CUET UG 2025 से मेडिकल में दाखिले का नया विकल्प
भारत के तमाम स्टूडेंट्स जो मेडिकल फील्ड में करियर बनाना चाहते हैं, उनके लिए एक चौंकाने वाली खबर आई है। अब कुछ मेडिकल कॉलेजों में CUET UG 2025 के स्कोर के जरिए एडमिशन का रास्ता खुल सकता है। इस फैसले से उन बच्चों को राहत मिलेगी, जिन्हें NEET का प्रेशर परेशान करता है या जो NEET क्लियर नहीं कर पा रहे हैं।
अभी तक मेडिकल एडमिशन का नाम आते ही NEET UG इम्तिहान ही एकमात्र रास्ता था, मगर अब तस्वीर थोड़ी बदल रही है। हालांकि ये बदलाव पूरे मेडिकल एंट्रेंस सिस्टम पर लागू नहीं है—फिलहाल ये नई राह कुछ खास कॉलेजों और खास कोर्सेज तक ही सीमित है। MBBS और BDS जैसे मेनस्ट्रीम कोर्स में NEET ही लगेगा, लेकिन Allied Health Sciences जैसे प्रोग्राम्स में CUET से एडमिशन की संभावनाएं बढ़ गई हैं।
कौन कर सकता है आवेदन: एलिजिबिलिटी और प्रक्रिया
अगर आप CUET के जरिए मेडिकल में दाखिले का सोच रहे हैं, तो सबसे पहले अपने टारगेट कॉलेज की वेबसाइट या नोटिफिकेशन देखना जरूरी है। हर कॉलेज या यूनिवर्सिटी अपनी कट-ऑफ, एलिजिबिलिटी और एडमिशन प्रोसेस जारी करेगी। आमतौर पर कैंडिडेट को 12वीं में कम-से-कम 50% मार्क्स (SC/ST के लिए 45%) चाहिए होंगे।
- कॉलेज CUET UG 2025 की मेरिट लिस्ट के आधार पर अपनी अलग-अलग कट-ऑफ जारी करेंगे।
- NEET में सिंगल काउंसलिंग सिस्टम होता है, जबकि CUET आधारित कॉलेज खुद की काउंसलिंग कर सकते हैं।
- हर स्टेप—आवेदन, डॉक्युमेंट सब्मिशन, काउंसलिंग—के लिए आपको अलग-अलग तारीखें और शेड्यूल देखने पड़ेंगे।
- कौन-से कोर्स में CUET वैलिड होगा, इसकी पूरी जानकारी कॉलेज की वेबसाइट पर ही मिलेगी।
यह बदलाव खासकर उन स्टूडेंट्स के लिए फायदेमंद है, जो मेडिकल फील्ड में तो जाना चाहते हैं लेकिन MBBS या BDS के बजाय Allied Health Sciences, फिजियोथैरेपी, लैब टेक्नॉलजी, या दूसरे हेल्थकेयर कोर्स की तरफ ध्यान दे रहे हैं।
NEET का रोल अभी भी खत्म नहीं हुआ है। अगर आपकी नजर MBBS या BDS जैसे प्रोग्राम्स पर है, तो NEET का एग्जाम देना ही पड़ेगा। कुछ नए प्राइवेट या डीम्ड यूनिवर्सिटीज़ ही CUET के जरिए Allied Health साइंस कोर्सेज का विकल्प दे रही हैं। इसलिए सही जानकारी के लिए हर यूनिवर्सिटी की स्पेसिफिक वेबसाइट पर चेक करना सबसे बेहतर रहेगा।
इस बदलाव से उन बच्चों को बड़ा फायदा होगा, जो NEET की कांपिटिशन और स्ट्रेस में फंसकर बार-बार अटेम्प्ट देते रहते हैं। अब उनके पास एक वैकल्पिक रास्ता है—बिल्कुल नए क्षेत्रों में।