अगर आप इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदते‑खरीदते थक गए हैं तो आप शायद नहीं जानते कि पीछे कौन बनाता है। भारत में Dixon Technologies ही ऐसी कंपनी है जो मोबाइल फोन, टेलीविजन और कई छोटे‑मोटे गैजेट्स का असेंबली करता है। इस कंपनी के बिना‑बिना हमारे पास सस्ते स्मार्टफ़ोन और एटीवी नहीं होते।
Dixon का मुख्यालय बेंगलुरु में है, लेकिन फैक्ट्री पूरे भारत में फैली हुई हैं – गुजरात, तमिलनाडु, ऑडिशा, और असम में बड़े‑बड़े प्लांट चलाते हैं। इन फैक्ट्रियों में रोज़ाना लाखों यानी करोड़ों यूनिट बनती हैं, जिससे भारत की मैन्युफैक्चरिंग क्षमता में बड़ा इज़ाफ़ा हुआ है।
सबसे ज्यादा जानते‑जाने वाला प्रोडक्ट है मोबाइल फोन असेंबली। Dixon ने कई बड़े ब्रांडों के साथ काम किया है – जैसे Xiaomi, Realme, और OnePlus के कुछ मॉडल। इसके अलावा टेलीविजन, एयर कंडीशनर, और घरेलू उपकरण भी यहां बनते हैं। इन सभी प्रोडक्ट्स को ‘मेड इन इंडिया’ की टैग के साथ बेचा जाता है, जिससे देश की आर्थिक वृद्धि में मदद मिलती है।
एक और खास बात: Dixon ने इलेक्ट्रिक वाहन (EV) के बैटरी पैक और चार्जिंग पॉड्स बनाने की शुरुआत भी की है। यह नया कदम भारत को इलेक्ट्रिक गाड़ी अपनाने में तेज़ी देगा, क्योंकि अब स्थानीय निर्माण लागत घटेगी।
पिछले महीने कंपनी ने घोषणा की कि वह अगले दो साल में अपनी उत्पादन क्षमता को 30% बढ़ाएगी। इसका मतलब है और अधिक जॉब्स, और उपभोक्ताओं को और सस्ते दाम पर प्रोडक्ट मिलेंगे। साथ ही, Dixon ने हाल ही में एक नई साझेदारी की है जिसमें वह ‘स्मार्ट घर’ उपकरण बनायेगा – जैसे स्मार्ट लाइटिंग और सिक्योरिटी कैमरा।
कैरियर की बात करें तो Dixon हर साल हजारों इंजीनियर, मैनेजमेंट और सप्लाई चेन प्रोफेशनल्स को हायर करता है। अगर आप इलेक्ट्रॉनिक्स में करियर बनाना चाहते हैं, तो उनकी वेबसाइट पर जॉब पोर्टल पर अप्लाई करना फायदेमंद रहेगा। इंटरव्यू में कंपनी की तकनीकी समझ और मैनेजमेंट स्किल्स पर ज़्यादा ध्यान दिया जाता है।
कुल मिलाकर, Dixon Technologies भारत की इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग को सशक्त बना रही है। चाहे आप एक आम उपभोक्ता हों या नौकरी की तलाश में, इस कंपनी से जुड़े अपडेट्स को फ़ॉलो करना आपके लिए उपयोगी रहेगा। हमारे पेज पर और भी नवीनतम ख़बरें, प्रोजेक्ट अपडेट और करियर टिप्स मिलते रहेंगे।
Dixon Technologies के शेयर Q2 परिणामों की घोषणा के बाद 15% की गिरावट दर्ज की गई। कंपनी ने पिछले साल के मुकाबले 3.5 गुना अधिक Rs 493 करोड़ का शुद्ध लाभ दर्ज किया। राजस्व Rs 14,181 करोड़ तक पहुंच गया। हालांकि, मजबूत वित्तीय संकेतकों के बावजूद, शेयरों में बिकवाली दबाव देखा गया, संभवतः निवेशकों द्वारा हालिया लाभ को भुनाने के कारण।