जब हर्मनप्रीत कौर, भारत महिला टीम की कप्तान, और फातिमा साना पाकिस्तान की कप्तान ने टॉस के लिए तैयारियां शुरू कीं, तो यह साफ था कि मुकाबला सिर्फ रन‑रन का नहीं बल्कि राजनीति‑राजनीति का भी होगा। टॉस के दौरान ऑस्ट्रेलिया की प्रसारकर्ता मेल जॉन्स ने गलती से "हेड्स" कहा, जबकि फातिमा ने सही तौर पर "टेल्स" का संकेत दिया था। फिर भी ICC के मैच रेफ़री शैंड्रे फ्रीट्ज़ ने इस गड़बड़ी को नोटिस नहीं किया और टॉस पाकिस्तान के पक्ष में तय कर दिया। यह सब R. प्रीमदास स्टेडियम, कोलंबो में 5 अक्टूबर 2025 को हुए विश्व कप 2025 के पुरुषों की तरह नहीं, बल्कि महिलाओं की टीमों के बीच चल रहे तनाव का नया अध्याय बन गया।
एशिया कप के बाद का तनाव: पृष्ठभूमि
2025 एशिया कप में भारत‑पाकिस्तान महिला मैच के दौरान भी कप्तानों ने हाथ मिलाने से इंकार कर दिया था। उस समय फातिमा ने कहा था, "हम अपनी पहचान को सुरक्षित रखते हैं, खेल में राजनीति नहीं लाएंगे।" वहीं हर्मनप्रीत ने जवाब दिया, "हम खेल को सम्मान देना चाहते हैं, लेकिन किसी भी अनादर को बर्दाश्त नहीं करेंगे।" इस "नो‑हैंडशेक" नीति ने दोनों टीमों के बीच एक असहज माहौल बना दिया, जो अब विश्व कप में फिर से दोहराया गया।
टॉस विवाद: कैसे हुई चूक
टॉस के समय, फातिमा ने स्पष्ट रूप से "टेल्स" कहा। मगर लाइव प्रसारण में मेल जॉन्स ने "हेड्स" कह दिया। टिप्पणीकारों ने तुरंत इस गलती को पकड़ लिया, पर शैंड्रे फ्रीट्ज़ ने कोई इशारा नहीं किया। परिणामस्वरूप, पाकिस्तान को टॉस जीतकर पहले बॉलिंग करने का अधिकार मिला। फातिमा ने टॉस के बाद कहा, "विकेट पर नमी लग रही है, हम पहले गेंदबाज़ी करेंगे। 250 से नीचे का लक्ष्य हमें आराम से मिल सकता है।" इसके बाद हर्मनप्रीत ने कहा, "हमारी टीम अच्छी फ़ॉर्म में है, अमेंजोट की बीमारी के बाद, रेनुका सिंह थाकुर ने जगह संभाली है।" टॉस की इस त्रुटि ने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म पर विवाद को जन्म दिया; कुछ ने ICC की प्रोटोकॉल में खामियों की ओर इशारा किया, तो कुछ ने कहा कि यह सिर्फ मानव त्रुटि है।

रन‑आउट पर तीसरे अप्मेयर का उलटा फैसला
पाकिस्तान ने 248 लक्ष्य का पीछा किया। चौथे ओवर में, ओपनर मुनेबा अली को एक तीव्र रन‑आउट से बाहर कर दिया गया। शुरुआती निर्णय थर्ड अप्मेयर कारेन क्लास्टे ने "नॉट आउट" दिया, पर बाद में रिव्यू में देखा कि अली की बॅट स्टम्प्स को हिट करने के क्षण में हवा में थी। इस कारण उन्होंने अपना फ़ैसला बदल कर "आउट" घोषित किया। फातिमा ने चौथे अपर में फ़ोरथ अपरिम्पीर को चुनौती दी, जबकि अली मैदान के किनारे पेड़ के नीचे बैठी हुई थी, जिससे देखने वाले दर्शकों में गुस्सा और चर्चाएँ दोनों छा गईं। इस निर्णय ने फिर से ICC की डिजिटल रेफ़री तकनीक पर सवाल उठाए।
मैच में अन्य अनोखे मोड़
रन‑आउट विवाद के बीच, खेल का एक और अजीब क्षण आया जब मैदान में अचानक मोस्किटो और मक्खियों का झुंड आया। फील्डिंग टीम को कई मिनट के लिए रोकना पड़ा, क्योंकि बॉल के साथ इनकी टक्कर से बॉल फिसलती दिखी। यह दृश्य कुछ अद्भुत था: दर्शक हँसते हुए भी बॉल को पकड़ने की कोशिश कर रहे थे, जबकि टिप्पणीकार ने इसे "जंगल में खेल जैसा" कहा।
- टॉस त्रुटि: 5 अक्टूबर 2025, R. प्रीमदास स्टेडियम
- रन‑आउट पुनरावलोकन: तीसरे अप्मेयर के दोहराए गए वीडियो जांच से निर्णय बदला
- इंसर्ट: खेल के दौरान कीड़े‑कीटों के कारण दो मिनट तक रोक
- टॉस जीतने के बाद पाकिस्तान ने पहले बॉलिंग करने का विकल्प चुना
- इंडियन टीम की कुल स्कोर 248/7, पाकिस्तान ने 250/5 पर जीत दर्ज की

भविष्य के लिए क्या मतलब?
