हैलो! आप यहाँ आएँ क्योंकि एफओएमसी यानी Federal Open Market Committee की खबरों में दिलचस्पी है। इस टैग पेज पर आपको मिलेंगे सबसे ताज़ा आँकड़े, नीति निर्णय, और यह समझाने वाले लेख कि ये आपके पैसे को कैसे प्रभावित करते हैं। चलिए, बिना किसी जटिल शब्द के सीधे मुद्दे पर आते हैं।
एफओएमसी अमेरिका की फेडरल रिज़र्व की वह मीटिंग होती है जहाँ ब्याज दरों, क्वांटिटेटिव इज़ींग और मौद्रिक नीति की दिशा तय होती है। ये मीटिंग हर दो महीने में होती है और इसका असर दुनियाभर के शेयर, बॉन्ड, और फ़ॉरेक्स बाजार में पड़ता है। सरल शब्दों में, अगर फेड दर बढ़ाती है तो उधार लेना महंगा हो जाता है, और अगर घटाती है तो पैसे की सप्लाई बढ़ती है।
अभी‑अभी हुए एफओएमसी मीटिंग में फेड ने नीति दर को 0.25% तक बढ़ाया। इसका कारण एम्बेडेड इन्फ्लेशन था, जो अभी भी लक्ष्य से ऊपर था। इस बदलाव से भारतीय रुपये के मुकाबले डॉलर थोड़ा मजबूत हुआ और विदेशी निवेशकों ने भारत में इक्विटी के बजाय US‑डॉलर फ़ंड्स को पसंद किया।
अगर आप बचत पर ध्यान दे रहे हैं, तो इस दर वृद्धि से बचत खाते की ब्याज दरें भी धीरे‑धीरे बढ़ेंगी। लेकिन ध्यान रखें, कर्ज़े पर अदा करने वाला खर्च भी बढ़ेगा। इसलिए घर लोन, कार लोन या व्यक्तिगत लोन लेने से पहले इस फैसले पर एक‑बार फिर सोचें।
बाजार में ट्रेडर्स अक्सर ए़फ़ओएमसी के बाद कई घंटे तक अस्थिरता देखते हैं। इसलिए यदि आप ट्रेडिंग कर रहे हैं, तो मीटिंग के बाद कम टाइम‑फ़्रेम में एंट्री‑एग्ज़िट प्लान बनाना बेहतर रहता है। बाजार की अस्थिरता का फायदा उठाने के लिए स्टॉप‑लॉस सेट करना न भूलें।
रोख के अलावा, इस मीटिंग का असर सोने की कीमतों पर भी पड़ता है। जब ब्याज दर बढ़ती है, तो रियल एस्टेट और फिक्स्ड इनकम इंस्ट्रूमेंट्स बेहतर लगते हैं, इसलिए सोने की मांग घटती है। इस कारण इस महीने सोने की कीमतें पिछली मीटिंग की तुलना में 3% कम रही हैं।
आपको यह भी पता होना चाहिए कि फेड के निर्णय पर सरकार की वित्तीय नीतियों में भी बदलाव आ सकता है। अगर फेड सख्त नीति अपनाता है, तो भारतीय रिज़र्व बैंक भी अपने रेपो रेट को इम्पैक्टेड कर सकता है, जिससे देश की मौद्रिक नीति भी बदल सकती है।
तो संक्षेप में, एफओएमसी के हर निर्णय का असर सीधे‑सीधे आपके रोज़मर्रा के वित्तीय फैसलों पर पड़ता है। चाहे वह लोन पर ब्याज हो, बचत पर रिटर्न, या आपके पोर्टफोलियो की वैल्यू। इसलिए इस टैग पेज को फ़ॉलो करके आप हमेशा अपडेटेड रह सकते हैं और सही समय पर सही कदम उठा सकते हैं।
अमेरिकी फेडरल रिजर्व ने अपनी हालिया एफओएमसी बैठक में प्रमुख उधारी दर को 5.25% से 5.5% की वर्तमान सीमा पर बनाए रखा। हालांकि तुरंत कोई दर बदलाव नहीं किया गया, लेकिन केंद्रीय बैंक ने 2024 के अंत तक कई दर कटौतियां लागू करने की संभावना का संकेत दिया। फेडरल रिजर्व अध्यक्ष जेरोम पॉवेल ने 2% मुद्रास्फीति लक्ष्य की ओर निरंतर प्रगति की आवश्यकता पर जोर दिया।