BBAU लखनऊ में 10 सेकंड में 2,100 पौधे लगा कर नया Guinness World Record स्थापित

BBAU लखनऊ में 10 सेकंड में 2,100 पौधे लगा कर नया Guinness World Record स्थापित

इवेंट की तैयारी और कार्यप्रणाली

9 जुलाई को बैनर लहराते हुए, BBAU में रिकॉर्ड बनाने की तैयारियों का आभास साफ़ था। कैंपस में दो-दो हाथ से तैयार किए गए पौधों के गमले, जल राशि वाले बैकपैक और डिजिटल सेंसर्स सभी जगह रखे गए। विश्वविद्यालय ने 12 स्कूलों से कुल 2,100 छात्रों को बुलाया, साथ ही प्रोफेसरों और स्वयंसेवकों को भी शामिल किया। प्रत्येक प्रतिभागी को ट्री ट्रांसप्लांटिंग की दो मिनट की प्रैक्टिस सत्र दी गई, जिससे हर कोई एक ही कदम पर काम कर सके।

समय की सटीकता सुनिश्चित करने के लिए, इवेंट को एक मोबाइल ऐप से सिंगल क्लिक सिग्नल दिया गया। सिग्नल मिलते ही सभी ने एक साथ पौधा गमले में डाला, ऊपर मिट्टी से ढँका और फिर पानी दिया। इस प्रक्रिया को केवल 10 सेकंड में पूरा किया गया, जिससे यह एक अद्भुत सामंजस्य का उदाहरण बन गया।

  • प्रतिभागियों की कुल संख्या: 2,100
  • समय सीमा: 10 सेकंड
  • पौधों की विविधता: 19 अलग‑अलग प्रजातियां
  • डिजिटल मॉनिटरिंग: जियो‑टैगिंग और लाइव ट्रैकिंग

इवेंट के मुख्य अतिथि औषधि सलाहकार वनप्रधान अवनीश अवस्थी ने कहा, “संख्याएँ तो महत्त्व की केवल एक झलक हैं, असली बात यह है कि हम भविष्य की पीढ़ी को पर्यावरण की जिम्मेदारी सिखा रहे हैं।” उपकुलपति राज कुमार मिथल ने विश्वविद्यालय की दीर्घकालिक प्रतिबद्धता को दोहराते हुए कहा, “हम पौधों को सिर्फ जमीन पर नहीं, बल्कि उनकी देखभाल में भी निवेश करेंगे।”

पर्यावरणीय महत्व और भविष्य की योजनाएँ

पर्यावरणीय महत्व और भविष्य की योजनाएँ

यह रिकॉर्ड सिर्फ एक नंबर नहीं, बल्कि उत्तर प्रदेश की व्यापक हरित पहल का प्रतिबिंब है। राज्य ने पूरे पूरे दिन में 37 करोड़ पौधे लगाए, लक्ष्य से 21,40,925 पौधे अधिक। यह कार्य प्रधानमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल "Ek Ped Maa Ke Naam" के तहत अयोध्या में बैन्यन, नीम और पीपल के पेड़ लगाकर शुरू हुआ था।

डिवीजनल फ़ॉरेस्ट ऑफिसर सितांषु पांडे ने बताया कि चुनी गई 19 प्रजातियां स्थानीय जैव विविधता को बढ़ाने के लिए चुनी गईं। इनमें जलभरी मिट्टी वाले क्षेत्रों के लिए पीपल, शुष्क इलाकों के लिए सैजबरी और औद्योगिक जल निकायों के करीब जम्बू शामिल हैं। इन पौधों से जल वायुमंडलीय चक्र सुधरने की उम्मीद है।

डिजिटल मॉनिटरिंग टीम ने जियो‑टैगिंग तकनीक से प्रत्येक पौधे के स्थान को रिकॉर्ड किया, जिससे आगे के विकास की जांच आसान होगी। वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया कि इस वर्ष के अंत तक 80% लगाए गए पौधे जीवित रहने की संभावना है।

भविष्य में BBAU ने इस पहल को कई बार दोहराने की योजना बनायी है, खासकर कॉलेज डे या महाविद्यालय वार्षिक उत्सव के दौरान। विश्वविद्यालय ने स्थानीय NGOs के साथ मिलकर ‘हर घर एक पेड़’ कार्यक्रम भी शुरू किया है, जहाँ छात्र अपने घरों में भी समान संख्या में पौधे लगाकर इस मिशन में सहयोग करेंगे।

उपरोक्त सभी पहलें यह दर्शाती हैं कि सामुदायिक भागीदारी, तकनीकी सहायता और प्रशासनिक समर्थन मिलकर एक प्रतिमान बना सकते हैं। जब 2,100 लोग सिर्फ 10 सेकंड में पर्यावरण का योगदान दे सकते हैं, तो यह सवाल बचता है—हम और कितनी बड़ी बदलाव कर सकते हैं?

