ट्राय‑नेशन फ़ाइनल का माहौल और भारत की अभूतपूर्व पेसिंग
कोलंबो के भारत महिला क्रिकेट के लिये एक यादगार शाम बन गई। 11 मई को R. Premadasa Stadium में आयोजित फ़ाइनल में भारत ने टॉस जीतकर पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया। शुरुआती ओवर में ओपनर स्मृति मंडाना ने बल्ले से कलियों की बरसात शुरू की, और 101 गेंदों में 116 रन बनाकर अपना ग्यारहवां ODI शतक लिखी। 15 चारों और दो छक्के मारकर उन्होंने भारतीय बेज़ को 342/7 तक पहुंचा, जो 50 ओवर की पूरी क्वोटा में एक बेहद दबदबा दर्शाता है।
मंडाना के बाद बीच के क्रम में हरलीन देओल ने 47, कप्तान हरमनप्रीत कौर ने 41 और जेमिमा रोड्रिगेज़ ने 44 जोड़े, जिससे साझेदारी लगातार मजबूत होती रही। इस क्रमिक बेस्ट-ऑफ़-फ़ॉर्म ने भारत को ऐसे लक्ष्य पर पहुँचा दिया जिसे कोई भी टीम आसानी से नहीं चढ़ सकती।

श्रीलंका की कोशिशें और भारतीय गेंदबाज़ी की चमक
श्रीलंका ने 48.2 ओवर में 245 रनों पर सभी विकेट गिरा दिए, जिससे भारत को 97‑रन की जीत मिली। श्रीलंकाई कप्तान चमारी अथापथु ने 51 रन की मौसमी इन्फ्लुएंसेज दिखाते हुए टीम को थोडा स्थिर किया, जबकि निलाक्षिका सिल्वा ने 48 रन जोड़कर थोड़ा बचाव किया। पर भारतीय गेंदबाज़ी ने उनका भरण-पोषण कर दिया।
स्पिन क्वीन स्नेह राणा ने 9.2 ओवर में 4 विकेट सिर्फ 38 रन देकर मैच का रिवर्सल मोमेंट तैयार किया। उनकी लुभावनी गोलाबारी ने श्रीलंकाई मध्य और निचले क्रम को बादल बना दिया। साथ ही तेज़ी से चलने वाली अमंजोत कौर ने 3 विकेट लेकर 54 रन पर राज किया। दोनों गेंदबाज़ों की कुल मिलाकर 7 विकेट की साझेदारी ने भारत को आसानी से जीत दिला दी।
- स्नेह राणा: 4/38 (9.2 ओवर)
- अमंजोत कौर: 3/54 (10 ओवर)
- अन्य गेंदबाज़ों ने मिलकर 4 वाइल्ड और 14 रन अतिरिक्त नहीं छोड़े
इस जीत के साथ भारत ने ट्राय‑नेशन सीरीज में अपना पहला विदेशी ट्रॉफी अपने नाम किया। टेबल में भारत ने 4 मैचों में 3 जीत और 1 हार कर 6 अंक जमा किए, जबकि श्रीलंका ने 4 अंक से दूसरा स्थान हासिल किया। कोलंबो में इस सीरीज का मुख्य आकर्षण था कि यह पहले बार महिला ट्राय‑नेशन अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट का आयोजन था, जिसमें भारत, श्रीलंका और दक्षिण अफ्रीका ने भाग लिया।
टूरनामेंट के दौरान स्नेह राणा को 'प्लायर ऑफ द सीरीज़' का खिताब दिया गया। उन्होंने पूरे टूर्नामेंट में 13 विकेट लेकर अपनी किलर स्पिन के साथ सभी का ध्यान खींचा। यह सम्मान उनके लगातार दबावपूर्ण क्षणों में लीडरशीप को दर्शाता है।
फ़ाइनल में भारत ने एक नई चेहरा भी पेश किया – क्रांति गौड़ ने अपना ODI डेब्यू किया। यद्यपि वह बैटिंग में नहीं उलझी, लेकिन उनका चयन टीम की भविष्यता को उजागर करता है। अंत में, कप्तान हरमनप्रीत कौर ने ट्रॉफी को साथी खिलाड़ियों के साथ गर्व से उठाया, और इस जीत को भारत के महिला क्रिकेट के विकास के लिए एक माइलस्टोन बताया।
यह श्रृंखला दोनों टीमों के लिए 2025 महिला क्रिकेट विश्व कप की तैयारियों में अहम कदम साबित हुई। भारत ने अपनी बैटिंग गहराई और गेंदबाज़ी विविधता से दिखा दिया कि वे विश्व मंच पर शीर्ष पर वापस लौटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।