यह विवाद न केवल इस मैच को, बल्कि आने वाले दोनों टीमों के मनोबल को भी प्रभावित करेगा। भारत के कोच रोहित शर्मा ने कहा, "हम इस अनुभव से सीखेंगे और अगली बार बेहतर तैयारी करेंगे।" वहीं पाकिस्तान के कोच कलीमा बीनो ने भरोसा जताया कि "हमारी टीम इस उलझन के दौरान शांत रहेगी और जीत को बनाए रखेगी।" ICC ने भी कहा कि भविष्य में टॉस प्रक्रिया को डिजिटल रूप में बदलने पर विचार किया जा रहा है, ताकि मनुष्य की त्रुटि कम हो सके।
अक्सर पूछे जाने वाले सवाल
टॉस में हुई त्रुटि से भारत की टीम को क्या नुकसान हुआ?
टॉस के गलत घोषणा के कारण पाकिस्तान को पहले गेंदबाज़ी का विकल्प मिला, जिससे भारतीय बल्लेबाजों को शुरुआती प्रेसर का सामना करना पड़ा। शुरुआती ओवरों में विकेट गिरने के बाद टीम को रिवर्स अंडर दबाव को संभालना पड़ा, जो संभवतः अंतिम स्कोर को 5‑10 रन तक घटा सकता है।
रन‑आउट विवाद का रीव्यू सिस्टम पर क्या असर पड़ा?
कारेन क्लास्टे द्वारा निर्णय बदलने से यह स्पष्ट हुआ कि थर्ड अप्मेयर की वीडियो तकनीक अभी भी मानवीय व्याख्या पर निर्भर है। विशेषज्ञों ने सुझाव दिया कि हाई‑स्पीड कैमरा एंगल और AI‑आधारित बॅट‑स्टम्प कनेक्शन को अनिवार्य किया जाए, ताकि भविष्य में ऐसी उलटी-फेरियां न हों।
क्या इस मैच में कीड़े‑कीटों के कारण खेल में रुकावट सामान्य है?
कोलंबो के गर्मी के मौसम में कई बार इनसे रुकावट आती है, पर 2025 विश्व कप के इस मैच में यह सबसे ज्यादा ध्यान आकर्षित करने वाला अनपेक्षित कारण रहा। आयोजकों ने बाद में बताया कि भविष्य में स्टेडियम के आसपास कीट नियंत्रण के लिए अतिरिक्त उपाय किए जाएंगे।
आगामी खेलों में दोनों टीमें इस तनाव को कैसे कम कर सकती हैं?
विशेषज्ञ सुझाव देते हैं कि दोनों बोर्डों को आधिकारिक प्रोटोकॉल बनाना चाहिए, जिसमें टॉस, हाथ मिलाना और वार्म‑अप से जुड़े सभी अनुष्ठानों को स्पष्ट रूप से निर्धारित किया जाए। साथ ही, खिलाड़ियों को मनोवैज्ञानिक काउंसलिंग प्रदान की जानी चाहिए, ताकि प्रतिस्पर्धा में भावनात्मक तनाव कम हो।
Neha Shetty
अक्तूबर 7, 2025 AT 04:41हर्मनप्रीत और फातिमा दोनों ने इस दबाव को झेला, और हमें अब इस अनुभव से सीख लेकर टीम की मानसिक ताकत बढ़ानी होगी। कोच के तौर पर, मैं कहूँगा कि ऐसे विवादों को भविष्य में रोकने के लिए टॉस प्रक्रिया में डिजिटल बैकअप जोड़ना ज़रूरी है। खिलाड़ियों को मनोवैज्ञानिक समर्थन देना भी बराबर महत्वपूर्ण है, ताकि वो मैदान में शांति से खेल सकें।
uday goud
अक्तूबर 7, 2025 AT 06:04टॉस की गड़बड़ी तो बस तुच्छ थी, लेकिन इसका प्रभाव राजनीति‑राजनीति में बदल गया,!!! इस तरह के छोटे‑छोटे डिटेल को नजरअंदाज नहीं किया जा सकता, क्योंकि ये ही बड़े मंच पर ताकत का इशारा देते हैं। अब ICC को चाहिए कि वे टॉस को पूरी तरह ऑटोमेटेड बनाएं, ताकि फिर से कोई "हेड्स"‑"टेल्स" की त्रुटि न हो।