यह प्रयास अभी भी Guinness World Record की पुष्टि के चरण में है, लेकिन यह बात तय है कि BBAU ने भारत के हरित इतिहास में एक नई मिसाल स्थापित की है।

11 Comments

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    Jitender Rautela

    सितंबर 27, 2025 AT 18:15
    ये तो बस दिखावा है भाई! 10 सेकंड में पौधे लगाना तो आसान है, अब देखो कि 6 महीने बाद कितने जीवित रहेंगे। ये सब फोटो वाला जल्दबाजी है।
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    abhishek sharma

    सितंबर 28, 2025 AT 20:02
    अरे भाई, ये तो बहुत अच्छा हुआ... पर सोचो थोड़ा गहराई से। एक दिन में 37 करोड़ पौधे लगाना? अच्छा, लेकिन क्या उनकी देखभाल का भी प्लान है? या फिर अगले हफ्ते ही कोई रोड बनाने आ जाएगा और सब गायब? मैं तो बस ये कहना चाहता हूँ कि जब तक हम लोगों के दिमाग में ये बात नहीं बैठ जाती कि पेड़ बचाना है तो बस एक रिकॉर्ड बनाने के लिए नहीं, बल्कि जीवन बचाने के लिए लगाएंगे, तब तक ये सब बस एक शो है।
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    Surender Sharma

    सितंबर 30, 2025 AT 09:55
    2100 ped 10 sec me?? yrr ye kaise hua? kya sabki same height thi? koi na koi toh ped ko seedha nahi laga paya hoga... aur geo tagging? bhaiya ye toh phone ki battery bhi khatam ho jayegi!
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    Divya Tiwari

    अक्तूबर 1, 2025 AT 16:55
    हमारे देश में ऐसा करने वाला पहला विश्वविद्यालय है! ये सिर्फ पेड़ नहीं, ये हमारी संस्कृति का पुनर्जागरण है! जब तक दुनिया हमें देखेगी, तब तक हम अपने जमीन को नहीं भूलेंगे। ये रिकॉर्ड भारत की शक्ति का प्रमाण है।
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    shubham rai

    अक्तूबर 3, 2025 AT 00:04
    ok cool 😐
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    Nadia Maya

    अक्तूबर 4, 2025 AT 00:32
    मुझे लगता है कि यह एक बहुत ही उचित प्रयास है, लेकिन इसके पीछे की दर्शनशास्त्रीय अवधारणा जैविक सामंजस्य और विश्व स्तरीय सामाजिक अनुशासन के साथ बहुत गहरी है। यह एक नए जनादेश का आह्वान है, जिसमें व्यक्ति की अल्पकालिक क्रिया दीर्घकालिक पारिस्थितिक न्याय को प्रतिबिंबित करती है।
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    Nitin Agrawal

    अक्तूबर 4, 2025 AT 12:47
    ye sab fake hai bhai... 2100 ped 10 sec me? kya ye log koi jadu kar rahe hai? maine toh 2 ped bhi nahi laga paya 10 sec me... ye sab media ka drama hai
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    Gaurang Sondagar

    अक्तूबर 6, 2025 AT 11:59
    India wins again. No one else can do this. 2100 trees 10 seconds. Simple. Clean. Powerful. No talk. Just action. We don't need applause. We need results. And we got it
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    Ron Burgher

    अक्तूबर 8, 2025 AT 07:19
    bhai ye sab toh bas ghar ke bahar ped laga ke hi nahi hota... log apne ghar me bhi toh ped lagaye, khud ki khidki pe bhi ek ped lagao... yahan toh sabhi ka ghar hi ek chhota jungle ho jaye. abhi toh sabhi ke ghar ke bahar ped hai, andar toh koi nahi!
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    kalpana chauhan

    अक्तूबर 8, 2025 AT 23:54
    ये तो बहुत खूबसूरत है! 🌿❤️ मैंने अपने घर के बाहर भी एक नीम का पेड़ लगा दिया है अब! बच्चों को भी सिखाया कि पेड़ हमारे दोस्त हैं। इस तरह की पहलों को और बढ़ाएं, हर घर, हर स्कूल, हर कॉलेज! 🌱🇮🇳
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    Prachi Doshi

    अक्तूबर 10, 2025 AT 13:16
    bahut achha kiya... bas ab dekhte hain ki next year bhi same effort rahega ya nahi. ek ped lagana asaan hai, uski dekhbhal karna mushkil hai

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