जब हम PHIVOLCS, फाइलिपिन्स इन्फ़ॉर्मेशन इंस्टीट्यूट ऑफ़ वोल्केनोलॉजी एंड सिस्मोलॉजी को देखते हैं, तो यह स्पष्ट हो जाता है कि यह संस्था राष्ट्रीय स्तर पर ज्वालामुखी, भूकंप और सूनामी के पूर्वानुमान व चेतावनी प्रणाली चलाती है। PHIVOLCS का मुख्य काम पृथ्वी की सतह पर होने वाली गतियों को रियल‑टाइम में मापना, डेटा विश्लेषण करना और जनता को सुरक्षित रहने के लिए सूचना देना है। यह संस्था विज्ञानिक उपकरण, सैटेलाइट इमेजिंग और स्थानीय सेंसर नेटवर्क का उपयोग करके संभावित विस्फोट या भूकंपीय गतिविधियों को पहचानती है।
PHIVOLCS के तीन मुख्य स्तम्भ हैं: ज्वालामुखी, वो स्थल जहाँ magma सतह तक पहुँचता है और विस्फोट करता है, भूकंप, पृथ्वी की परतों में अचानक ऊर्जा रिलीज़ होने से उत्पन्न कंपन और सूनामी, भूकंप या ज्वालामुखी विस्फोट से उत्पन्न बड़े तरंगों वाला समुद्री जल स्तर परिवर्तन। पहला संबंध साफ़ है – ज्वालामुखी सक्रियता अक्सर भूकंपीय तरंगों को जन्म देती है, जो सूनामी की चाबियों में बदल सकती हैं। दूसरा, भूकंप की तीव्रता सीधे समुद्र तट के शहरों में सूनामी खतरे को बढ़ाती है, इसलिए PHIVOLCS इन तीनों को आपस में जोड़कर एकीकृत चेतावनी प्रणाली बनाता है।
इस प्रणाली की कुंजी है डेटा संग्रहण और विश्लेषण। भौगोलिक सूचना प्रणाली (GIS) के साथ मिलाकर PHIVOLCS हर 5‑10 मिनट में सेंसर से प्राप्त मापन को मानचित्र पर दिखाता है। इससे वैज्ञानिक "भूकंप‑ज्वालामुखी‑सूनामी त्रिकोण" की भविष्यवाणी कर पाते हैं। दूसरा महत्वपूर्ण उपकरण है सार्वजनिक चेतावनी ऐप, जो मोबाइल फ़ोन पर पुश नोटिफ़िकेशन भेजता है, जिससे लोग तुरंत सुरक्षित जगह पर जा सकें। तीसरा, इस संस्था का आपदा प्रबंधन, भूकंपीय खतरे के बाद त्वरित बचाव, राहत और पुनर्निर्माण के चरण विभाग स्थानीय सरकारों के साथ तालमेल में प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाता है। यह तालमेल रिस्क को कम करने में मदद करता है।
PHIVOLCS की निगरानी का असर केवल फाइलिपिन्स में ही नहीं, बल्कि दक्षिण‑पूर्व एशिया के पूरे क्षेत्र में महसूस किया जाता है। जब भी कोई बड़ा ज्वालामुखी विस्फोट या तीव्र भूकंप रिकॉर्ड होता है, तो अंतरराष्ट्रीय सेसेमोलॉजिकल नेटवर्क डेटा साझा करता है, जिससे सटीक चेतावनी अन्य देशों तक भी पहुँचती है। इस कारण से समुद्र तट के कस्बे, पर्यटन स्थल और स्थानीय व्यवसायी PHIVOLCS की रिपोर्ट को अपने सुरक्षा योजना में शामिल करते हैं। अंत में, अगर आप सिंगापुर, मलेशिया या इंडोनेशिया में रहते हैं, तो PHIVOLCS के मॉडल को समझना आपके स्थानीय आपदा तैयारी को भी मजबूत कर सकता है।
अब आप जानते हैं कि PHIVOLCS क्या करता है, किन‑किन घटकों के साथ काम करता है और क्यों यह संस्था फाइलिपिन्स के साथ-साथ पूरे क्षेत्र के लोगों की सुरक्षा में अहम है। नीचे दिए गए लेखों में हम ज्वालामुखी विस्फोट, भूकंप चेतावनी, सूनामी जोखिम और आपदा प्रबंधन के वास्तविक उदाहरणों को विस्तार से देखेंगे। इन कहानियों को पढ़कर आप खुद भी अपने आसपास के जोखिम को पहचान सकते हैं और सही कार्रवाई की योजना बना सकते हैं।
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