जब भारत ने ईडन गार्डन्स में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ 124 रनों का पीछा नहीं किया और 93 पर आउट हो गया, तो लोगों ने गौतम गंभीर के सिर पर आरोप लगाना शुरू कर दिया। लेकिन जब सौरव गांगुली, क्रिकेट एसोसिएशन ऑफ बंगाल के अध्यक्ष और भारतीय क्रिकेट के एक स्तंभ, खुद बोले, तो सब कुछ बदल गया। 'गौतम को इस स्टेज पर बर्खास्त करने का सवाल ही नहीं उठता,' उन्होंने कहा — और यह बयान न सिर्फ एक बचाव है, बल्कि एक निर्णायक संदेश है कि टीम की कमजोरियां कोच की गलती नहीं, बल्कि पूरे सिस्टम की चुनौती हैं।
टेस्ट रिकॉर्ड के पीछे की सच्चाई
गौतम गंभीर के नेतृत्व में भारतीय टीम ने 18 टेस्ट मैचों में से 9 हार झेली हैं। घरेलू मैदानों पर यह संख्या 6 में से 4 हार है — एक चिंताजनक आंकड़ा। लेकिन यही आंकड़े उनके कार्यकाल की पूरी कहानी नहीं बताते। जब दुनिया भर में टेस्ट क्रिकेट कमजोर हो रहा है, तो गंभीर ने 2025 चैंपियंस ट्रॉफी जीतकर व्हाइट बॉल क्रिकेट में भारत को नए ऊंचाइयों पर पहुंचाया। और इंग्लैंड के दौरे पर, जहां रोहित शर्मा और विराट कोहली संन्यास ले चुके थे, भारत ने 2-2 से सीरीज ड्रॉ की। एक ऐसी टीम जिसमें नए खिलाड़ी अभी अपनी पहचान बना रहे थे।
ईडन गार्डन्स की पिच: कोच की गलती या सिस्टम की विफलता?
ईडन गार्डन्स की पिच जिस पर भारत ने 93 रन पर आउट होकर इतिहास बनाया, उसे गांगुली ने 'बहुत अच्छी नहीं' बताया। लेकिन यहां दिलचस्प बात यह है — उन्होंने स्पष्ट किया कि यह पिच तैयार करने की जिम्मेदारी बीसीसीआई के क्यूरेटर्स की थी, और उन्होंने टेस्ट मैच से चार दिन पहले ही पूरा नियंत्रण संभाल लिया था। हमारे पास सुजान मुखर्जी जैसे अनुभवी क्यूरेटर्स हैं, लेकिन उन्हें अपनी जिम्मेदारी से हटा दिया गया। यह एक बड़ी संस्थागत गलती है। गांगुली ने कहा, 'हमसे गुजारिश की गई और हमने बस उस मांग को पूरा किया।' यहां कोच का कोई हाथ नहीं था।
शुभमन गिल और गौतम गंभीर: विदेशों में सफलता का संकेत
गांगुली ने दो चीजों पर जोर दिया — गौतम गंभीर के कोचिंग और शुभमन गिल के कप्तानी का नेतृत्व। इंग्लैंड में, जहां पिचें स्विंग और सीम गेंदबाजी के लिए बनी होती हैं, भारत की टीम ने ओवल और एजबेस्टन में दो शानदार पारियां खेलीं। शुभमन ने तो अपनी बल्लेबाजी से बहुत कुछ साबित किया। यह नहीं कहा जा सकता कि ये दोनों एक दूसरे के लिए बने हुए हैं — बल्कि ये दोनों एक दूसरे के साथ बन रहे हैं। गांगुली ने कहा, 'उन्होंने अच्छी बल्लेबाजी वाली पिचों पर अच्छा प्रदर्शन किया। मुझे दृढ़ विश्वास है कि वे भारत में भी अच्छा कर सकते हैं।'
भारत में टेस्ट क्रिकेट का रहस्य
गांगुली ने एक बात बहुत साफ कही — भारत में टेस्ट क्रिकेट बदल रहा है। चौथे और पांचवें दिन, जब गेंद पुरानी हो जाती है, तो स्विंग आता है। यह वही जगह है जहां टीम को अपनी मानसिकता बदलनी होगी। अब तक हमने बस अपनी पिचों को बहुत बड़े स्कोर के लिए तैयार किया है — जिससे गेंदबाजों को मौका ही नहीं मिलता। लेकिन अगर टीम विदेशों में जीत रही है, तो यह संकेत है कि उनकी रणनीति ठीक है। समस्या नहीं, बल्कि सुधार की जरूरत है।
अगला टेस्ट: गुवाहाटी का निर्णायक मैच
भारत अब 0-1 से पीछे है। अगला टेस्ट गुवाहाटी में होगा — जहां भारत ने 2000 के बाद कभी घरेलू टेस्ट सीरीज नहीं हारी। यह सिर्फ एक मैच नहीं, बल्कि एक इतिहास का सवाल है। अगर भारत यहां हार जाता है, तो यह एक ऐसा झटका होगा जिसका असर दशकों तक रहेगा। लेकिन अगर वे जीतते हैं, तो गौतम गंभीर की टीम ने साबित कर दिया कि वह न सिर्फ विदेशों में जीत सकती है, बल्कि घर पर भी जीत सकती है — बस उसके लिए सही पिच और सही मानसिकता की जरूरत है।
क्या भारतीय क्रिकेट को बदलने की जरूरत है?
