दुबई के इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में आज रात 8 बजे भारत और पाकिस्तान के बीच एशिया कप 2025 का फाइनल खेला जा रहा है — और भारतीय टीम में बड़े बदलाव हुए हैं। जसप्रीत बुमराह और शिवम दूबे वापस आ गए हैं, जबकि हार्दिक पंड्या की जगह रिंकू सिंह खेलने की उम्मीद है। पिछले शुक्रवार को श्रीलंका के खिलाफ खेले गए सुपर 4 मैच में पंड्या को हैमस्ट्रिंग की चोट लगी थी, और बोलिंग कोच मोर्ने मोर्केल ने सोमवार को कहा कि उनकी स्थिति का आकलन अभी जारी है। ये फाइनल दोनों टीमों के बीच टूर्नामेंट में तीसरा मुकाबला है — और भारत ने पहले दोनों मैच जीते हैं।
फाइनल के लिए भारत की संभावित प्लेइंग एल्वन
भारत की संभावित प्लेइंग एल्वन में कप्तान सूर्यकुमार यादव के साथ शुभमन गिल, रिंकू सिंह और तिलक वर्मा बल्लेबाजी की ताकत बनेंगे। ऑलराउंडर्स में अक्षर पटेल, अभिषेक शर्मा और शिवम दूबे को मौका मिलेगा। विकेटकीपर संजू सैमसन और गेंदबाजी इकाई में बुमराह, हर्षित राणा, वरुण चक्रवर्ती, कुलदीप यादव और अर्शदीप सिंह की उम्मीद है। ये टीम उस समय की तुलना में बहुत अलग है जब पंड्या के बिना भारत की बोलिंग श्रीलंका के बल्लेबाजों के सामने बर्बाद हो गई थी।
पाकिस्तान की चुनौतियाँ: बल्लेबाजी का अंधेरा
पाकिस्तान की टीम लगभग वही रहेगी जो बांग्लादेश के खिलाफ 135 के छोटे लक्ष्य को सफलतापूर्वक बचाने में कामयाब रही थी। लेकिन उनकी बल्लेबाजी अब भी एक बड़ी चिंता है। ओपनर सैम अयूब ने टूर्नामेंट में छह मैचों में चार शून्य बनाए हैं — एक ऐसा रिकॉर्ड जिसे किसी भी बड़े खिलाड़ी के लिए अस्वीकार्य माना जाता है। हालाँकि, उनकी गेंदबाजी ने टीम को कई बार बचाया है। नेतृत्व कर रहे सलमान अली अघा के साथ फाकर जमान अभी भी उनके सबसे विश्वसनीय बल्लेबाज हैं। लेकिन मध्य क्रम बेहद कमजोर है, और अगर ओपनर अच्छा नहीं खेलते, तो टीम आसानी से ढह सकती है।
दुबई का मैदान: चेजिंग का आसान माहौल
दुबई का मैदान इस टूर्नामेंट में चेजिंग के लिए बहुत अनुकूल रहा है। पिछले तीन मैचों में दो में 200+ के लक्ष्य को सफलतापूर्वक पूरा किया गया है, और दो मैचों में सुपर ओवर हुआ। ये बात भारत के लिए बड़ी फायदेमंद है — क्योंकि उन्होंने सुपर 4 में भी बाद में बल्लेबाजी करते हुए सात विकेट से जीत दर्ज की थी। पाकिस्तान को अपनी गेंदबाजी के साथ बहुत सावधानी से खेलना होगा। शाहीन शाह अफ्रीदी अब तक उनके सबसे खतरनाक गेंदबाज रहे हैं, लेकिन उन्हें अकेले नहीं रखा जा सकता।
विवाद का छायांकित अतीत
इस फाइनल के पीछे का वातावरण खेल के बाहर भी तनाव से भरा हुआ है। सुपर 4 मैच के बाद, सूर्यकुमार यादव और शिवम दूबे ने पाकिस्तानी खिलाड़ियों के साथ पोस्ट-मैच हैंडशेक करने से इनकार कर दिया था। ये व्यवहार दोनों देशों के बीच बढ़ते तनाव का एक नया पहलू बन गया। क्रिकेट दुनिया ने इसे खेल की भावना के खिलाफ बताया, लेकिन कुछ भारतीय टीम के समर्थकों ने इसे "राष्ट्रीय गर्व" का प्रतीक बताया। इस तरह के विवाद इस मैच को सिर्फ एक खेल नहीं, बल्कि एक सांस्कृतिक और राजनीतिक प्रतीक बना देते हैं।
