पैंट की चोट और इसका असर
भारत का युवा विकेट‑कीपर रिषभ पैंट ने चौथे टेस्ट में इंग्लैंड के क्रिस वोक्स के सामने रिवर्स स्वीप करने की कोशिश में पैर में फ्रैक्चर कर लिया। दर्द के बावजूद वह 37 रन बनाकर बाहर हुए, फिर दोबारा बैटिंग सेंटर में आकर 54 रन बना लिया। यह साहसिक अडिगता टीम के लिए बहुत मायने रखती थी, परंतु इस चोट ने उसकी आगामी पाँचवी टेस्ट को दूर कर दिया।
BCCI के मेडिकल टीम ने ठीक‑ठीक स्कैन करके पुष्टि की कि पैंट के दाहिने पैर में हड्डी टूट गई है। कोच गौतम गँबीर ने पहले ही इस बात को सार्वजनिक कर बताया, और टीम ने पैंट को पूरी तरह से आराम दिलाने का फैसला किया। इस दौरान ध्रुव जुरेल ने अस्थायी रूप से विकेट‑कीपिंग संभाली, परंतु वह भी पूरी तरह से पैंट की जगह नहीं ले सकता।
पैंट इस सीरीज़ में 479 रन की भारी इकट्ठी के साथ औसत 68.42 के साथ टीम के तीसरे सबसे बड़े रन‑सेकर रहे थे। दो शतक और तीन अर्धशतक उनका योगदान दिखाते हैं। उनकी कमी भारत की मध्यक्रम की स्थिरता को चुनौती देगी, खासकर आखिरी टेस्ट में ओवल पर जब दबाव सबसे अधिक होगा।

नरयान जगदेesan का चयन और अपेक्षाएँ
भारत ने इस खाली जगह को भरने के लिए तमिलनाडु के नरयान जगदेesan को बुलाया है। चेंनाई सुपर किंग्स (CSK) के लिये भी खेल चुके इस खिलाड़ी ने पहले से ही 3,373 रन 52 फर्स्ट‑क्लास मैचों में बनाए हैं। उनके आँकड़े कुछ इस प्रकार हैं:
- 10 शतक और 14 अर्धशतक
- औसत 47.50
- विकेट‑कीपर के रूप में भी कई मैचों में भरोसा किया गया है
जगदेesan का चयन कई लोगों को चौंका गया, क्योंकि अधिकांश दर्शकों ने इशान किशन को स्वाभाविक विकल्प माना था। फिर भी चयन समिति ने घरेलू फ़ॉर्म को देख कर इस निर्णय को उचित माना। जगदेesan की तकनीकी शुद्धता, तेज़ रिफ्लेक्स और बैटिंग में लचीलापन उन्हें इस महत्वपूर्ण मौके पर भरोसेमंद बनाता है।
मुख्य चयनकर्ता अजीत अग्रकर ने कहा कि पैंट के बिना टीम को स्थिरता चाहिए और वे देखते हैं कि जगदेesan की लगातार हाई‑स्कोरिंग और विकेट‑कीपिंग क्षमता टीम को नई दिशा देगी। अंत में उन्होंने पैंट के पुनर्वास का जिक्र करते हुए कहा कि उम्मीद है वह दक्षिण अफ्रीका की आगामी टेस्ट सीरीज़ में वापस आएँगे, पर यह कई हफ्तों का माँग वाला काम है।
जगदेesan के इस बड़े मंच पर खेलने के लिए तैयार होने के बाद, फैंस को आशा है कि वह पैंट की अनुपस्थिति में टीम को नई ऊर्जा देगा। पिछले घरेलू सीज़न में उनका प्रदर्शन दर्शाता है कि वह बड़े दबाव वाले मैचों को संभाल सकता है। अब बाकी सब कुछ इस बात पर निर्भर करेगा कि वह ओवल पर कैसे प्रस्तुत होता है और भारत की बैटिंग लाइन‑अप को किस हद तक भरोसा दिला पाता है।