यशवर्धन आहुजा: 79 नकारे के बाद आखिरकार बॉलीवुड में एंट्री
हर किसी को लगता है कि फिल्मी स्टार किड्स को इंडस्ट्री में लॉन्च होना आसान है। लेकिन यशवर्धन आहुजा की कहानी चौंका देती है। यशवर्धन आहुजा, जिनका नाम सुनते ही पापा गोविंदा का चेहरा याद आ जाता है, ने अपने डेब्यू से ठीक पहले एक हैरान करने वाला खुलासा किया है। उन्होंने कहा कि उन्हें 9 साल में 79 बार रिजेक्ट किया जा चुका है। सोचिए, जहां स्टारडम विरासत में मिलता है, वहीं ये संघर्ष कम है क्या?
27 साल के यशवर्धन ने पूरे अपने करियर की तैयारी ग्राउंड लेवल से की है। उन्होंने असिस्टेंट डायरेक्टर के तौर पर साजिद नाडियाडवाला की बड़ी फिल्मों—'ढिशूम', 'किक 2' और 'तड़प'—में काम किया। वह सिर्फ ग्लैमर की चकाचौंध में नहीं रह गए, बल्कि खुद को मैदान में आजमा कर सिखा। उनके ट्रेनर भी कोई और नहीं, खुद गोविंदा और बड़े प्रोड्यूसर साजिद नाडियाडवाला रहे हैं। यहां उन्होंने सिर्फ कैमरे के सामने चलना नहीं, बल्कि पूरी प्रोडक्शन की जिम्मेदारी को भी महसूस किया।
पिता गोविंदा की सीख, परिवार की जड़े और साई राजेश के साथ डेब्यू
यशवर्धन आहुजा के परिवार में एक्टिंग और फिल्मी हुनर का लंबा इतिहास है। उनकी बहन टीना आहुजा खुद भी अभिनेत्री हैं, दादा अरुण कुमार आहुजा निर्माता रह चुके हैं और दादी निर्मला देवी गायिका व एक्ट्रेस रहीं। बावजूद इसके, यशवर्धन के लिए यह सफर आसान नहीं रहा।
गोविंदा ने बेटे को एक सलाह दी—'आन-स्क्रीन गाली-गलौज मत करो, क्योंकि दर्शकों को साफ सुथरा कंटेंट ज्यादा पसंद आता है।’ यही सोच उन्होंने अपनी पूरी जिंदगी में अपनाई है। यशवर्धन भी अब इसी ब्रह्मास्त्र के साथ डेब्यू कर रहे हैं।
उनकी पहली फिल्म एक रोमांटिक स्टोरी है, जिसे राष्ट्रीय पुरस्कार जीत चुके निर्देशक साई राजेश निर्देशित कर रहे हैं। खास बात यह है कि फिल्म की हीरोइन के लिए 14,000 लड़कियों ने ऑडिशन दिया। इतनी तगड़ी होड़ के बीच यशवर्धन का डेब्यू होना उनकी मेहनत और धैर्य का ही नतीजा है। फिल्म का नाम अभी फाइनल नहीं हुआ है, लेकिन इतनी मेहनत के बाद इंडस्ट्री को उनसे उम्मीदें जरूर होंगी।
साई राजेश वह नाम हैं जो साउथ की फिल्मों में अपनी कहानी और निर्देशन के लिए चर्चा में रहते हैं। आलोचकों की पसंद बनने के बाद, अब वह हिंदी सिनेमा में यशवर्धन के साथ नई शुरूआत कर रहे हैं। यशवर्धन का मानना है कि उन्होंने पिछले 9 सालों में एक्टिंग से लेकर टेक्निकल पहलुओं तक को गहराई से सीखा है। यही अनुभव अब उनकी परफॉर्मेंस में नजर आने वाला है।
बॉलीवुड में जहां अक्सर स्टार किड्स को लेकर बहस छिड़ जाती है, वहीं यशवर्धन की जर्नी अलग है। परिवार का नाम, पिता की सीख और खुद की मेहनत मिलकर शायद अब उनके लिए नई राह खोल दें। देखना होगा, इतने रिस्क के बाद उनकी पहली फिल्म दर्शकों पर क्या छाप छोड़ती है।