कुत्ते का काटना अक्सर सही जानकारी की कमी से बड़ा दर्द बन जाता है। अगर आपका या किसी के पास कुत्ते से कट लगा है, तो तुरंत क्या करना चाहिए, इस पर स्पष्ट गाइड यहाँ है। हम बात करेंगे शुरुआती प्राथमिक उपचार, कब डॉक्टर के पास जाना चाहिए, और भविष्य में ऐसे घटनाओं से बचने के उपाय।
कट लगते ही सबसे पहले कट के आसपास के क्षेत्र को साफ पानी से धोएँ। फिर हल्के साबुन से हल्का गोलाकार गति में रगड़ें। अगर पास में एंटीसेप्टिक उपलब्ध हो तो लगाएँ, नहीं तो साफ कपड़े से धीरे‑धीरे दबाएँ ताकि रक्त बहना रुक जाए। दबाव देने के बाद, कट को साफ़ कपड़े या बैंडेज से ढक दें। इससे संक्रमण के खतरे को काफी हद तक घटाया जा सकता है।
हर कट को डॉक्टर के पास नहीं ले जाना पड़ता, लेकिन कुछ संकेत तुरंत मेडिकल मदद की जरूरत बताते हैं:
इन संकेतों में से कोई भी दिखे, तो तुरंत नजदीकी अस्पताल या क्लिनिक जाएँ। डॉक्टर एंटीबायोटिक, टेटनस वैक्सीन या दर्द कम करने वाली दवाइयाँ दे सकते हैं।
डॉक्टर के पास जाने से पहले, कट की फोटो ले लें। यह डॉक्टर को चोट की गंभीरता समझने में मदद करेगा, खासकर अगर आप दूरस्थ इलाके में हों और टेली‑मेडिसिन के माध्यम से सलाह ले रहे हों।
अब बात करते हैं भविष्य में ऐसे हादसे से बचने की। कुत्ते को हमेशा लाइनेन से बांधें या पिंजरे में रखें जब वह अनजान व्यक्तियों के पास हो। यदि आपके पास कुत्ता है, तो ट्रेनिंग के साथ सामाजिकरण पर ध्यान दें। कुत्ते के शरीर भाषा को समझना भी जरूरी है – जैसे डॉग के पूँछ की गति, कान की स्थिति, या दांत दिखाना – ये संकेत बताते हैं कि वह डर या एग्रेसिव हो सकता है।
यदि आप पालतू कुत्ते के मालिक नहीं हैं, तो बस कुत्ते के करीब आते समय धीरे‑धीरे कदम रखें, तेज़ आवाज़ या अचानक मूवमेंट से बचें। हमेशा बतौर मालिक से पूछें कि कुत्ता दोस्ताना है या नहीं, और हाथ को सपाट करके न दिखाएँ। बचाव का सबसे आसान तरीका है सावधानी – अगर आप नहीं चाहते तो कुत्ते के पास नहीं जाएँ।
संक्षेप में, डॉग बाइट का तुरंत सफ़ाई, दबाव, और एंटीसेप्टिक से शुरुआती उपचार करें, गंभीर मामलों में डॉक्टर को नज़रअंदाज़ न करें, और भविष्य में कुत्ता‑मानव इंटरैक्शन को समझदारी से संभालें। इन आसान कदमों से दर्द कम होगा, संक्रमण से बचाव होगा, और आपका अनुभव सुरक्षित रहेगा।
चंडीगढ़ में आवारा कुत्तों और पशुओं की बढ़ती समस्या को देखते हुए पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने नगर निगम को तुरंत कार्रवाई के कड़े निर्देश दिए हैं। अब नागरिक 0172-278-7200 सहित नई हेल्पलाइन और मोबाइल ऐप की मदद से शिकायत दर्ज करा सकेंगे। पिछले साल डॉग बाइट मामलों में जबरदस्त बढ़ोतरी हुई है।