अगर आप शेयर बाजार में हैं या प्लान बना रहे हैं, तो सेबी की हर घोषणा आपके लिए महत्वपूर्ण है। सेबी क्या करता है? वो हमारे निवेशकों को धोखाधड़ी से बचाता है, बाजार की पारदर्शिता बनाता है और ब्रोकरों को नियमन करता है। इसलिए, सेबी की नई नीतियों को समझना जरूरी है, नहीं तो आप अनजाने में नुकसान उठा सकते हैं।
पिछले कुछ महीनों में सेबी ने कई अहम बदलाव किए हैं। सबसे बड़ी बात – म्यूचुअल फंड्स में रिस्क मैनेजमेंट को कड़ा किया गया। अब फंड मैनेजर्स को अपने पोर्टफोलियो के रिस्क एंटी‑रूले को सार्वजनिक करना पड़ेगा, जिससे निवेशकों को यह पता चलेगा कि उनका पैसा कहाँ लगा है।
दूसरा बड़ा कदम – बॉर्न रेटिंग पर नई गाइडलाइन। सेबी ने कहा है कि हाई‑रिस्क स्टॉक्स को ‘बॉर्न’ टैग नहीं लगाना चाहिए। इससे छोटे निवेशकों को झूठी उम्मीदों से बचाया जा सकेगा।
तीसरा अपडेट – डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म्स पर सख्त निगरानी। अब सभी ट्रेडिंग ऐप्स को अपनी एंटी‑फ्रॉड सिस्टम्स को सेबी के मानकों के अनुसार अपडेट करना होगा, और यदि कोई लापरवाही पाई जाती है तो भारी जुर्माना लगेगा।
पहले तो, जब सेबी नई नियमावली जारी करता है, तो मार्केट में थोड़ी हिचकिचाहट देखी जाती है। लेकिन ये हिचकिचाहट अक्सर अस्थायी होती है, क्योंकि लंबी अवधि में ये नियम निवेशकों को भरोसा देते हैं। उदाहरण के तौर पर, रिस्क मैनेजमेंट गाइडलाइन के बाद कई म्यूचुअल फंड्स के नेट एसेट वैल्यू (NAV) में स्थिरता आई है।
दूसरा, अगर आप ब्रोकर चुनते हैं, तो उनके सेबी लाइसेंस की जाँच जरूर करें। लाइसेंस वाले ब्रोकर अक्सर बेहतर कस्टमर सपोर्ट देते हैं और उनकी ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म में सुरक्षा फीचर भी मजबूत होते हैं।
तीसरा, लाइव स्टॉक मार्केट ऐप्स का इस्तेमाल करने से पहले ऐप के अपडेट सेक्शन में देखें कि क्या वो सेबी की नई गाइडलाइन फॉलो कर रहे हैं। अगर नहीं, तो संभावित फ़्रॉड या डेटा लीक का जोखिम बढ़ जाता है।
संक्षेप में, सेबी निरंतर बदलती मार्केट को सुरक्षित रखने में अहम भूमिका निभा रहा है। हर नई घोषणा को समझना और उसके अनुसार अपना निवेश प्लान अपडेट करना फायदेमंद रहेगा। अगर किसी घोषणा में संदेह हो, तो हमारे साइट पर मौजूद विस्तृत लेखों को पढ़ें या सीधे अपने वित्तीय सलाहकार से बात करें।
सेबी की खबरें रोज़ अपडेट होती रहती हैं, इसलिए बार‑बार चेक करते रहिए। छोटे‑बड़े निवेशकों के लिए सेबी का काम है – बाजार को साफ़‑सुथरा रखना, धोखाधड़ी दूर रखना और आपका पैसा सुरक्षित रखना।
क्वांट म्यूचुअल फंड पर SEBI ने जांच शुरू की है, जिसमें फ्रंट-रनिंग के आरोप शामिल हैं। फंड ने निवेशकों से पारदर्शिता का वादा किया है और सेबी के साथ पूर्ण सहयोग का आश्वासन दिया है। क्वांट म्यूचुअल फंड के CEO संदीप टंडन इस महत्वपूर्ण मोड़ पर फंड का नेतृत्व कर रहे हैं।