मकर संक्रांति: जानिए सभी जरूरी बातें

हर साल 14 जनवरी को जब सूर्य मकर राशि में प्रवेश करता है, तो भारत में मकर संक्रांति का जश्न शुरू हो जाता है। यह सिर्फ एक दिन नहीं, बल्कि धूप, मिठाई और रंग‑बिरंगी पतंगों का बड़ा त्यौहार है। अगर आप भी इस खुशी में शामिल होना चाहते हैं तो नीचे दी गई आसान‑सरल जानकारी आपके काम आएगी।

क्यों मनाते हैं मकर संक्रांति?

वैज्ञानिक रूप से देखा जाये तो, सनएक्लिप्स के बाद धरती की धुरी थोड़ा झुक जाती है और यह दिन सबसे लंबा दिन बन जाता है। इस कारण गर्मी बढ़ती है और फसलें अच्छी होने लगती हैं। पुराने समय में किसान इसे ‘सूर्य का उत्तरायण’ कहते थे और इसे शुभ मानते थे। इसी वजह से लोग इस दिन विशेष पूजा‑अर्चना और दान‑देखभाल करते थे।

मकर संक्रांति के मजेदार रीति‑रिवाज़

1. पतंगबाजी: बचपन की सबसे प्यारी यादें पतंग उड़ाने की होती हैं। खुले मैदान में बड़े‑बड़े पतंगों को हवा में तैरते देखना एक अलग ही उत्साह देता है। अगर आप पहली बार उड़ाना चाहते हैं तो हल्का डोर और मजबूत फ्रेम चुनें, फिर धीरे‑धीरे ऊँचाई बढ़ाएँ।

2. तिल‑गुड़ की मिठाई: इस मौसम में तिल का अत्यधिक उत्पादन होता है, इसलिए तिल‑गुड़ के लड्डू, चकली और रसमलाई बनाना आम बात है। ये मिठाइयाँ न सिर्फ स्वादिष्ट होती हैं, बल्कि ऊर्जा भी देती हैं, इसलिए ठंडी हवा में इन्हें खाकर गर्मी महसूस होती है।

3. उड़ती हुई गिद्धी (उत्तरी) यात्रा: राजस्थान, गुजरात और महाराष्ट्र जैसी जगहों में लोग ऊँट या गायी को सजाकर लहराते हैं। यह दर्शाता है कि किसान अपनी फसल की रक्षा के लिए सब कुछ कर रहे हैं। यदि आप यात्रा की योजना बना रहे हैं तो स्थानीय मेले में जरूर शामिल हों।

4. नमक व जल स्नान: कुछ क्षेत्रों में लोग सूर्यास्त के बाद नमक के पानी में स्नान करते हैं, माना जाता है कि इससे स्वास्थ्य लाभ होता है। आप भी घर में गरम पानी में थोड़ा नमक मिलाकर स्नान करें, इससे शरीर ठंडा और ताज़ा लगता है।

5. भाती और दान: इस दिन गरीबों को भोजन देना, वस्त्र देना या जरूरतमंदों को मदद करना बहुत पुण्य माना जाता है। अगर आप भी इस परम्परा को अपनाएँ तो सामाजिक स्तर पर बड़ी खुशी मिलेगी।

मकर संक्रांति सिर्फ एक तिथि नहीं, बल्कि पूरे भारत में अलग‑अलग रंग‑भेद लेकर आती है। चाहे आप दिल्ली की सड़कों पर पतंग उड़ाएँ, गोवा के समुद्र किनारे तिल‑गुड़ खाएँ, या राजस्थान के रेगिस्तान में ऊँट महोत्सव देखें, हर जगह यही संदेश है – सूर्य की नई रोशनी का स्वागत और सर्दियों की ठंड को मिठास से भर देना। तो इस बार मकर संक्रांति को पूरी families के साथ मनाएँ, खुशियों का शेयर करें और गर्मी की पहली किरण को गले लगाएँ।

मकर संक्रांति 2025: दोस्तों और परिवार के लिए शुभकामनाएं, संदेश और ग्रिटिंग्स के साथ मनाएँ यह पर्व

मकर संक्रांति 2025: दोस्तों और परिवार के लिए शुभकामनाएं, संदेश और ग्रिटिंग्स के साथ मनाएँ यह पर्व

मकर संक्रांति 2025 का पर्व 14 जनवरी को मनाया जाएगा, जो नए शुरुआत, समृद्धि और कृतज्ञता का प्रतीक है। यह पर्व भारत में लोगों को एकजुट करता है, जिसमें पतंगबाजी, अग्नि-पूजन और क्षेत्रीय व्यंजन शामिल हैं। लेख में मकर संक्रांति के लिए विशेष संदेश और शुभकामनाएं शामिल हैं जो इस विशेष अवसर पर खुशियाँ और उत्साह का संचार करेंगे।

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