जब नवाक जोकोविच, सर्बिया ने 9 जुलाई, 2025 को ऑल इंग्लैंड क्लब में खेला, तो पूरे टेनिस जगत ने विस्मय में रह गया। 38‑वर्षीय सितारे ने इटली के फ़्लावियो कोबोल्ली को 6‑7(6), 6‑2, 7‑5, 6‑4 से हराकर विंबलडन में अपना रिकॉर्ड‑ब्रेकिंग 14वां सेमीफ़ाइनल फाइनल किया, और इस जीत के बाद विश्व नंबर‑एक जैनिक सिन्नर के साथ भिड़ने को तैयार हो रहा है।
पृष्ठभूमि और इतिहास
डजोचिक ने पहले भी इस मैदान पर कई बार चमक बिखेरी है – 2011, 2014‑2015, 2018‑2019, 2021‑2022 में सात बार जीत हासिल की। इस बार उनका लक्ष्य अठ्ठा विंबलडन खिताब और 25वां ग्रैंड स्लैम इश्यू जीतना है, जिससे वह रॉजर फेडरर के साथ टाइटल गिनती में बराबर हो जाएंगे। इस उपलब्धि ने उन्हें ओपन एरा के दोनो लिंगों में 52वें मेजर सेमीफ़ाइनल तक पहुंचाने वाला बना दिया, जो कि क्रिस इवर्ट के बराबर है।
मैच का विस्तृत सार
मैच लगभग 3 घंटे 11 मिनट तक चला। शुरुआती सेट में कोबोल्ली ने 5‑3 पर सब कुछ तोड़ा, लेकिन जोकोविच का रिटर्न स्ट्रॉन्ग था। पहले सेट का ब्रेकफ़ॉल के बाद, डजोचिक ने तेज़ एसेस का प्रयोग किया – कुल 13 एसेस, और 19 में से 21 सर्वस को सुरक्षित रखा। दूसरा सेट 6‑2 से ले लिया, जिसमें कोबोल्ली की गलती अधिक थी। तीसरे सेट में दोनों खिलाड़ियों ने लॉब और ड्रॉप शॉट की धूम मचाई, लेकिन डजोचिक ने 7‑5 से फायदा उठाया।
सबसे नाटकीय पल तो अंतिम गेम में आया, जब डजोचिक ने दूसरा मैच पॉइंट पर घास पर फिसल कर अपने पैर को मोड़ दिया और जमीन पर गिर गया। दर्शकों की आवाज़ें थर-थर काँप गईं, पर उन्होंने दो प्वाइंट बाद ही जीत का सूट बांध दिया। उन्होंने पोस्ट‑मैच कॉन्फ्रेंस में कहा, "बॉडी आज पहले जैसा नहीं है, पर मैं आशा करता हूँ कि अगले 24‑48 घंटे में सब ठीक हो जाएगा।"
सेमीफ़ाइनल में सिन्नर का सामना
जैनिक सिन्नर, जो वर्तमान विश्व नंबर‑एक है, ने हाल ही में टूर पर कई बड़े जीत दर्ज की हैं। डजोचिक और सिन्नर के बीच अब तक के चार प्रसंग में दोनों ने दो‑दो जीत हासिल की है, पर 2023 के विंबलडन सेमीफ़ाइनल में डजोचिक ने सिन्नर को हराया था। इस बार का सामना दो साल बाद फिर से सामने आएगा, जहाँ दोनों खिलाड़ियों की उम्र, फिटनेस और मानसिक तैयारी अहम कारक बनेंगे।
डजोचिक ने कहा, "38 की उम्र में भी मैं युवा खिलाड़ियों के साथ प्रतिस्पर्धा कर रहा हूँ, यह मेरे लिए प्रेरणा का स्रोत है।" सिन्नर ने थोड़ा सावधानी दिखाते हुए कहा कि "विंबलडन की घास पर तेज़ मूवमेंट और धीरज दोनों की ज़रूरत होती है, और मैं पूरी तैयारी के साथ मैदान में उतरूँगा।"

विशेषज्ञों की राय और भविष्य की संभावनाएँ
टेनिस विश्लेषक मारिया फिलिपोव ने टिप्पणी की, "डजोचिक की फिटनेस और रणनीति अब भी शीर्ष स्तर पर है, पर उनका शरीर उम्र के साथ धीमा हो रहा है। यदि वह इस सेमीफ़ाइनल में चोट से बचते हुए अपना खेल रख पाते हैं, तो उनका जीतना संभव है।" दूसरी ओर, पूर्व ग्रैंड स्लैम चैंपियन रेना ओवेट्स्की ने कहा, "सिन्नर की आक्रमण शैली और शारीरिक शक्ति युवा खिलाड़ियों को कठिन मोड़ देती है, लेकिन डजोचिक का अनुभव और कोर्ट पर स्थितियों को पढ़ने की क्षमता उन्हें बराबर कर सकती है।"
अगले सप्ताह के अंत में यदि डजोचिक फाइनल पहुँचते हैं, तो वह 2026 में ट्रिपल‑क्राउन (ऑस्ट्रेलिया, फ्रांस, यूके) की ओर एक और कदम करीब होंगे। वहीं सिन्नर के लिए यह टुर्नामेंट 2025 का सबसे बड़ा मंच बन सकता है, जिससे वह अपनी पहली विंबलडन टाइटल की ओर अग्रसर हो सकते हैं।
मुख्य आँकड़े और तथ्य
- डजोचिक ने 14वें विंबलडन सेमीफ़ाइनल में प्रवेश किया – फेडरर के 13 रिकॉर्ड को पार किया।
