Mpox (मॉन्कीपॉक्स) के बारे में सब कुछ
भाई‑बहनों, आजकल सोशल मीडिया पर Mpox शब्द अक्सर दिखता है। आप सोच रहे होंगे – ये क्या बिमारी है, कैसे फैलती है और हमें क्या करना चाहिए? चलिए, आसान भाषा में समझते हैं कि Mpox है क्या और इस से कैसे बचा जाए।
Mpox के लक्षण क्या हैं?
Mpox, या मॉन्कीपॉक्स, एक वायरल बिमारी है जो पहली बार गोरिल्ला और बंदर में देखी गई थी, इसलिए इसका नाम ‘मॉन्की’ पड़ा। इंसानों में यह बिमारी अक्सर हल्के से मध्यम लक्षण दिखाती है। सबसे आम लक्षण हैं:
- बुखार – 38°C से ऊपर, अक्सर 1‑3 दिन चले।
- सिर दर्द और मांसपेशियों में दर्द – जैसे फ्लू में होता है।
- त्वचा पर दाने – शुरू में लाल धब्बे होते हैं, फिर ये फॉलिक्यूलर पप्स बनते हैं और अंत में क्रस्ट बनकर गिरते हैं।
- गले में सूजन – गले में खराश या दर्द महसूस हो सकता है।
ये लक्षण आम तौर पर संक्रमण के 5‑21 दिन बाद दिखते हैं, इसलिए अगर आपको इनमें से कोई भी लक्षण दिखे तो डॉक्टर से संपर्क करें।
Mpox की रोकथाम और उपचार
रोकथाम आसान है, बस कुछ बुनियादी आदतों को अपनाएँ:
- हाथ धोना – कभी भी शक हो तो साबुन और पानी से 20 सेकंड तक हाथ धोएँ।
- सुरक्षित संपर्क – यदि कोई मरीज खुली घाव या दाने वाले व्यक्ति के करीब आएँ तो मास्क पहनें और gloves इस्तेमाल करें।
- स्वास्थ्य उपकरण साफ रखें – टॉवेल, बिस्तर चादर या कपड़े नियमित रूप से धूले।
- टिकाकरण – कुछ देशों में Smallpox वैक्सीन को Mpox के खिलाफ भी इस्तेमाल किया जाता है। भारत में अभी वैक्सीन उपलब्धता सीमित है, पर अगर रिस्क ग्रुप में हैं तो डॉक्टर की सलाह ले सकते हैं।
अगर बीमारी पकड़ लेती है, तो विशेष एंटीवायरल ड्रग्स जैसे टेकोज़िरिन मदद कर सकते हैं, पर ये डॉक्टर द्वारा ही लिखे जाते हैं। अधिकांश मामलों में सपोर्टिव केयर – बुखार कम करने के लिए पैरासिटामोल, हाइड्रेशन और आराम – ही पर्याप्त रहता है।
हिंदुस्तान में हाल ही में कुछ Mpox केस रिपोर्ट हुए हैं, पर संख्या बहुत कम है। स्वास्थ्य विभाग ने कहा है कि ट्रैकिंग और क्वारंटीन सिस्टम काम कर रहा है, इसलिए बड़ी चिंता की जरूरत नहीं। फिर भी, अगर आपकी यात्रा में अफ्रीका या दक्षिण‑पूर्व एशिया के ऐसे क्षेत्र शामिल हैं जहाँ Mpox अधिक देखे गए हैं, तो सावधानी बरतें।
सारांश में, Mpox फिज़िकल हाइजीन और सोशल डिस्टेंसिंग से काफी हद तक रोका जा सकता है। अगर लक्षण दिखें तो तुरंत डॉक्टर से मिलें, और घर पर बाकी लोगों से दूरी बनाकर रखें। याद रखें, जानकारी रखें और बचाव के उपाय अपनाएं – यही सबसे बड़ा उपाय है।