मुंबई में भारी बारिश से भारी जलभराव और जीवन अस्त-व्यस्त, यातायात बुरी तरह प्रभावित

मुंबई में भारी बारिश से भारी जलभराव और जीवन अस्त-व्यस्त, यातायात बुरी तरह प्रभावित

मुंबई में भारी बारिश

मुंबई में सोमवार सुबह हुई भारी बारिश ने पूरे शहर को अस्त-व्यस्त कर दिया। अंधेरी, कुर्ला, भांडुप, किंग्स सर्कल, विले पार्ले और दादर समेत कई निचले इलाके जलमग्न हो गए। सड़कों पर गाड़ियाँ पानी में फंसी हुई नजर आईं और लोग घुटनों तक पानी में चलने को मजबूर हो गए। शहर में रात एक बजे से सुबह सात बजे तक छह घंटे के अंदर 300 मिमी से ज्यादा बारिश दर्ज की गई।

इस भारी बारिश ने शहर की जलनिकासी व्यवस्था को विफल कर दिया, जिसके कारण सड़कें और गलियां जलमग्न हो गईं। घुटनों तक पानी में डूबे इलाकों ने मुंबईवासियों के लिए आवागमन को असंभव बना दिया। बच्चों की स्कूल जाने की स्थिति नहीं बची, जिससे स्कूल और कॉलेजों को आधे दिन की छुट्टी देनी पड़ी।

बीएमसी का सतर्कता संदेश

बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने नागरिकों को घर पर रहने की सलाह दी है और अति आवश्यक न हो तो बाहर निकलने से बचने की दरख्वास्त की। बीएमसी ने जलभराव के कारण आपात स्थिति में संपर्क करने के लिए हेल्पलाइन नंबर 1916 जारी किया है।

इसके साथ ही, उन्होंने अफवाहों पर ध्यान न देने की सलाह भी दी है। आईएमडी ने मुंबई में भारी से बहुत भारी बारिश की मौसम भविष्यवाणी जारी की है।

रेल और हवाई यातायात

रेल और हवाई यातायात

मूसलाधार बारिश के कारण सेंट्रल रेलवे ने कई गाड़ियाँ रद्द कर दी जैसे एमएमआर-सीएसएमटी (12110), पुणे-सीएसएमटी (11010), पुणे-सीएसएमटी डेक्कन (12124), पुणे-सीएसएमटी डेक्कन (11007) और सीएसएमटी-पुणे इंटरसिटी एक्सप्रेस (12127)। स्थानीय ट्रेन सेवाएँ भी कुछ समय के लिए रोकी गईं लेकिन फिर से शुरू की गईं।

हवाई अड्डा प्रशासन ने यात्रियों को अपने यात्रा समय को सही तरीके से योजना बनाने की सलाह दी है, क्यूंकि भारी बारिश और जलभराव से यातायात प्रभावित हो सकता है।

रोड पर जाम की स्थिति

हाईवे और मुख्य सड़कों पर भारी ट्रैफिक देखा गया। भारी बारिश और जलभराव के कारण लंबी कतारों में फँसी गाड़ियाँ संघर्ष कर रही थीं। यातायात जाम ने लोगों की गतिशीलता को बुरी तरह प्रभावित किया, जिससे अत्यधिक देरी हो रही है।

मुंबई में उफान और उच्च ज्वार

मुंबई में उफान और उच्च ज्वार

मौसम विभाग द्वारा मध्याह्न 2 बजे 4.2 मीटर की उच्च ज्वार की चेतावनी भी दी गई थी। नागरिकों को सचेत किया गया है कि वे समुद्र के किनारे न जाएं और सुरक्षित स्थानों पर रहें।

17 Comments

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    Rakesh Varpe

    जुलाई 10, 2024 AT 05:57
    मुंबई में ये हर साल का खेल है। बारिश होती है तो पानी भर जाता है। कोई सुधार नहीं होता।
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    Girish Sarda

    जुलाई 10, 2024 AT 23:15
    बीएमसी की जलनिकासी की योजना तो 2010 की है। आज भी वही इस्तेमाल हो रहा है। कोई नया सोच नहीं।
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    Garv Saxena

    जुलाई 11, 2024 AT 11:00
    हम जब तक इस शहर को एक बैंक के बोर्ड की तरह नहीं समझेंगे, जहाँ सिर्फ पैसा और बिजनेस मायने रखता है, तब तक ये बारिश का खेल चलता रहेगा। ये बारिश नहीं, हमारी अनदेखी है जो शहर को डूबा रही है। लोग घर पर बैठे हैं, आईएमडी की भविष्यवाणी पढ़ रहे हैं, लेकिन कोई जिम्मेदारी नहीं लेता। जलभराव का कारण बारिश नहीं, हमारी अवहेलना है।
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    Rajesh Khanna

    जुलाई 11, 2024 AT 16:59
    हम सब इस शहर के हिस्से हैं। अगर हम एक साथ थोड़ा संयम बरतें, अपने घर के आसपास कचरा न फेंकें, नहरों को अवरुद्ध न करें, तो ये सब कुछ बहुत कम हो जाएगा। छोटी-छोटी बातों से बड़ा बदलाव आता है।
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    Sinu Borah

