RBI के निर्देशों से अक्टूबर 2025 में बैंक 21 दिन बंद, प्रमुख तिथियों की सूची
RBI ने अक्टूबर 2025 में 21 दिन की बैंक बंदी की घोषणा की। महात्मा गांधी जयंती, दशहरा, दीपावली और राज्य‑विशिष्ट त्यौहारों के कारण ग्राहकों को पहले से तैयारी करनी होगी।
जब हम महात्मा गांधी जन्मदिन, गांधी जी के जन्म 2 अक्टूबर को स्मरण करने वाला राष्ट्रीय उत्सव है. इसके अन्य नाम गांधी जयंती हैं, और यह भारत की आत्मा में बड़े परिवर्तन की याद दिलाता है। इस पृष्ट पर आप इस दिन के इतिहास, सामाजिक प्रभाव और आज के समारोहों के बारे में जानेंगे।
पहले बार गांधीजी, सुभाष चंद्र बोस के बाद भारत के स्वतंत्रता के प्रमुख नेता को 2 अक्टूबर 1869 को पोरबंदर, गुजरात में जन्म हुआ। उनका बचपन, विदेशों में पढ़ाई, और दक्षिण अफ्रीका में नागरिक अधिकार आंदोलन ने उनके भविष्य की दिशा तय की। गांधीजी के जन्म को याद करना सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि उनके विचारों को फिर से जीवित करने का अवसर है।
गांधी जी की जिंदगी महात्मा गांधी जन्मदिन को भारतीय स्वतंत्रता संग्राम से जोड़ती है। स्वतंत्रता संग्राम, आज़ादी की लड़ाई जिसमें कई जन आंदोलन और रणनीतियाँ शामिल थीं में उनका योगदान सबसे अलग था। उनका अहिंसात्मक संघर्ष, कानूनी लड़ाइयों के साथ, राजशाही शासन को चुनौती देता रहा, और आज भी इस संग्राम की सीख युवा पीढ़ी को प्रेरित करती है।
गांधी की प्रमुख सिद्धांतों में से एक अहिंसा, बिना हिंसा के विरोध करने की रणनीति है। यह विचार न सिर्फ भारत में, बल्कि विश्वभर में सामाजिक आंदोलनों की रीढ़ बन गया। गांधी जयंती पर स्कूल, कॉलेज और सामाजिक संगठनों में अहिंसा पर व्याख्यान और कार्यशालाएँ आयोजित होती हैं, जिससे नई पीढ़ी को शांति की राह दिखायी जाती है।
अहिंसा के साथ-साथ सत्याग्रह, सत्य के पक्ष में अडिग रहने की नीतियाँ भी गांधीजी की रणनीति का अभिन्न भाग था। सत्याग्रह ने कई बार असहयोग आंदोलनों को सफल बनाया, जैसे नमक सत्याग्रह। आज के गांधी जन्मदिन पर अक्सर इन घटनाओं को दोहराया जाता है, जिससे लोग समझते हैं कि सच्चाई और दृढ़ता कैसे बड़े बदलाव ला सकती है।
राष्ट्रीय स्तर पर इस दिन को मानाने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें कई आयोजन करती हैं। प्रमुख शहरों में गान्धी स्मारक पर पटल सजाते हैं, श्रद्धांजलि समारोह होते हैं और गांधीजी के विचारों पर चर्चा मंच आयोजित होते हैं। छोटे शहरों में शांति मार्च, वृक्षारोपण और लोगों की स्वैच्छिक सेवा के कार्यक्रम आम हैं। इन सभी गतिविधियों में यह स्पष्ट होता है कि महात्मा गांधी जन्मदिन सिर्फ एक याद नहीं, बल्कि सामाजिक चेतना का स्रोत है।
शिक्षा संस्थानों में इस दिन का विशेष महत्व है। स्कूलों में छात्रों को गांधीजी के पत्र‑परिचय, उनकी आत्मकथा और ऐतिहासिक घटनाओं की प्रस्तुतियां कराते हैं। कई कॉलेजों ने गान्धी फाउंडेशन के साथ मिलकर जागरूकता अभियान शुरू किए हैं, जहाँ छात्र स्वयंसेवक बनकर गावे‑गांव में अहिंसात्मक अभियानों में भाग लेते हैं। ये प्रयास छात्रों को व्यावहारिक रूप से गांधी के विचारों से जोड़ते हैं।
समकालिक भारत में महात्मा गांधी जन्मदिन की प्रासंगिकता बढ़ती जा रही है। जब देश में सामाजिक असमानता, पर्यावरणीय संकट, और राजनैतिक विभाजन की चर्चा होती है, तो गांधी के अहिंसात्मक विचार समाधान के रूप में पुनः उभरते हैं। कई NGOs और सामाजिक आंदोलनों ने इस दिन को अपने लक्ष्यों के साथ जोड़ कर जागरूकता बढ़ाने का काम किया है। इसलिए यह दिन न केवल इतिहास के पन्नों को याद करता है, बल्कि वर्तमान चुनौतियों के जवाब में प्रेरणा देता है।
ऊपर बताए गए पहलुओं को देखते हुए आप नीचे दी गई लेखों और रिपोर्टों की सूची में गांधीजी के जीवन, उनके विचारों और आज के भारत में उनके प्रभाव से जुड़ी विस्तृत जानकारी पा सकते हैं। चाहे आप छात्र हों, शोधकर्ता हों या साधारण पाठक, यहाँ आपको विविध दृष्टिकोण मिलेगा जो महात्मा गांधी जन्मदिन को समझने में मदद करेगा। अब आगे की सामग्री में इन विषयों की गहरी कवरेज देखें।