CBDT का नया एलान और विस्तार का कारण
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्सेज (CBDT) ने आज आधिकारिक तौर पर आयकर अधिनियम 1961 के तहत 2025-26 कर वर्ष (असेसमेंट ईयर) के लिए टैक्स ऑडिट रिपोर्ट (TAR) दाखिल करने की अंतिम तिथि को 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 अक्टूबर कर दिया। यह निर्णय कई चार्टर्ड अकाउंटेंट एसोसिएशन और प्रोफेशनल संस्थाओं की निरंतर प्रतिनिधियों के बाद आया, जिन्होंने बताया कि बाढ़, भूकंप और अन्य प्राकृतिक आपदाओं ने कई क्षेत्रों में व्यावसायिक संचालन को रोक दिया है।
उच्च न्यायालयों में भी इस मुद्दे पर कई याचिकाएँ दायर हुई थीं, जिसके चलते प्रशासन को यह समझ में आया कि केवल तकनीकी कारणों से नहीं बल्कि वास्तविक कठिनाइयों को देखते हुए समय सीमा में छूट देना आवश्यक है।

डिजिटल प्लेटफ़ॉर्म का प्रदर्शन और आँकड़े
इस विस्तार के बावजूद, आयकर विभाग ने स्पष्ट किया कि ई‑फ़ाइलिंग पोर्टल पूरी तरह से सुचारु रूप से चल रहा है। 24 सितम्बर 2025 तक पोर्टल पर 4.02 करोड़ से अधिक टैक्स ऑडिट रिपोर्ट अपलोड हो चुकी थीं, जिसमें अकेले 24 सितम्बर को 60,000 से अधिक रिपोर्टें जमा हुईं। इसके अतिरिक्त, 23 सितम्बर तक 7.57 करोड़ आयकर रिटर्न (ITR) फाइल हो चुके थे, जो डिजिटल इंफ़्रास्ट्रक्चर की मजबूती को दर्शाता है।
इन आँकड़ों से यह स्पष्ट होता है कि तकनीकी बाधा नहीं, बल्कि प्राकृतिक आपदाओं और व्यावसायिक व्यवधान ही प्रमुख कारण थे, जिसके चलते टैक्स ऑडिट रिपोर्ट डेडलाइन विस्तार का निर्णय लिया गया।
विस्तार केवल उन अभिवादी (assessee) पर लागू होगा जो धारा 139(1) के उपधारा (1) के स्पष्टीकरण 2 के क्लॉज (a) में सूचीबद्ध हैं, अर्थात् पिछले वर्ष 2024-25 (असेसमेंट ईयर 2025-26) के टैक्सऑडिट के दायरे में आने वाले करदाता। यह कदम सरकार की व्यावहारिक चुनौतियों को समझने और करदाताओं को सहारा देने की भावना को दर्शाता है, जबकि नियमों की अनुपालन सुनिश्चित करता है।