- वर्तमान उम्र 38 वर्ष, जिससे वह सबसे पुराने खिलाड़ी बन गए हैं जो लगातार सात साल से सेमीफ़ाइनल में पहुंच रहे हैं।
- मैच में 13 एसेस, 22 अनफ़ोर्स्ड एरर्स, और कुल 52 मेजर सेमीफ़ाइनल (इसे इवर्ट के बराबर)।
- कोबोल्ली ने अपने करियर की पहली ग्रैंड स्लैम क्वार्टरफाइनल में जगह बनाई।
- क्वीन कैमिला ने मैच से पहले जोकोविच को बधाई दी, यह इंग्लैंड में टेनिस के लिए राजसी समर्थन दर्शाता है।
अगला कदम और संभावित परिदृश्य
डजोचिक को अपनी चोट से ठीक होने के लिए 48 घंटे की शारीरिक थैरेपी करनी होगी। यदि वह अपने बैक फोरहैंड और रिटर्न पर भरोसा बनाए रखते हैं, तो वे सिन्नर को चुनौती दे सकते हैं। दूसरी ओर, सिन्नर को अपने फोरहैंड के साथ-साथ कोर्ट के धीमे हिस्सों में पैर की गति बढ़ानी होगी, क्योंकि ग्रास कोर्ट की विशेषता तेज़ बॉल वाले शॉट्स होते हैं।
विंबलडन फाइनल के लिए दोनों खिलाड़ियों के संभावित फॉर्मेट की चर्चा भी चल रही है – 5‑सेट मैरेथॉन, जहाँ सहनशीलता और मानसिक दृढ़ता दोनों ही महत्वपूर्ण हैं। इस साल की बारीश और धूप भी एक अहम फैक्टर बन सकती है, क्योंकि दोनों खिलाड़ी हल्की हवा में अपने सर्विस को ट्यून कर रहे हैं।

अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
डजोचिक की इस जीत का भारतीय टेनिस प्रेमियों पर क्या असर होगा?
भारतीय टेनिस प्रशंसकों के लिए जोकोविच का प्रदर्शन प्रेरणा का स्रोत है। उनका दृढ़ संकल्प और उम्र के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करने का तरीका युवा भारतीय खिलाड़ियों को ग्लोबल सर्किट में खुद को साबित करने का आत्मविश्वास देता है। साथ ही, उनका विज़िट भारत में टेनिस अकादमीज़ के विकास को भी तेज़ कर सकता है।
सिन्नर को इस सेमीफ़ाइनल में जीतने के लिए किन चीज़ों पर ध्यान देना चाहिए?
सिन्नर को अपनी सर्विस रिटर्न की स्थिरता, ग्रास कोर्ट की स्लाइड को समझना और डजोचिक की लंबी बैकहैंड रैली को संभालना आवश्यक है। साथ ही, तेज़ डिफ़ेंस और त्वरित बॉल विकल्पों के बीच संतुलन बनाना उनके जीत के चांस को बढ़ा सकता है।
डजोचिक की चोट का असर अगले मैच में कितना गंभीर हो सकता है?
डजोचिक ने बताया कि वह दो‑तीन दिनों में दर्द की सीमा कम होने की उम्मीद कर रहा है। यदि उनका फिसलन वाला पैर ठीक हो जाता है, तो उनका सर्विस और मूवमेंट अभी भी उच्च स्तर पर रहेगा। लेकिन यदि दर्द बना रहा, तो वह मैच की रणनीति में अधिक लघु शॉट्स और कम एसेस पर निर्भर हो सकते हैं।
क्या विंबलडन में कॉर्ट कोर्ट की स्थिति इस साल सामान्य थी?
बहार की धूप और हल्की बारिश ने कोर्ट की घास पर थोड़ा नम बनाया, जिससे फिसलन बढ़ी। खिलाड़ियों ने इस परिवर्तन को ध्यान में रखकर अपने फुटवेर और स्टेपिंग पैटर्न को समायोजित किया, खासकर सर्विस के बाद रिटर्न में। यह तत्व दोनों खिलाड़ियों के लिए अतिरिक्त चुनौती था।
विंबलडन सेमीफ़ाइनल में किस टीम या कोच ने सबसे बड़ा योगदान दिया?
डजोचिक के कोच मारियो उरिची ने टेनिस रणनीति में बदलते मौसम और कोर्ट की स्थिति को ध्यान में रखकर ड्रॉप शॉट और लाब के मिश्रण को प्राथमिकता दी। वहीं सिन्नर के कोच थॉमस शैपिरो ने फ़िटनेस रूटीन पर ज़ोर दिया ताकि युवा खिलाड़ी के ऊर्जा स्तर को बनाए रखा जा सके।
Mohamed Rafi Mohamed Ansari
अक्तूबर 4, 2025 AT 00:30डजोचिक जी ने फिर से साबित किया कि उम्र सिर्फ एक आँकड़ा है। उनके एसेस और रिटर्न विशेष रूप से प्रभावशीली रहे। अगर आप उनके खेल की तकनीक को देखेंगे, तो पता चलेगा कि फिटनेस कैसे बनाए रखी जाती है। इस जीत से उनके अनुयायियों को नई प्रेरणा मिलेगी।