    जुलाई 12, 2024 AT 16:30
    ये सब बातें तो हमेशा सुनने को मिलती हैं। लेकिन अगर आप देखें तो बीएमसी ने अभी तक कोई नई नलकूप या ड्रेन नहीं बनाया। बस एक नया बोर्ड लगा दिया कि 'जलभराव चेतावनी'। और लोग उसे फोटो खींचकर इंस्टाग्राम पर डाल देते हैं। बारिश के बाद जो भी चीज बह गई, उसकी तस्वीर निकालकर वायरल कर देना ही सबसे बड़ा काम हो गया है।
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    Sujit Yadav

    जुलाई 12, 2024 AT 22:16
    मुंबई के लोगों का जीवन शैली ही अस्थायी है। उनके घरों के बाहर कचरा फेंकना, नहरों में तेल बहाना, बर्ड बॉक्स लगाना - ये सब उनकी संस्कृति है। और फिर बारिश होती है तो सब बीएमसी को दोष देते हैं। ये एक बुनियादी समस्या है - नागरिक जिम्मेदारी का अभाव।
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    Kairavi Behera

    जुलाई 14, 2024 AT 03:13
    अगर आपके घर के आसपास की नहर बंद है तो उसे साफ करने का प्रयास करें। छोटे कदमों से शुरुआत करें। बीएमसी के लिए आपको बस एक फोन कॉल करनी है। जलभराव की समस्या सबकी नहीं, हम सबकी है।
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    Aakash Parekh

    जुलाई 14, 2024 AT 08:59
    रेलवे ने गाड़ियाँ रद्द कर दीं। अच्छा हुआ। अगर लोग घर पर रहे तो यातायात कम हुआ। बारिश के बाद जमीन पर जो पानी बचा, वो भी अच्छा है। बस अब लोगों को बाहर निकलने की जरूरत नहीं।
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    Sagar Bhagwat

    जुलाई 15, 2024 AT 06:11
    ये सब तो हमेशा की बात है। लेकिन देखो, अगर आज एक नौकरी के लिए जाना है तो कैसे जाएं? बस यही सवाल है। बीएमसी का जवाब तो बस हेल्पलाइन है। लेकिन अगर कोई बीमार है तो क्या करें?
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    Jitender Rautela

    जुलाई 15, 2024 AT 15:37
    मुंबई के लोग तो बारिश के लिए तैयार ही नहीं हैं। घर पर नमी नहीं होने देते। बस बारिश होती है तो चिल्लाने लगते हैं। अगर आप अपने घर का बरामदा साफ कर दें तो दरवाजे से पानी नहीं आएगा।
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    abhishek sharma

    जुलाई 16, 2024 AT 01:22
    कल रात एक दोस्त ने बताया कि उसके इलाके में पानी घुटनों तक आ गया। बच्चे नहीं जा पा रहे थे स्कूल। उसकी बेटी ने फोटो भेजी - उसके बूट में एक मछली तैर रही थी। ये नहीं कि बारिश हुई, ये कि हमने अपने शहर को बर्बाद कर दिया। अब जब भी बारिश होती है, शहर बह जाता है। लोग फोटो खींचते हैं, वायरल करते हैं, और अगले दिन वही बात दोहराते हैं।
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    Surender Sharma

    जुलाई 17, 2024 AT 01:32
    bmc ke paas paisa hai par kaam nahi hota. sab kuch toh khatam ho gaya. yeh bhi ek baar dekh lo ki kahan kahan pani bhar gaya. kya koi sochta hai ki yeh sab kaise hua?
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    Divya Tiwari

    जुलाई 17, 2024 AT 09:21
    हमारे देश में बारिश के बाद जलभराव होना तो बहुत स्वाभाविक है। अमेरिका या यूरोप में ऐसा क्यों नहीं होता? क्योंकि वहाँ लोग बुद्धिमान हैं। हमारे शहरों में लोग बस चिल्लाते हैं। हमें अपनी जड़ों से जुड़ना चाहिए - पानी को जमीन में सोखने दें, नहरों को बचाएं, बाँध बनाएं। ये सब भारतीय तकनीक है।
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    shubham rai

    जुलाई 19, 2024 AT 08:33
    मैंने अपने घर के बाहर का कचरा निकाल दिया। बस इतना ही। अब देखते हैं कि क्या होता है। 😔
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    Nadia Maya

    जुलाई 21, 2024 AT 02:58
    ये सब तो बहुत अच्छा है। लेकिन आपने कभी सोचा है कि ये जलभराव बस एक निश्चित इलाके में होता है? वहाँ लोग अमीर हैं, उनके घरों में एसी है, लेकिन नहरें बंद हैं। जब तक इन लोगों को नहीं समझाया जाएगा, तब तक कोई बदलाव नहीं होगा।
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    Nitin Agrawal

    जुलाई 22, 2024 AT 13:07
    bmc ne kuch nahi kiya bas bhai. ye sab toh sab jante hai. abhi bhi koi kuch nahi kar raha.
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    Gaurang Sondagar

    जुलाई 23, 2024 AT 06:59
    मुंबई के लोगों को बारिश के बाद भी बाहर निकलना है। ये देश का नियम है। बारिश हो या बर्फ, लोगों को ऑफिस जाना है। ये देश की शक्ति है।

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