फॉरेंसिक विश्लेषण: अपराध सुलझाने का विज्ञान

फॉरेंसिक विश्लेषण का मतलब है सबूतों को वैज्ञानिक तरीके से जांचना। चाहे रक्त का डिएनए हो या कंप्यूटर की फाइल, हर चीज़ को डिटेक्टिव की तरह तोड़‑फोड़ कर समझा जाता है। इस लेख में हम साफ‑साफ बताएँगे कि फॉरेंसिक कैसे काम करता है, किन‑किन क्षेत्रों में उपयोग होता है और इस फील्ड में काम करने के लिए क्या चाहिए।

फ़ॉरेंसिक विश्लेषण के प्रमुख क्षेत्र

सबसे पहले बायो‑फ़ॉरेंसिक – इसमें रक्त, बाल, त्वचा के टिश्यू जैसे जैविक नमूनों का डिएनए टेस्ट किया जाता है। डिएनए मिलान से कई बार सालों के केस भी हल हो जाते हैं। दूसरा डिजिटल फ़ॉरेंसिक – मोबाइल, लैपटॉप और सर्वर से डेटा निकाल कर चोरी या साइबर अटैक के पीछे के लोगों को पकड़ते हैं। तीसरा टॉक्सिकोलॉजी – ज़हर, दवाओं या विषाक्त पदार्थों को पहचानने में मदद करता है। इन सब के अलावा बॉलिस्टिक (गन की बुलेट), ऑडियो‑फ़ॉरेंसिक और सीनिक (स्थल पर पाई गई चीज़ें) भी शामिल हैं।

फ़ॉरेंसिक प्रक्रिया का सीधा रास्ता

पहला कदम है सबूत एकत्र करना। पुलिस या सुरक्षा अधिकारी जगह से लिफाफ़, कपड़े, इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस इत्यादि को सुरक्षित रखते हैं। फिर फ़ॉरेंसिक लैब में ये सबूत ‘स्ट्रेनिंग’ की प्रक्रिया से गुजरते हैं, यानी साफ‑सुथरे तरीके से अलग‑अलग घटकों को निकालते हैं। तीसरा चरण है परीक्षण – डिएनए, फिंगरप्रिंट, रसायन के लिए विशेष मशीनों का उपयोग किया जाता है। आख़िर में रिपोर्ट बनती है, जिसमें निष्कर्ष और संभावित दायरों को बताया जाता है। यह रिपोर्ट कोर्ट में सबूत के रूप में पेश की जाती है।

अब बात करते हैं कुछ वास्तविक उदाहरणों की। पिछले साल एक डॉ. ने एक ख़ुशी‑ख़ुशी के केस में डिएनए मिलान से ही आरोपी को पकड़ लिया था। उसी तरह, एक बड़े साइबर‑हैक में फॉरेंसिक टीम ने लॉग फ़ाइलों से हैकर की पहचान कर ली, जिससे लाखों यूज़र का डेटा बचा। इन कहानियों से साफ़ पता चलता है कि फ़ॉरेंसिक सिर्फ ‘लेब’ नहीं, बल्कि सीधे न्याय प्रणाली का हिस्सा है।

अगर आप फ़ॉरेंसिक में करियर बनाना चाहते हैं, तो विज्ञान में बेसिक ग्रेड, लैब स्किल्स और ध्यान देना बहुत ज़रूरी है। सर्टिफ़िकेशन कोर्स, इंटर्नशिप या डिग्री (क्राइम सीनस स्टडी या बायो‑टेक) आपको आगे बढ़ा सकते हैं। साथ ही, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर, डेटा एनालिटिक्स और रिपोर्ट लिखने की क्षमता भी काम आती है।

फॉरेंसिक विश्लेषण अक्सर समाचार में आता है – चाहे वह क्रिकेट में डोपिंग टेस्ट हो या किसी बड़े युद्ध अपराध के केस की जांच। हमारी साइट पर आप इस टैग से जुड़ी सभी ताज़ा ख़बरें आसानी से पढ़ सकते हैं। हर खबर में फ़ॉरेंसिक के नए‑नए पहलुओं को समझने का मौका मिलता है।

सार में कहें तो फ़ॉरेंसिक विश्लेषण विज्ञान, तकनीक और इंसानियत का मिलाजुला रूप है। यह न सिर्फ अपराधी को पकड़ता है, बल्कि सच्चाई को सामने लाता है। यदि आप भी इस रोमांचक दुनिया में कदम रखना चाहते हैं, तो अभी से पढ़ाई शुरू करें, प्रयोगशालाओं में हाथ आज़माएँ और हर छोटे‑छोटे संकेत को बड़े साक्ष्य में बदलने की कला सीखें।

दिल्ली CRPF स्कूल विस्फोट: जांचकर्ताओं को मिली महत्वपूर्ण जानकारियां

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दिल्ली के रोहिणी क्षेत्र में सीआरपीएफ स्कूल के बाहर हुए विस्फोट ने दीवारों और आस-पास की दुकानों के शीशे तोड़ दिए। पुलिस और फॉरेंसिक टीम घटना स्थल पर पहुंचकर जांच में जुटी है। प्रारंभिक जांच में विस्फोटक सामग्री को क्रूड बम के समान पाया गया है। मामले की गहन जांच जारी है और एनआईए ने भी जांच में भाग लिया है। ये घटना संभावित आतंकी गतिविधियों की ओर इशारा कर सकती है।

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