भाई‑बहनों, आजकल सोशल मीडिया पर Mpox शब्द अक्सर दिखता है। आप सोच रहे होंगे – ये क्या बिमारी है, कैसे फैलती है और हमें क्या करना चाहिए? चलिए, आसान भाषा में समझते हैं कि Mpox है क्या और इस से कैसे बचा जाए।
Mpox, या मॉन्कीपॉक्स, एक वायरल बिमारी है जो पहली बार गोरिल्ला और बंदर में देखी गई थी, इसलिए इसका नाम ‘मॉन्की’ पड़ा। इंसानों में यह बिमारी अक्सर हल्के से मध्यम लक्षण दिखाती है। सबसे आम लक्षण हैं:
ये लक्षण आम तौर पर संक्रमण के 5‑21 दिन बाद दिखते हैं, इसलिए अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो डॉक्टर से संपर्क करें।
रोकथाम आसान है, बस कुछ बुनियादी आदतों को अपनाएँ:
अगर बीमारी पकड़ लेती है, तो विशेष एंटीवायरल ड्रग्स जैसे टेकोज़िरिन मदद कर सकते हैं, पर ये डॉक्टर द्वारा ही लिखे जाते हैं। अधिकांश मामलों में सपोर्टिव केयर – बुखार कम करने के लिए पैरासिटामोल, हाइड्रेशन और आराम – ही पर्याप्त रहता है।
हिंदुस्तान में हाल ही में कुछ Mpox केस रिपोर्ट हुए हैं, पर संख्या बहुत कम है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि ट्रैकिंग और क्वारंटीन सिस्टम काम कर रहा है, इसलिए बड़ी चिंता की जरूरत नहीं। फिर भी, अगर आपकी यात्रा में अफ्रीका या दक्षिण‑पूर्व एशिया के ऐसे क्षेत्र शामिल हैं जहाँ Mpox अधिक देखे गए हैं, तो सावधानी बरतें।
सारांश में, Mpox फिज़िकल हाइजीन और सोशल डिस्टेंसिंग से काफी हद तक रोका जा सकता है। अगर लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से मिलें, और घर पर बाकी लोगों से दूरी बनाकर रखें। याद रखें, जानकारी रखें और बचाव के उपाय अपनाएं – यही सबसे बड़ा उपाय है।
भारत में मंकीपॉक्स (Mpox) के संदिग्ध मामले के मद्देनजर, स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को महामारी की रोकथाम के लिए स्क्रीनिंग, टेस्टिंग और संपर्क अनुरेखण बढ़ाने के निर्देश जारी किए हैं। साथ ही, मंत्रालय ने जनता को आश्वस्त किया है कि देश तैयार है और स्थिति को नियंत्रित किया जा सकता है।