब उस रिकॉर्ड को भी पार कर दिया — उनके 516 रन ने सोबर्स के 722 को नहीं तोड़ा, लेकिन उनके 10 50+ स्कोर्स ने सोबर्स के 9 को पार कर दिया। ये एक ऐसा रिकॉर्ड है जिसे कोई बल्लेबाज अब नहीं टूट सकता — क्योंकि आज के क्रिकेट में कोई भी नंबर 6 या नीचे बल्लेबाजी करने वाला खिलाड़ी इतनी बार 50+ स्कोर नहीं करता।
गेंदबाजी में भी अद्भुत प्रदर्शन
जडेजा सिर्फ बल्लेबाज नहीं हैं — वो एक खतरनाक ऑलराउंडर हैं। इस सीरीज में उन्होंने 7 विकेट लिए, जिसमें शामिल हैं दो बार तीन-विकेट के स्पेल। इंग्लैंड के खिलाफ उनके कुल 25 टेस्ट मैचों में 1,547 रन और 196 विकेट हैं। उनकी इकोनॉमी रेट 2.72 है — जो एक ऑलराउंडर के लिए असाधारण है। उन्होंने पहले भी 2022 में श्रीलंका के खिलाफ 175* बनाकर कपिल देव का रिकॉर्ड तोड़ा था। अब उन्होंने एक और रिकॉर्ड बना दिया।
क्यों ये रिकॉर्ड इतना खास है?
इंग्लैंड का मैदान बल्लेबाजों के लिए सबसे कठिन है। लंबी गेंदबाजी, नमी, और धीमी पिचें — ये सब एक बल्लेबाज को उसकी सीमा तक ले जाते हैं। जडेजा ने इस चुनौती को अपने तरीके से हल किया। वो कभी भी रिस्की शॉट नहीं खेलते, लेकिन जब जरूरत होती है, तो वो बार-बार अपने रन बनाते रहते हैं। उनकी टेक्निक और धैर्य ने एक ऐसा रिकॉर्ड बनाया जिसे आज के खिलाड़ी भी देखकर हैरान होंगे।
भविष्य क्या है?
जडेजा अभी भी अपने शीर्ष पर हैं। ICC के अनुसार, वो अभी भी विश्व नंबर 1 ऑलराउंडर हैं। अगले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ टेस्ट सीरीज आ रही है — जहां उनके लिए और भी बड़ी चुनौतियां हैं। क्या वो ऑस्ट्रेलिया में भी छह 50+ स्कोर कर पाएंगे? ये सवाल अब क्रिकेट दुनिया के सामने है। लेकिन एक बात तय है — जडेजा ने अब ये साबित कर दिया है कि वो एक ऐसे खिलाड़ी हैं जो रिकॉर्ड बनाने के लिए नहीं, बल्कि जब तक खेलने की इच्छा हो, तब तक खेलते हैं।
बैकग्राउंड: जडेजा का यात्रा
नवगाम घेड़, जमनगर में पैदा हुए रवींद्र जडेजा ने अपनी शुरुआत गांव के छोटे मैदानों से की। आज वो दुनिया के सबसे बड़े मैदानों पर इतिहास बना रहे हैं। उनके टेस्ट करियर में 43 पारियां हैं, जिनमें से 6 अपराजित रहीं। उन्होंने 11 अर्धशतक और 3 शतक बनाए हैं। उनकी बॉलिंग ने इंग्लैंड के बल्लेबाजों को बार-बार बेकाबू कर दिया — 7 बार उन्होंने पांच विकेट लिए। उनकी सबसे बड़ी पारी 112 रन थी, जो 2021 में लंदन में बनी थी।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या जडेजा ने सोबर्स का रन रिकॉर्ड भी तोड़ा?
नहीं, जडेजा ने सोबर्स के 722 रन का रिकॉर्ड नहीं तोड़ा, लेकिन उन्होंने सोबर्स के 9 50+ स्कोर का रिकॉर्ड तोड़ दिया। जडेजा के 516 रन इस सीरीज में हैं, जबकि सोबर्स ने 1966 में 722 रन बनाए थे। लेकिन 50+ स्कोर की संख्या के मामले में जडेजा अब दुनिया के शीर्ष पर हैं।
क्या जडेजा ने कभी किसी अन्य देश में ऐसा किया है?
हां, जडेजा ने ऑस्ट्रेलिया में 2020-21 में भी तीन 50+ स्कोर किए थे, लेकिन वहां उन्होंने कभी छह नहीं किए। इंग्लैंड में ये उनकी पहली ऐसी श्रृंखला है। उनकी इंग्लैंड में बल्लेबाजी की लगातार उपलब्धि उन्हें एक अलग श्रेणी में रखती है — वो वहीं जहां बल्लेबाजी कठिन है, वहीं रन बनाते हैं।
इस सीरीज में भारत के अन्य बल्लेबाजों का क्या योगदान रहा?
शुभमन गिल ने 754 रन बनाकर सीरीज के शीर्ष स्कोरर बने, जबकि केएल राहुल ने 532 रन बनाए। ये तीनों बल्लेबाजों का एक साथ 500+ रन बनाना भारतीय क्रिकेट के इतिहास में पहली बार हुआ। इससे पहले कभी तीन भारतीय बल्लेबाज एक ही टेस्ट सीरीज में इंग्लैंड में 500 रन पार नहीं कर पाए थे।
जडेजा की बॉलिंग कैसे उनकी बल्लेबाजी को बढ़ावा देती है?
जडेजा की बॉलिंग दबाव बनाती है। जब वो गेंदबाजी करते हैं, तो विरोधी टीम बल्लेबाज बेचैन हो जाते हैं। इससे उनकी बल्लेबाजी को अधिक अवसर मिलते हैं — जैसे जब वो नंबर 6 पर आते हैं, तो टीम उन्हें बचाने के लिए नहीं, बल्कि रन बनाने के लिए भेजती है। उनकी दोहरी क्षमता उन्हें एक अनूठा खिलाड़ी बनाती है।
क्या जडेजा के लिए अब और कोई रिकॉर्ड बाकी है?
हां — वो अब टेस्ट क्रिकेट में 200 विकेट और 8,000 रन पार करने वाले पहले भारतीय बनने के कगार पर हैं। अभी उनके पास 1,547 रन और 196 विकेट हैं इंग्लैंड के खिलाफ। अगला लक्ष्य ऑस्ट्रेलिया में एक सीरीज में छह 50+ स्कोर करना है — जो अभी तक किसी ने नहीं किया है।
क्या जडेजा की इस उपलब्धि के बाद उन्हें भारतीय टीम से बाहर किया जा सकता है?
नहीं, बिल्कुल नहीं। वर्तमान में उनकी उपलब्धि ने उन्हें टीम के अहम खिलाड़ी बना दिया है। BCCI ने उन्हें विश्व नंबर 1 ऑलराउंडर के रूप में बरकरार रखा है। उनकी उम्र बढ़ रही है, लेकिन उनकी फिटनेस और तकनीक उन्हें अभी भी टीम के लिए अनिवार्य बनाती है।