विश्व संगीत दिवस: संगीत से भरपूर 21 जून कैसे मनाएँ
हर साल 21 जून को ‘World Music Day’ या ‘विश्व संगीत दिवस’ के नाम से मनाया जाता है। यह दिन थॉमस मोरिस, पहला रिकॉर्डिंग इंजीनियर, ने 1975 में शुरू किया था। उनका मकसद था कि लोग खुलकर संगीत सुनें, गाएँ और बजाएँ। अब यह दुनिया भर में एक बड़ा संगीत उत्सव बन चुका है, और भारत में भी इसका लहजा अलग ही धूम मचा रहा है।
विश्व संगीत दिवस पर क्या करें?
सबसे पहले तो अपने घर के आसपास के छोटे-छोटे कार्यक्रम देखें। अक्सर नगर पालिकाएँ, स्कूल और कॉलेज मुफ्त संगीत कंसर्ट आयोजित करते हैं। अगर आप बाहर नहीं जाना चाहते, तो ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म पर ‘Live Music’ सत्र देख सकते हैं। कई यूट्यूब चैनल और स्पॉटिफ़ाई प्ले‑लिस्ट इस दिन के लिए ख़ास तैयार होते हैं – आप उन्हें फॉलो करके नया संगीत खोज सकते हैं।
अगर आप खुद एक इंस्ट्रूमेंट बजाते हैं, तो इस दिन अपना छोटा कॉन्सर्ट रख सकते हैं। चाहे गिटार हो, बांसुरी हो या पियानो, बस कुछ दोस्तों को बुलाएँ और अपनी धुनें बाँटें। सोशल मीडिया पर #WorldMusicDay या #विश्वसंगीतदिवस टैग करके अपनी वीडियो शेयर करें; कई बार ये वीडियो जल्द ही वाइरल हो जाते हैं।
घर में संगीत का माहौल कैसे बनाएं?
संगीत को घर में लाने का सबसे आसान तरीका है एक प्ले‑लिस्ट बनाना। आप भारतीय शास्त्रीय, शास्त्रीय‑फ़्यूज़न, पॉप, रॉक या फोक को मिलाकर एक मिक्स बना सकते हैं। इसे लिविंग रूम में बजाते हुए चाय‑समय या डिनर टाइम को खास बनाइए। बच्चों को भी संगीत में शामिल करें – उनकी पीढ़ी के लिए ‘संगीत सीखना’ एक मज़ेदार गेम बन सकता है।
एक और अच्छा आइडिया है ‘संगीत वॉर’ खेलना। दो टीम बनाकर हर टीम एक गाना गाए या बजाए, और बाकी लोग वोट दें कि कौन बेहतर है। इससे न सिर्फ मज़ा आएगा, बल्कि सबको संगीत के विभिन्न रागों और शैलियों से परिचित कराएगा।
अगर आप संगीत के इतिहास में रुचि रखते हैं, तो इस दिन कुछ डॉक्यूमेंट्री देख सकते हैं। ‘बॉब मार्ले: द लाइफ’, ‘रवि शंकर: द सरजेंट’ जैसी फ़िल्में सुनने‑लिखने के साथ-साथ प्रेरणा भी देती हैं।
अंत में, अगर आप चाहें तो किसी चैरिटी या सामाजिक कारण के लिए संगीत कार्यक्रम आयोजित करें। अक्सर संगीत इवेंट से जुटे फंड्स को स्थानीय स्कूलों या बच्चों के कल्याण के लिए दिया जाता है। ऐसा करके आप न सिर्फ संगीत का जश्न मनाते हैं, बल्कि समाज को भी मदद पहुँचाते हैं।
तो इस 21 जून को बस अपने प्ले‑लिस्ट को चालू करो, या एक छोटा कॉन्सर्ट रखो – संगीत की धुनों में बेमेल नहीं होना चाहिए। विश्व संगीत दिवस का असली मकसद यही है: संगीत को हर दिल तक पहुँचाना।