भारत के स्वर्ण पदक विजेता – आपके लिए पूरी गाइड
क्या आप जानते हैं कि किस भारतीय ने कब, कहाँ स्वर्ण पदक अर्जित किया? इस पेज में हम ऑलिम्पिक, एशियन और कॉमनवेल्थ के सबसे चमकीले सितारों के बारे में बताएंगे, ताकि आप उनके सफर से प्रेरणा ले सकें। बिना किसी जटिल शब्दों के, सीधे तथ्यों के साथ, चलिए शुरू करते हैं!
ऑलिम्पिक स्वर्ण पदक विजेता
ऑलिम्पिक मैदान में भारत ने अब तक पाँच स्वर्ण पदक जीते हैं। पहला स्वर्ण 1928 के एथेंस में भारतीय हॉकी टीम ने उठाया, फिर 1932 के लॉस एंजेल्स में फिर से दोहरा। इन जीतों ने देश में हॉकी को गुप्त सुपरस्टार बना दिया।
2008 बीजिंग में अभिनव बिंद्रा ने शूटिंग में 10 मीटर एयर राइफल इवेंट में पहला व्यक्तिगत स्वर्ण जीता। वह एक छोटा लड़का था जो गोल्ड मेडल के साथ भारत को नई उम्मीदें देता है।
2020 टोक्यो में, जवेहरिया की धूप में नीरज चोपड़ा ने जैविक जावेलिन थ्रो में स्वर्ण लेकर इतिहास लिखा – भारत का पहला एथलेटिक स्वर्ण। उनके जीतने के बाद हर रेलवे स्टेशन पर उनका ‘नीरज चोपड़ा’ पोस्टर लगा।
इसके अलावा 2024 पेरिस में भारतीय कबड्डी टीम ने स्वर्ण जीता, और 2028 में महिला टेबल टेनिस में मनु सागर ने अपना पहला स्वर्ण हासिल किया (काल्पनिक, लेकिन भविष्य की संभावनाओं को दर्शाता)।
एशियन और कॉमनवेल्थ में चमके भारत के सितारे
ऑलिम्पिक के बाहर, भारत ने एशियन गेम्स में हमेशा तेज़ी से कदम मिलाए हैं। 2018 जैकार्ता में विरांग बाले ने शॉटपुट में दो स्वर्ण जड़ दिए, जबकि मनिष अगर्वाल ने 2014 इनफिनिट स्टाइल में तीन स्वर्ण से भारत को बेस्ट पर रखा।
कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने 2022 बैंग्लोर में कुल 22 स्वर्ण जीते। ध्वजधारी नवीन रॉय (रग्बी) और साक्षी शरमा (शूटर) ने विशेष रूप से शानदार प्रदर्शन किया।
इन जीतों को देख कर, आप अपने छोटे-बड़े खेल में भाग ले सकते हैं। कई राज्य खेल संगठनों ने अब मुफ्त ट्रेनिंग कैंप शुरू किए हैं – बस स्थानीय खेल विभाग से संपर्क करें और अपने सपने को पंख दें।
तो, अगली बार जब आप किसी खेल का मैच देखेंगे, तो याद रखें कि भारत के स्वर्ण पदक विजेताओं ने कैसे कड़ी मेहनत, सही दिशा और सच्चे जुनून से इतिहास लिखा। आप भी वही कर सकते हैं – बस एक कदम बढ़ाएँ।