अगला चरण: एशिया कप राइजिंग स्टार्स 2025
ये फाइनल सिर्फ एक टूर्नामेंट का अंत नहीं है — ये एक नए चरण की शुरुआत है। 14 नवंबर से 23 नवंबर तक एसीसी एशिया कप राइजिंग स्टार्स 2025 आयोजित होगा, जिसमें भारत ए और पाकिस्तान ए के बीच 16 नवंबर को मुकाबला होगा। ये टूर्नामेंट युवा खिलाड़ियों के लिए है, लेकिन इसका आयोजन भी एक तरह का विवाद है। भारतीय टीम अभी तक एशिया कप ट्रॉफी नहीं ले पाई है — टूर्नामेंट ऑर्गनाइजर्स और बीसीसीआई के बीच इसके हस्तांतरण के तरीके पर विवाद चल रहा है। ये भी एक ऐसा मुद्दा है जिसे भारतीय फैंस नजरअंदाज नहीं कर सकते।
ऐतिहासिक रिकॉर्ड: भारत vs पाकिस्तान
इस दुश्मनी का इतिहास गहरा है। टेस्ट मैचों में पाकिस्तान 12 बार जीता है, भारत केवल 9 बार। वनडे में भी पाकिस्तान का बढ़त है — 73 जीत के मुकाबले भारत की 58। लेकिन टी20आई में भारत अब तक 12-3 से आगे है। ये आंकड़े बताते हैं कि जब तक भारत टी20 में अपनी शक्ति बनाए रखे, तब तक इस दुश्मनी में उनका बढ़त बना रहेगा। लेकिन ये फाइनल दिखाएगा कि क्या ये रुझान बरकरार रहेगा या पाकिस्तान अपनी बल्लेबाजी की कमजोरियों को सुधारकर इतिहास बदल सकता है।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
हार्दिक पंड्या की चोट का क्या हाल है?
हार्दिक पंड्या को श्रीलंका के खिलाफ सुपर 4 मैच में हैमस्ट्रिंग की चोट लगी है। बोलिंग कोच मोर्ने मोर्केल ने कहा कि उनकी स्थिति का आकलन अभी चल रहा है, और फाइनल में खेलने की संभावना बहुत कम है। उनकी जगह रिंकू सिंह को मौका मिल रहा है, जो पिछले दो मैचों में शानदार प्रदर्शन कर चुके हैं।
पाकिस्तान की बल्लेबाजी क्यों इतनी कमजोर है?
पाकिस्तान की बल्लेबाजी टूर्नामेंट में लगातार असफल रही है। सैम अयूब ने छह मैचों में चार शून्य बनाए हैं, और मध्य क्रम में कोई स्थिर बल्लेबाज नहीं है। फाकर जमान एकमात्र विश्वसनीय बल्लेबाज हैं, लेकिन वे अकेले टीम को नहीं बचा सकते। अगर ओपनर आउट हो जाते हैं, तो टीम जल्दी ढह जाती है।
दुबई का मैदान चेजिंग के लिए क्यों अनुकूल है?
दुबई के मैदान पर गेंद जल्दी नहीं घूमती, और पिच लंबे समय तक बरकरार रहती है। पिछले तीन मैचों में दो में 200+ के लक्ष्य को सफलतापूर्वक पूरा किया गया है। इसके अलावा, दो मैचों में सुपर ओवर हुआ, जो बताता है कि टीमें अंतिम ओवरों में भी अपनी रणनीति बदल सकती हैं।
सूर्यकुमार यादव और शिवम दूबे ने पोस्ट-मैच हैंडशेक क्यों नहीं किया?
इसका कोई आधिकारिक कारण नहीं बताया गया, लेकिन समाचारों के अनुसार, टीम ने पाकिस्तान के खिलाफ खेले गए पिछले मैच में उनके अनुचित व्यवहार को लेकर नाराजगी जताई थी। कुछ विश्लेषकों का मानना है कि ये एक सांस्कृतिक अभिव्यक्ति थी — जिसमें भारतीय टीम ने राष्ट्रीय गर्व और नियमों के बीच एक संकेत भेजा।
भारत की टीम का आधार क्या है इस फाइनल में?
