IPO की मुख्य जानकारी
भारी उत्सुकता के साथ GK Energy का GK Energy IPO 26 सितंबर 2025 को लिस्टिंग के लिए तैयार है। कंपनी ने 19 सितंबर को सार्वजनिक सब्सक्रिप्शन खोला और 23 सितंबर को बंद किया, जबकि प्रति शेयर कीमत का बैंड 153 रुपये तय किया गया। इस दौरान ग्रे मार्केट प्रीमियम (GMP) में उतार‑चढ़ाव देखा गया। शुरुआती 16 रुपये से शुरू होकर अब यह 14‑15 रुपये के बीच रह गया, जो इश्यू प्राइस से लगभग 9.8‑14% अधिक है। यदि इस प्रीमियम को देखते हुए शेयर का लिस्टिंग मूल्य 168 रुपये हो, तो निवेशकों को लगभग 10% तक का संभावित लाभ मिल सकता है।
सब्सक्रिप्शन की बात करें तो इस IPO ने 5 गुना से अधिक का ओवरसब्सक्रिप्शन दर्ज किया। विशेष रूप से नॉन‑इंस्टिट्यूशनल इन्वेस्टर्स (NIIs) ने काफ़ी उत्साह दिखाया, जिन्होंने 2,21,00,000 पेश किए गए शेयरों के मुकाबले 11,74,52,804 शेयर की बोली लगाई। यह मजबूत मांग कंपनी के भविष्य के विकास पर भरोसे का संकेत देती है।
- सब्सक्रिप्शन खोलने की तिथि: 19 सितंबर 2025
- सब्सक्रिप्शन बंद होने की तिथि: 23 सितंबर 2025
- अलॉटमेंट की अनुमानित तिथि: 24 सितंबर 2025
- डिमैट क्रेडिट: 25 सितंबर 2025
- लिस्टिंग: 26 सितंबर 2025 (BSE व NSE)
भविष्य की संभावनाएँ और जोखिम
2008 में पुणे में स्थापित GK Energy ने भारतीय नवीनीकृत ऊर्जा क्षेत्र में खुद को एक प्रमुख खिलाड़ियों में स्थापित किया है। कंपनी मुख्यतः सोलर‑पावर्ड एग्रीकल्चरल वाटर पंप सिस्टम के लिए इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट और कंस्ट्रक्शन (EPC) सेवाएँ प्रदान करती है। प्रधानमंत्री किसान ऊर्जा सुरक्षा एवं उत्थान महाभिया (PM‑KUSUM) के तहत कंपनी ने अब तक 42,778 इंस्टॉलेशन पूरे कर 8.56% बाजार हिस्सेदारी हासिल की है। यह एसेट‑लाइट मॉडल, जहाँ घटक थर्ड‑पार्टी सप्लाईर्स से मिलते हैं, कंपनी को लचीलापन और कम कैपिटल आउटले भुगतान देता है।
वित्तीय आंकड़ों पर नजर डालें तो FY25 में कंपनी का P/E रेशियो 23.3× है, जो Geojit Investments के अनुसार, कंपनी की बाजार स्थिति और तेज़ी से बढ़ती नवीनीकृत ऊर्जा मांग को देखते हुए उचित माना गया है। IPO से जुटाए गए फंड का प्रमुख इस्तेमाल विस्तार योजनाओं और वर्किंग कैपिटल के लिए किया जाएगा।
परंतु निवेशकों को कुछ बिन्दुओं पर सावधानी बरतनी चाहिए। पहला, कंपनी की आय का बड़ा हिस्सा सरकारी योजनाओं जैसे PM‑KUSUM पर निर्भर है; नीति में कोई बदलाव या स्केल डाउन सीधे राजस्व को प्रभावित कर सकता है। दूसरा, नवीनीकृत ऊर्जा क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा तेज़ है—बाजार में कई बड़े खिलाड़ियों के साथ कीमतें और मार्जिन दबाव में आ सकते हैं। तीसरा, बड़े पैमाने पर प्रोजेक्ट्स के निष्पादन में तकनीकी और लॉजिस्टिक चुनौतियाँ मौजूद हैं, जो टाइमलाइन और लागत को असर डाल सकती हैं।
इन जोखिमों के बावजूद, भारत की स्वच्छ ऊर्जा के लिए लक्ष्य और कृषि के आधुनिकीकरण की दिशा में निरंतर सरकारी समर्थन, GK Energy जैसे प्लेयरों के लिए लंबी अवधि में आकर्षक अवसर बनाते हैं। अगर आप मध्यम‑लंबी अवधि के निवेशक हैं और नवीनीकृत ऊर्जा में भरोसा रखते हैं, तो इस IPO को अपनी निवेश सूची में शामिल करना फायदेमंद हो सकता है।
Jitender Rautela
सितंबर 23, 2025 AT 23:50Bas itna kehna hai ki PM-KUSUM pe depend karne wale companies ka IPO khareedna risky hota hai. Agar sarkar ka budget khatam ho gaya toh yeh sab kuch khaali hawa ban jaayega.
abhishek sharma
सितंबर 24, 2025 AT 18:26Bas ek baat kehna chahta hoon - IPO mein nahi, long-term growth mein socho. Agar yeh company 5 saal baad bhi PM-KUSUM ke bina survive kar pa rahi hai, tabhi khareedo.
Surender Sharma
सितंबर 25, 2025 AT 17:51Divya Tiwari
सितंबर 25, 2025 AT 23:58shubham rai
सितंबर 27, 2025 AT 16:30Nadia Maya
सितंबर 28, 2025 AT 14:52Nitin Agrawal
सितंबर 28, 2025 AT 19:30Gaurang Sondagar
सितंबर 29, 2025 AT 01:21Ron Burgher
सितंबर 30, 2025 AT 17:54