मुहर्रम – इस्लामिक कैलेंडर का पहला महीना और उसकी मायने

मुहर्रम वह महीना है जो इस्लामी साल की शुरूआत करता है। इसे हिजरी कैलेंडर का पहला महीना माना जाता है और मुस्लिम जनता इसे बड़े उमंग‑ओ‑जोश से मनाती है। खासकर शिया समुदाय के लोग इस महीने को यादगार बनाते हैं, क्योंकि इस दौरान अली बिन अबी तालिब की शहादत को सम्मानित किया जाता है।

मुहर्रम के प्रमुख रिवाज़

इस महीने में सबसे ज्यादा देखे जाने वाले रिवाज़ों में ताजिया दिखाना, झांकी बनाना और परेड आयोजित करना शामिल है। लोग इब्राहिम और उनके बेटे इश्माएल की कहानी को याद करते हुए ज़ुम्मा अहाज़ (मुक्ति) के लिए दुआएँ करते हैं। कई जगहों पर लोग रंग‑बिरंगी परिधानों में फाटक (परदे) खोलते हैं और शहाबत के साथ इकट्ठा होते हैं।

सौम (रोज़ा) भी रखे जाते हैं, खासकर ‘असहर’ नामक समय में, जब लोग सवेर से लेकर सूरज ढलने तक उपवास करते हैं। यह उपवास इब्राहिम की इबादत को याद करता है, जब उन्होंने अल्लाह की परीक्षा में अपने बेटे को सौंप दिया था।

मुहर्रम में देखे जाने वाले महत्वपूर्ण कार्यक्रम

मुहर्रम के शुरुआती दिन में कई शहरों में ‘जोहर्दान’ या ‘जोह्रिया’ की प्रक्रिया चलती है। लोग मशालों, ध्वज और संगीत के साथ जिंद‑जंडे के रूप में बहेड़ करते हैं। यह प्रक्रिया आमतौर पर दमरूज (मेहमूद) का निर्माण करके समाप्त होती है, जो रोज़मर्रा के जीवन में शांति और समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।

ताजिया दौरा भी बहुत लोकप्रिय है। ताजिया को हाथ में लेकर घोड़ों या रथों की तरह चलाया जाता है। बच्चों और बड़ों दोनों को इसमें हिस्सा लेने की खुशी मिलती है। इस दौरान लोग आपस में ‘अस्लामिक मुबारकबाद’ देते हैं और सामुदायिक भोज का आयोजन भी रहता है।

मुहर्रम के आख़िरी दस दिनों में ‘आश्मा (मशहूर)’, ‘असफ़ी अनका’ और ‘अल‑इक़्राम’ जैसे समारोह होते हैं। इन समारोहों में मौखिक कविताएँ, ग़ज़लें और कहानी‑सुनाने वाले अपने हुनर से माहौल को जगरनुमा बनाते हैं। यह सब लोगों को एकजुट करता है और इस महीने की आध्यात्मिक भावना को बढ़ाता है।

अगर आप मुहर्रम के दौरान किसी विशेष इवेंट में जाना चाहते हैं, तो स्थानीय मस्जिद या सामुदायिक केन्द्र से समय‑सारिणी की जानकारी ले सकते हैं। कई बार ये कार्यक्रम ऑनलाइन भी लाइव स्ट्रीम होते हैं, जिससे दूर‑दराज़ के लोग भी भाग ले सकते हैं।

सार में, मुहर्रम सिर्फ एक महीना नहीं, बल्कि यह आध्यात्मिकता, एकता और इतिहास का मिश्रण है। इस महीने में आप अपने परिवार और दोस्तों के साथ मिलकर इब्राहिम की इबादत को याद कर सकते हैं, ताजिया की रंगीनी में शामिल हो सकते हैं और समृद्ध परम्पराओं का अनुभव कर सकते हैं। आइए, इस मुहर्रम को अपने जीवन में एक नया उत्सव बनाकर मनाएँ।

मुहर्रम 2024: इमाम हुसैन के शहादत दिवस पर साझा करने के लिए 30 प्रेरणादायक उद्धरण

मुहर्रम 2024: इमाम हुसैन के शहादत दिवस पर साझा करने के लिए 30 प्रेरणादायक उद्धरण

मुहर्रम इस्लामिक नववर्ष का पहला महीना है, जिसका मुसलमानों में विशेष महत्व है। इस महीने के दसवें दिन को 'अशुरा' के रूप में मनाया जाता है, जो इमाम हुसैन की शहादत की याद में है। इस लेख में मुहर्रम के ऐतिहासिक और धार्मिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए 30 प्रेरणादायक उद्धरण प्रस्तुत किए गए हैं।

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