भारत की टीम अब बल्लेबाजी और गेंदबाजी दोनों में संतुलित है। बुमराह की वापसी से शुरुआती ओवरों में दबाव बनेगा, जबकि कुलदीप और वरुण लीग स्पिन के साथ मध्य ओवरों में नियंत्रण बनाएंगे। रिंकू सिंह का बल्ला अंतिम ओवरों में फायदेमंद होगा। ये टीम अब दुबई के मैदान पर चेजिंग के लिए बिल्कुल तैयार है।
एशिया कप ट्रॉफी क्यों नहीं मिली भारत को?
टूर्नामेंट के बाद ट्रॉफी के हस्तांतरण के तरीके पर बीसीसीआई और एसीसी के बीच विवाद है। बीसीसीआई का कहना है कि ट्रॉफी को टीम के कप्तान को सीधे दिया जाना चाहिए, लेकिन एसीसी ने इसे एक आधिकारिक समारोह में देने की योजना बनाई है। इस विवाद के कारण भारतीय टीम अभी तक ट्रॉफी नहीं ले पाई है, जो फैंस के लिए एक दुखद बात है।
Amar Khan
नवंबर 3, 2025 AT 12:49बुमराह वापस आ गए तो अब तो पाकिस्तान की बल्लेबाजी तो बस टीवी पर देखने के लिए रह गई।
Akshay Srivastava
नवंबर 4, 2025 AT 23:33इस मैच का महत्व सिर्फ क्रिकेट तक सीमित नहीं। ये एक ऐसा प्रतीक है जहाँ राष्ट्रीय गर्व, इतिहास और भावनाएँ एक साथ जुड़ जाती हैं। बुमराह की वापसी से न सिर्फ टीम को ताकत मिली, बल्कि पूरे देश को एक आत्मविश्वास का झटका लगा। हार्दिक की जगह रिंकू सिंह का चयन एक बड़ी बुद्धिमानी है - युवा शक्ति का उठाना, जो भविष्य की ओर इशारा करता है। दुबई का पिच चेज के लिए बिल्कुल सही है, और भारत की टीम इसका पूरा फायदा उठा रही है। शिवम दूबे का आगे बल्लेबाजी और बाद में गेंदबाजी दोनों में योगदान अद्वितीय है। ये टीम सिर्फ जीतने के लिए नहीं, बल्कि एक नए युग की शुरुआत करने के लिए तैयार है। पाकिस्तान की बल्लेबाजी का अंधेरा अब इतना गहरा हो गया है कि एक अच्छे ओपनर का अभाव ही टीम को ढहा सकता है। और जब तक सैम अयूब शून्य बनाता रहेगा, तब तक उनका अपना आत्मविश्वास भी टूटता रहेगा।
Roopa Shankar
नवंबर 5, 2025 AT 23:46भारत की टीम के लिए बहुत बढ़िया बदलाव हुए हैं! रिंकू सिंह का अवसर मिलना बहुत अच्छी बात है, और बुमराह की वापसी से टीम का आत्मविश्वास दोगुना हो गया है। जो भी आज इस मैच को देखेगा, वो याद रखेगा कि ये सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि एक नई पीढ़ी की शुरुआत है। हम आपको सबको बहुत बहुत शुभकामनाएँ!
