दिल्ली हवाई अड्डे पर हादसा: भारी बारिश से छत गिरी, एक की मौत
दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा हमेशा यात्रियों की चहल-पहल से भरा रहता है। लेकिन शुक्रवार की सुबह, जब लोग रोज की तरह अपने यात्रा की तैयारी कर रहे थे, तब भारी बारिश के चलते टर्मिनल 1 की छत का एक हिस्सा गिर गया। इस दुर्घटना में एक व्यक्ति की मौत हो गई और कम से कम आठ लोग घायल हो गए।
समाचार के मुताबिक, सुबह पांच बजे हुई इस घटना के दौरान पूरा इलाका बारिश से भारी गंभूर तरीके से प्रभावित था। सिविल एविएशन मंत्री के राम मोहन नायडू ने हादसे की पुष्टि करते हुए कहा कि एक जांच आयोग गठित कर दिया गया है जो इस हादसे के कारणों की जांच करेगा।
भारी बारिश बनी हादसे की वजह
दिल्ली एयरपोर्ट के अधिकारियों के मुताबिक, हादसे के वक्त भारी बारिश हो रही थी। तीन घंटों की बारिश में 148.5 मिमी तक पानी बरस चुका था, जो कि केवल जून महीने की औसत बारिश से भी ज्यादा था। इसी भारी बारिश के कारण टर्मिनल 1 की छत का एक हिस्सा गिर गया।
छत गिरने के बाद तुरंत ही हवाई अड्डे के कर्मचारियों ने यात्रियों को सुरक्षित बाहर निकालने का काम शुरू कर दिया। सभी घरेलू उड़ानों को दोपहर 2 बजे तक के लिए रद्द कर दिया गया।
विपक्ष की सरकार पर तीखी प्रतिक्रिया
विपक्षी नेताओं ने हादसे के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर तीखा हमला किया। उनका कहना था कि प्रधानमंत्री ने नए भवनों का उद्घाटन कर अपनी छवि को चमकाने पर जोर दिया जबकि पुराने भवनों की सुरक्षा मानकों की अनदेखी की।
हादसे में गिरी छत उस पुराने भवन का हिस्सा थी जिसे 2009 में खोला गया था, जबकि नए भवन का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी ने कुछ समय पहले ही किया था। विपक्ष का कहना है कि अगर भवनों की गुणवत्ता और सुरक्षा पर ध्यान दिया जाता तो शायद यह हादसा टल सकता था।
यात्रियों में दहशत का माहौल
हादसे के वक्त मौजूद यात्रियों में से कई ने बताया कि जैसे ही छत गिरी, चारों ओर चीख-पुकार मच गई। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगे। कई गाड़ियां भी छत के मलबे के नीचे दब गईं, जिनमें टैक्सियां और यात्रियों के खुद के वाहन शामिल थे।
घटना के बाद एयरपोर्ट पर पहुंचे बचाव दल ने तुरंत मोर्चा संभाल लिया और घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाया गया।
इंडिया एयरपोर्ट अथॉरिटी का वक्तव्य
इंडिया एयरपोर्ट अथॉरिटी ने हादसे के बाबत एक प्रेस विज्ञप्ति जारी की। इसमें कहा गया कि यह घटना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है और हम इस हादसे में जान गंवाने वाले व्यक्ति के परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त करते हैं। घायलों को हरसंभव मदद दी जा रही है।
प्रेस विज्ञप्ति में यह भी बताया गया कि हादसे के वक्त बारिश का स्तर इतना अधिक था कि इमारतों की स्थिति पर भारी दबाव आ गया था। इस स्थिति से निपटने के लिए अल्पकालिक और दीर्घकालिक योजनाएं बनाई जा रही हैं ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
आधिकारिक जांच और भविष्य की योजनाएं
सरकारी अधिकारियों और संबंधित विभागों द्वारा प्रारंभिक जांच के तत्पश्चात दिल्ली एयरपोर्ट के भवनों की संरचनात्मक जांच की जा रही है। सिविल एविएशन मंत्रालय ने इस हादसे को गंभीरता से लेते हुए अपनी रिपोर्ट जल्द से जल्द प्रस्तुत करने का आदेश दिए हैं।
इस हादसे के बाद हवाई अड्डे की सुरक्षा व्यवस्था और भवनों की गुणवत्ता को लेकर एक बार फिर सवाल उठने लगे हैं। यह जरूरी है कि भविष्य में इस तरह की दुर्घटनाओं से बचाव के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
आवश्यक सुधार और सुरक्षा उपाय
विशेषज्ञों का मानना है कि हवाई अड्डों की संरचनात्मक गुणवत्ता और सुरक्षा मानकों को बढ़ाने के लिए नए दिशानिर्देश और नीतियां बनाई जानी चाहिए। इस तरह की घटनाओं से सीख लेते हुए भविष्य की योजनाओं में गुणवत्ता नियंत्रण और निगरानी पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए।
इस घटना ने यह भी दिखाया है कि आपातकालीन स्थितियों में त्वरित प्रतिक्रिया और बचाव कार्यों की तैयारी कितनी महत्वपूर्ण है। सरकार और विमानन प्राधिकरण को मिलकर सुरक्षित और संरक्षित यात्रा अनुभव सुनिश्चित करना चाहिए।
निष्कर्ष
दिल्ली हवाई अड्डे पर हुए हादसे ने हमें सुरक्षा और संरचनात्मक गुणवत्ता की महत्वत्ता को पुनः सोचने पर मजबूर कर दिया है। यह समय है कि हम मिलकर सुरक्षित और संरक्षित आधारभूत संरचना के निर्माण के लिए कड़े कदम उठाएं और इस प्रकार की त्रासदी को रोकने के उपाय करें।
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