गांगुली का संदेश साफ है — निर्णय लेने वालों को बाहर की आलोचना के बजाय अपने अंदर देखना चाहिए। क्यूरेटर्स की नियुक्ति, पिच की तैयारी, टीम की रणनीति — सब कुछ एक साथ जुड़ा है। गौतम गंभीर ने अपने तरीके से टीम को बदला है। अब बारी है बीसीसीआई की। अगर वे अपनी गलतियों को स्वीकार नहीं करते, तो कोच बदलने से कुछ नहीं होगा। टीम नहीं, सिस्टम बदलना होगा।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
क्या गौतम गंभीर को बर्खास्त करना चाहिए?
नहीं। सौरव गांगुली ने स्पष्ट किया कि गंभीर को इस स्टेज पर हटाने का कोई सवाल ही नहीं उठता। उनकी टीम ने इंग्लैंड में रोहित और कोहली के संन्यास के बाद भी 2-2 से सीरीज ड्रॉ की है, और चैंपियंस ट्रॉफी जीती है। टेस्ट में हार का कारण पिच और सिस्टम की कमजोरी है, न कि कोचिंग।
ईडन गार्डन्स की पिच के लिए कौन जिम्मेदार है?
बीसीसीआई के क्यूरेटर्स जिम्मेदार हैं। सौरव गांगुली ने स्पष्ट किया कि CAB के क्यूरेटर्स को टेस्ट मैच से चार दिन पहले ही पिच का नियंत्रण छीन लिया गया था। यह एक संस्थागत गलती है, जिसमें कोच का कोई हाथ नहीं है।
शुभमन गिल का कप्तानी में क्या योगदान है?
शुभमन गिल ने इंग्लैंड में अच्छी बल्लेबाजी वाली पिचों पर अपनी बल्लेबाजी से नए खिलाड़ियों के लिए एक नया मानक स्थापित किया है। गांगुली ने उन्हें गौतम गंभीर के साथ एक शक्तिशाली जोड़ी बताया है। इस जोड़ी का नेतृत्व भारत के भविष्य के लिए आधार हो सकता है।
भारत को घरेलू टेस्ट सीरीज हार से कैसे बचना चाहिए?
गुवाहाटी के मैच में टीम को अपनी मानसिकता बदलनी होगी। पुरानी गेंद पर स्विंग आने का अवसर लेना होगा। बीसीसीआई को पिचों को समतल नहीं, बल्कि गेंदबाजों के लिए चुनौतीपूर्ण बनाना होगा। यही टेस्ट क्रिकेट का सार है।
गौतम गंभीर का टेस्ट रिकॉर्ड कैसा है?
गंभीर के कार्यकाल में भारत ने 18 टेस्ट मैचों में से 9 हार झेली हैं, जिसमें घरेलू मैचों में 6 में से 4 हार शामिल है। हालांकि, उनकी टीम ने व्हाइट बॉल क्रिकेट में चैंपियंस ट्रॉफी जीती है, और इंग्लैंड में नए खिलाड़ियों के साथ भी सीरीज ड्रॉ की है। रिकॉर्ड कम है, लेकिन दिशा स्पष्ट है।
क्या भारतीय क्रिकेट को बदलने की जरूरत है?
हां। बीसीसीआई को पिच तैयारी, क्यूरेटर्स की नियुक्ति और टीम की रणनीति पर नजर रखनी होगी। गौतम गंभीर को बर्खास्त करने से कुछ नहीं होगा। बदलाव को बाहर नहीं, बल्कि अंदर ढूंढना होगा — सिस्टम में।