शेयर अलॉटमेंट: आसान समझ और प्रयोगिक टिप्स
आपने नया IPO देखा, लेकिन शेयर अलॉटमेंट शब्द से थोड़ा उलझन में हैं? चलिए सरल शब्दों में बताते हैं कि शेयर अलॉटमेंट असल में क्या है, कब और क्यों होता है, और आप इसे कैसे अपने लाभ में बदल सकते हैं।
शेयर अलॉटमेंट कैसे काम करता है?
जब कोई कंपनी पहली बार शेयर बाजार में आती है, तो उसे पब्लिक के पास अपने शेयर बेचने पड़ते हैं। कंपनी तय करती है कि कुल कितने शेयर बेचने हैं और किस कीमत पर। इस कीमत को प्राइस बैंड कहते हैं। फिर निवेशकों से आवेदन आते हैं – ये आवेदन एकत्रित कर एक बंटवारा प्रक्रिया शुरू होती है। अगर आवेदन अधिक होते हैं (ओवर-सब्सक्रिप्शन), तो कंपनी या एन्ड्रॉज़र एक अल्गोरिदम या रैंडम तरीके से शेयर बंटवारा करती है, जिसे ही शेयर अलॉटमेंट कहा जाता है।
स्मार्ट निवेश के लिए टिप्स
शेयर अलॉटमेंट में सफलता पाने के लिए कुछ आसान कदम हैं:
1. प्राइस बैंड को समझें – जैसे हाल ही में HDB फाइनेंशियल सर्विसेज का IPO 700-740 रुपये के बैंड में था। अगर बैंड बहुत विस्तृत है, तो जोखिम भी बढ़ता है।
2. ग्रे मार्केट प्रीमियम देखें – इस IPO में ग्रे मार्केट प्रीमियम 83 रुपये तक पहुँच गया था, जो हाई डिमांड को दर्शाता है। प्रीमियम जितना ज़्यादा, अलॉटमेंट की संभावना उतनी ही कम हो सकती है, इसलिए सावधानी रखें।
3. अधिक आवेदन न करें – कुछ लोग कई ब्रोकर या खाते के ज़रिये दोहरावदार आवेदन करते हैं, लेकिन रिजल्ट में आपका शेयर एलोकेशन नहीं बढ़ता। एक ही ब्रोकर से सही दस्तावेज़ के साथ आवेदन करना बेहतर है।
4. रजिस्ट्रेशन समय पर रखें – IPO की बिडिंग ओपनिंग और क्लोज़िंग टाइम को याद रखें। देर से आवेदन करने से आपका आवेदन रद्द हो सकता है।
5. वित्तीय लक्ष्य तय करें – शेयर अलॉटमेंट के बाद शेयर को कब बेचेंगे, इसका प्लान बनाकर रखें। बहुत लोग पहले दिन ही बेचते हैं और प्रीमियम का फायदा उठाते हैं, जबकि कुछ लोग लंगर डालकर दीर्घकालिक रखरखाव करते हैं।
इन बुनियादी बातों को अपनी निवेश रणनीति में जोड़ने से शेयर अलॉटमेंट फिर भी जटिल नहीं लगेंगे। याद रखें, हर IPO का अपना माहौल होता है – बाजार की भावना, कंपनी की बुनियाद और मैक्रो इकोनॉमिक कारक सब मिलकर अलॉटमेंट की संभावनाओं को तय करते हैं।
अगर आप अभी भी संदेह में हैं, तो पहले छोटे बिडिंग आकार से शुरू करें, अनुभव जमा करें, और धीरे‑धीरे बड़े निवेश की ओर बढ़ें। शेयर अलॉटमेंट सीखने की प्रक्रिया में समय और धैर्य दोनों की जरूरत है, लेकिन सही जानकारी के साथ आप इस प्रक्रिया को अपने लिए फायदेमंद बना सकते हैं।