यमन के हालिया हालात अक्सर समाचार में आते रहते हैं, लेकिन कई बार हम क्या असली में समझ पाते हैं, यही सवाल अक्सर उठता है। यहाँ हम आसान भाषा में यमन के मुख्य मुद्दों को तोड़‑तोड़ कर बताते हैं, ताकि आप बिना किसी जटिल शब्दों के पूरी तस्वीर समझ सकें।
पिछले दो साल में यमन में दो बड़ी लड़ाइयाँ तय हो गई हैं। एक तरफ़ अर्जेंटीना‑समर्थित अंतर्राष्ट्रीय गठबंधन ने उत्तरी भाग में सात‑सात क्षेत्रों को अपने कब्जे में ले लिया, तो दूसरी तरफ़ दक्षिणी क्षेत्रों में हिंदुस्तानी‑समर्थित समूह ने खुद को मजबूत किया। इस बीच, मानवीय संगठनों ने बताया कि लाखों लोगों को भोजन, साफ़ पानी और दवाइयों की कमी झेलनी पड़ रही है।
2024 में संयुक्त राष्ट्र ने यमन के लिए 3.2 मिलियन लोगों को सहायता प्रदान करने का इरादा जताया, लेकिन भू‑राजनीतिक तनाव के कारण वितरण धीमा हो गया। इस कारण से कई बच्चों की कुपोषण दर बढ़ी है, जो पहले से ही विश्व स्तर पर उच्च थी।
यमन के प्रमुख शहरों—सैन्य, अड्डे, और हाईफ़ा—में लगातार हवाई हमले हुए हैं। इन हमलों के परिणामस्वरूप अक्सर बुनियादी ढाँचा टूटता है, जिससे स्कूल, अस्पताल और बाजार बंद हो जाते हैं। जो लोग इन क्षेत्रों में रहते हैं, उन्हें अक्सर उजाड़ जगहों पर अस्थायी आश्रयों में रहना पड़ता है।
भारत ने यमन को एक रणनीतिक साझेदार माना है। भारतीय कंपनियों को यमन में तेल‑वायु तकनीक और समुद्री सुरक्षा में रुचि है। साथ ही, भारत ने कई बार मानवीय सहायता भेजी है—भोजन, दवाइयाँ, और बचाव दल। इसका मतलब यह नहीं है कि भारत सिर्फ दाता है; यमन में स्थिरता आए तो भारत की समुद्री व्यापारिक राहें भी सुरक्षित रहेंगी।
दूसरी तरफ़, वैश्विक स्तर पर यमन का संघर्ष कई देशों की नीतियों को प्रभावित करता है। चाहे वह ऊँची तेल कीमतें हों या शरणार्थियों का बड़ा प्रवाह, यमन की स्थिति में बदलाव सीधे ही अंतर्राष्ट्रीय बाजार और सुरक्षा समीक्षाओं को हिलाता है। इसलिए, जब भी यमन में कोई नई ख़बर आती है, तो उसका असर दूर‑दूर तक महसूस किया जाता है।यदि आप यमन की ताज़ा खबरें पढ़ना चाहते हैं, तो जन सेवा केंद्र पर रोज़ अपडेट मिलेंगे। हम आपको हर दिन की प्रमुख खबर, विशेषज्ञों की राय और मानवीय संगठनों की रिपोर्ट एक ही जगह पर देते हैं। इस तरह आप न केवल स्थिति का पता लगा सकते हैं, बल्कि यह भी समझ सकते हैं कि आप कैसे मदद कर सकते हैं—चाहे वह दान हो या जागरूकता फैलाना।
यमन के बारे में जानने के लिए बस एक क्लिक, और आप मिलेंगे उन तथ्यों से जो अक्सर छुपे रहते हैं। हमारी टीम लगातार नई जानकारी जोड़ती है, इसलिए बार‑बार चेक करते रहें। याद रखें, जानकारी ही बदलाव की पहली सीढ़ी है।
केरल की नर्स निमिषा प्रिया, जिन्होंने यमन में अपनी ज़िंदगी को सुधारने के लिए कदम रखा था, फांसी की सजा का सामना कर रही हैं। उनके ऊपर यमन में एक व्यक्ति की हत्या का आरोप है जिसका नाम तलाल अब्दो महदी था। हालात उनके लिए बेहद जटिल हैं क्योंकि सभी न्यायिक विकल्प समाप्त हो चुके हैं। भारतीय सरकार उनकी मदद के प्रयास कर रही है, लेकिन समय कम है।