shivesh mankar
नवंबर 6, 2025 AT 17:24इस फाइनल को देखकर लगता है कि क्रिकेट अब सिर्फ खेल नहीं, बल्कि एक संवाद है। हार्दिक की जगह रिंकू जैसे युवा खिलाड़ी को मौका मिलना बहुत अच्छी बात है - भविष्य की ओर एक कदम। बुमराह की वापसी ने टीम को उस ताकत दी जो बस अनुभव से ही आती है। और हाँ, दुबई का पिच चेज के लिए बिल्कुल सही है। अगर पाकिस्तान की बल्लेबाजी थोड़ी भी स्थिर हो जाए, तो ये मैच देखने लायक हो जाएगा। बस एक बात - हैंडशेक न करना न तो गर्व का प्रतीक है और न ही खेल की भावना। दोनों टीमों को बस खेलने दो।
avi Abutbul
नवंबर 6, 2025 AT 23:42रिंकू सिंह को मौका देना बिल्कुल सही फैसला था। हार्दिक की जगह उसे देने का कोई विकल्प नहीं था। और बुमराह की वापसी? अब तो पाकिस्तान के लिए ये मैच एक बर्बरी हो गया।
Hardik Shah
नवंबर 7, 2025 AT 12:47पाकिस्तान की टीम तो बस दर्शनीय बर्बादी है। सैम अयूब को टीम से निकाल देना चाहिए था। ये खिलाड़ी तो बस जगह घेर रहा है।
manisha karlupia
नवंबर 8, 2025 AT 11:20मुझे लगता है ये मैच बहुत गहरा है... बस जीत ही नहीं, बल्कि एक अलग तरह का अहसास है।
vikram singh
नवंबर 10, 2025 AT 09:54भारत की टीम अब बस एक भगवान के अवतार की तरह है - बुमराह शिव हैं, कुलदीप विष्णु, और रिंकू सिंह अवतार का अंतिम संदेश! पाकिस्तान की बल्लेबाजी तो बस एक भयानक अंधेरे का संगीत है, जहाँ सैम अयूब नायक है और अंत में वो खुद को निगल जाता है। दुबई का मैदान एक देवदूत का नाम है - जो चेज को आसान बनाता है और निर्माता की तरह भारत को उड़ा देता है।
balamurugan kcetmca
नवंबर 10, 2025 AT 22:59मैंने इस टूर्नामेंट को ध्यान से देखा है और ये फाइनल वाकई एक ऐतिहासिक पल है। भारत की टीम का ये नया संयोजन - बुमराह की गेंदबाजी का आरंभ, कुलदीप और वरुण का मध्य नियंत्रण, रिंकू का अंतिम ओवरों का धमाका - ये सब एक अद्भुत संगीत की तरह है। हार्दिक की चोट ने टीम को एक नई दिशा दी, और रिंकू सिंह ने उसे बहुत बड़े तरीके से भर दिया। शिवम दूबे का योगदान भी अतुलनीय है - वो न सिर्फ बल्लेबाजी में जोड़ते हैं, बल्कि गेंदबाजी में भी टीम को बचाते हैं। पाकिस्तान की बल्लेबाजी की कमजोरी तो इतनी स्पष्ट है कि ये अब किसी के लिए रहस्य नहीं। सैम अयूब के चार शून्य एक ऐसा आंकड़ा है जो टीम के भीतर एक गहरी चोट है। और जब ओपनर असफल होता है, तो मध्य क्रम जैसे बिना बेस के घर की तरह है - बस गिरता है। दुबई का पिच तो बस भारत के लिए बनाया गया है - जल्दी नहीं घूमता, लंबे समय तक बरकरार रहता है, और चेज करने वालों को बड़ी आसानी से जीत दिलाता है। अगर ये मैच भारत जीत गया, तो ये सिर्फ एक जीत नहीं, बल्कि एक नए युग की शुरुआत होगी - जहाँ युवा खिलाड़ी अपनी जगह बनाते हैं, और अनुभवी खिलाड़ी उन्हें आगे बढ़ाते हैं।
Arpit Jain
नवंबर 11, 2025 AT 18:03भारत जीतेगा? बस इतना ही नहीं - वो इस मैच को इतिहास की किताब में लिख देगा। पाकिस्तान की बल्लेबाजी तो बस एक बहुत बड़ा फिल्मी ड्रामा है - जहाँ बदशगुनी ओपनर ही सबका बर्बाद करता है।
Karan Raval
नवंबर 12, 2025 AT 18:48रिंकू सिंह का चयन बहुत अच्छा हुआ बस उसे बहुत बहुत शुभकामनाएँ और भारत की टीम को भी बहुत शुभकामनाएँ
divya m.s
नवंबर 13, 2025 AT 06:10पाकिस्तान की बल्लेबाजी को देखकर लगता है जैसे वो बस एक बड़ी फिल्म का डरावना सीन है - जहाँ हर बल्लेबाज अपने आप को एक अकेले भूत की तरह लगता है।