वायु गुणवत्ता क्या है?
जब हम बाहर निकलते हैं तो अक्सर देखते हैं कि आकाश साफ है या धुंधला। यही हवा में मौजूद कण‑धूल, गैसें और अन्य प्रदूषक बताते हैं कि वायु गुणवत्ता कैसी है। अगर ये तत्व बहुत ज़्यादा हों तो सांस लेनें में तकलीफ़, खाँसी या गंभीर स्वास्थ्य समस्याएँ हो सकती हैं। इसलिए वायु गुणवत्ता को समझना और उसका ध्यान रखना आज के टाइम में जरूरी है।
भारत में कई शहरों में प्लास्टिक सर्ज, ट्रैफ़िक जाम और कारखानों की धुएँ की वजह से वायु बहुत खराब है। इस वजह से सरकार और कई NGOs ने एक आसान तरीका बनाया – एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI)। AQI एक नंबर है जो बताता है कि हवा में मौजूद प्रदूषकों का स्तर कितना खतरनाक है। यह 0 से 500 तक हो सकता है, जहाँ 0‑50 का मतलब साफ़ हवा और 300‑500 का मतलब बहुत ज़्यादा धुआँ है।
AQI कैसे पढ़ें?
AQI को पढ़ना बहुत आसान है। अगर आपके फोन में सरकारी ऐप या किसी भरोसेमंद वेबसाइट पर AQI दिख रहा है, तो बस रंग देख लें – हरा, पीला, नारंगी, लाल, बैंगनी और काला। हरा = कोई ख़तरा नहीं, पीला = थोड़ा असहज, नारंगी = सावधानी, लाल = बहुत खतरनाक, बैंगनी = बहुत गंभीर और काला = अत्यधिक जोखिम।
हर रंग के साथ एक संख्या जुड़ी होती है, जैसे 75 का मतलब हल्का प्रदूषण और 175 का मतलब मध्य‑स्तर का प्रदूषण। अगर AQI 200 से ऊपर जा रहा हो तो बाहर जाने से पहले मास्क पहनना, विंडो बंद करना और घर के अंदर ही रहना बेहतर रहता है।
वायु गुणवत्ता सुधारने के आसान उपाय
सरकार बड़े‑बड़े कदम ले रही है, पर आपके छोटे‑छोटे काम भी बहुत मददगार हो सकते हैं। सबसे पहले, कार या दोपहिया के बजाय सार्वजनिक ट्रांसपोर्ट या साइकिल का इस्तेमाल करें। एक कार कम चलाने से सड़कों पर प्रदूषण काफी घटता है।
दूसरा, घर में पौधे लगाएँ। पाम, तुलसी, स्नैपड्रैगर जैसे पौधे हवा में मौजूद कार्बन डाइऑक्साइड और नुकसानदेह कणों को फ़िल्टर कर देते हैं। तीसरा, फायरक्रैकर्स या खुले में धूआँ नहीं छोड़ें; अगर किसी को जलाने की ज़रूरत हो तो छोटे‑छोटे कमेटी में करो और घटिया फ्यूल का प्रयोग ना करो।
अगर आप काम या स्कूल जा रहे हैं तो मास्क चुनते समय N95 या KF94 जैसे फ़िल्टर वाले मास्क को प्राथमिकता दें। ये मास्क छोटे‑छोटे कणों को 95% तक रोकते हैं और धुंआ में सांस लेने को आसान बनाते हैं।
आखिर में, जब भी संभव हो तो घर की खिड़कियों और दरवाज़ों को बंद रखें, खासकर जब AQI हाई हो। एसी या एयर फिल्टर का उपयोग करने से भी अंदर की हवा साफ़ रहती है।
वायु गुणवत्ता सिर्फ सरकार की जिम्मेदारी नहीं है, यह हम सबकी ज़िम्मेदारी है। अगर आप रोज़ छोटे‑छोटे कदम उठाएँगे, तो आपको और आपके परिवार को साफ़ हवा और बेहतर स्वास्थ्य दोनों मिलेंगे। याद रखिए, साफ़ हवा का आनंद लेना एक अधिकार है, इसे पाने के लिए हमें मिलकर काम करना पड़ेगा।