चरनजीत सिंह चन्नी: कौन हैं और उनका राजनैतिक सफर
अगर आप पंजाब के हाल के राजनैतिक मोड़ देख रहे हैं, तो चन्नी का नाम अनदेखा नहीं रह सकता। उन्होंने 2021 में कांग्रेस की ओर से मुख्यमंत्री पद संभाला और ओलंपिक‑जैसे कई उतार‑चढ़ाव देखे। उनका सफर छोटे शहर के नेता से लेकर राज्य के सबसे बड़े पद तक पहुँचा, और इस दौरान उन्होंने कई वादे पूरे किए और कुछ विवाद भी उठे।
पीछे की कहानी समझने के लिये उनके शुरुआती जीवन पर भी नज़र डालें। चन्नी का जन्म पंजाबी किसान परिवार में हुआ था, पढ़ाई‑लिखाई में थोड़ी‑बहुत रूचि थी और राजनीति में कदम रखे भी तब जब उन्होंने छात्र संगठनों में काम किया। धीरे‑धीरे वह कांग्रेस के भरोसेमंद सदस्य बन गए और कई बार विधानसभा के सीट जीतते रहे।
मुख्य योजनाएँ और उनका प्रभाव
मुख्यमंत्री बनते ही चन्नी ने विकास के नाम पर कई स्कीम शुरू कीं। सबसे बड़ी योजना थी ‘किसान‑संपदा बंधन’, जिसमें छोटे किसान को सस्ते बीज और उन्नत खेती तकनीक मिलती थी। किसानों ने कहा कि इससे उनका उत्पादन 10‑15 प्रतिशत बढ़ा।
शिक्षा के क्षेत्र में ‘स्मार्ट स्कूल’ पहल चलायी गई। इससे ग्रामीण स्कूलों में कंप्यूटर लैब और इंटरनेट कनेक्शन लाया गया। परिणामस्वरूप छात्र अब ऑनलाइन टेस्ट दे सकते थे और प्रतियोगी परीक्षाओं में बेहतर प्रदर्शन कर रहे हैं।
स्वास्थ्य में ‘मोबाइल हेल्थ यूनिट’ का रोल‑आउट हुआ। हर जिले में एक मोबाइल क्लिनिक चलाया गया जो दूर‑दराज़ गाँवों तक दवाइयाँ और डॉक्टर ले जाता था। लोगों ने कहा कि इससे अचानक रोगियों को अस्पताल तक जाने की समस्या कम हुई।
इन कार्यक्रमों की बात करते हुए यह भी सही है कि आलोचना नहीं छूटी। कुछ लोग कहा कि फंड की कमी के कारण योजनाएँ सिर्फ कागज़ पर ही रह गईं, जबकि दूसरी ओर कई कनेक्टेड लोगों ने लाभ उठाया। फिर भी, आंकड़े बताते हैं कि कई क्षेत्रों में सुधार हुआ है।
भविष्य की दिशा और चुनौतियाँ
अब जब चन्नी का राजनैतिक दौर कुछ हद तक समाप्त हो गया है, तो सवाल यही है कि उनका अगला कदम क्या होगा। कांग्रेस के भीतर उन्हें अभी भी एक महत्वपूर्ण आवाज़ माना जाता है, इसलिए सम्भावना है कि वह पार्टी के पुनर्गठन में मदद करेंगे।
मुख्य चुनौती है युवा वोटर को जोड़ना। आज के युवा रोजगार, शिक्षा और डिजिटल सुविधा चाहते हैं। अगर चन्नी इन मुद्दों को ठोस योजनाओं में बदले तो फिर उनका प्रभाव बढ़ेगा।
एक और बात जो अक्सर छूटती है, वह है बुनियादी ढांचे की समस्या। सड़कों, जल आपूर्ति और विद्युत नेटवर्क को अपडेट करने के लिए बड़े निवेश की जरूरत है। यदि ये काम जल्द किया जाए तो पंजाब की आर्थिक स्थिति बहुत बेहतर हो सकती है।
संक्षेप में, चरनजीत सिंह चन्नी ने अपने कार्यकाल में कई बदलाव लाए, कुछ सफल रहे, कुछ अधूरे। अब उनका काम है कि वह इन नुक्सानों को सीखें और भविष्य में बेहतर समाधान पेश करें। चाहे आप उनके समर्थक हों या आलोचक, यह स्पष्ट है कि पंजाब की राजनीति में उनका नाम ज़रूर रहेगा।