डोनाल्ड ट्रंप का नाम सुनते ही दिमाग में कई चीज़ें आ टिंती हैं – 45वें अमेरिकी राष्ट्रपति, उनकी बोल-चाल, और राजनीति में उनकरा रंगीन कदम। अगर आप भी जानना चाहते हैं कि आज ट्रंप के आसपास क्या क्या हो रहा है, तो आप सही जगह पर हैं। यहाँ हम सीधे‑साधे भाषा में बतायेंगे कि ट्रंप के हालिया बयानों, अदालत की सुनवाइयों और चुनावी संभावनाओं में क्या नया है।
ट्रंप हमेशा से ही ट्विटर (अब X) पर हर बात तुरंत शेयर करते रहे हैं। पिछले हफ़्ते उन्होंने फिर से 2024 के चुनावी रणनीति के बारे में चिट्ठी‑छपाई की, जिसमें उन्होंने अपने समर्थकों को "अमेरिका को फिर से महान बनाओ" का नारा दोहराया। उनका कहना है कि अगर रिपब्लिकन पार्टी मजबूत रहेगी तो देश में कर घटेगा और नौकरी के मौके बढ़ेंगे। इन बयानों में अक्सर "वोटर जनता" को सीधे बुलाने की कोशिश होती है, जिससे उनका बेसबॉल‑जैसा अनुयायी बेस और मोटा हो जाता है।
ट्रंप कई आधिकारिक जांच में हैं, लेकिन सबसे बड़ा मामला अभी भी न्यूयॉर्क की जाँच है, जहाँ उनके व्यापारिक लेन‑देन को लेकर सवाल उठे हैं। ताज़ा रिपोर्ट बताती है कि फेडरल जज ने ट्रंप को फिर से अदालत में पेश होने का आदेश दिया है। इसका मतलब है कि अगले कुछ महीनों में हमें और अधिक सुनवाई देखनी पड़ सकती है। अगर कोई सजा भी हुई तो भी ट्रंप ने पहले से ही अपना राजनीतिक मंच तैयार रख लिया है, इसलिए यह मामला चुनावी मैदान में उनका ‘क्लब’ बन सकता है।
इसी तरह, जाँच के तहत कई सहयोगियों के बयान भी सामने आए हैं, जिनमें उन्होंने 2020 के चुनाव में मतगणना प्रक्रिया को लेकर कई आरोप लगाए थे। ये बयान अक्सर मीडिया में चर्चा का कारण बनते हैं और उनके समर्थकों को और भी मोटी प्रतिक्रिया मिलती है।
अब सवाल है – क्या ट्रंप 2024 में फिर से राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ेंगे? कई सर्वे दिखाते हैं कि उनके समर्थकों की संख्या अभी भी मजबूत है, खासकर ग्रामीण क्षेत्रों और छोटे शहरों में। लेकिन यह भी सच है कि कुछ मध्यवर्ती मतदाता अब अलग दिशा की ओर देख रहे हैं। इस बीच, ट्रंप ने कई बड़े रैलियों में भाग लिया है, जहाँ उन्होंने अपने विरोधियों को ‘लॉबीस्टर’ और ‘ड्रिप्स’ कहकर गालियां दी हैं। इन रैलियों का असर अक्सर मतदान के तुरंत बाद स्पष्ट होता है, इसलिए अगले चुनाव में ट्रंप का प्रदर्शन देखना दिलचस्प रहेगा।
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संक्षेप में, ट्रंप अभी भी अमेरिकी राजनीति में एक बड़े ध्रुवीय बिंदु के रूप में मौजूद हैं। चाहे आप उन्हें पसंद करें या नापसंद, उनकी हर बात समाचार बनती है और उनका असर राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय दोनों स्तर पर पड़ता है। जन सेवा केंद्र पर आप इस टैग की हर नई खबर तुरंत पा सकते हैं – बस यहाँ क्लिक करें और अपडेट रहें।
राष्ट्रपति ट्रंप के विदेशी सहायता रोक के निर्णय ने भारत में यूएसएआईडी परियोजनाओं को बाधित कर दिया है, जिसमें स्वास्थ्य, शिक्षा और कृषि क्षेत्र शामिल हैं। इससे एनजीओ को संचालन संबंधी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। यह कदम अमेरिकी प्रशासन की प्राथमिकताओं के अनुरूप है, लेकिन विभिन्न क्षेत्रों में साझेदारियों को प्रभावित कर रहा है।