ऋषभ पंत का अद्भुत प्रदर्शन
भारतीय क्रिकेट टीम और उसके प्रशंसकों के लिए यह सप्ताहांत यादगार बन गया जब ऋषभ पंत ने न्यूज़ीलैंड के खिलाफ अपने अद्वितीय क्रिकेट कौशल का प्रदर्शन किया। तीसरे टेस्ट के दौरान वानखेड़े स्टेडियम में उन्होंने दूसरी पारी के दिन धमाकेदार शॉट्स से सबका दिल जीत लिया और इतिहास में अपना नाम दर्ज करवा लिया। यह मैच भारतीय टीम के लिए निर्णायक था और पंत ने दिखा दिया कि पहले गिरावट के बावजूद, भारतीय टीम अभी भी किस तरह से वापसी कर सकती है।
पंत के इस विशेष प्रदर्शन का समय भी बहुत महत्वपूर्ण था। उन्होंने तब बैटिंग की शुरुआत की जब भारत 85/4 के स्कोर पर था—जो कि एक चिंताजनक स्थिति थी। एक शानदार तरीके से खेलते हुए, उन्होंने केवल 36 गेंदों में अपना अर्धशतक बनाया। उनके आक्रामक और धारदार खेल ने भारतीय टीम को संकट से बाहर निकाला। पंत ने जिस अंदाज में आक्रामक बैटिंग शुरू की, उसने एक पल के लिए नवाजुद्दीन सिद्दीकी के फिल्मी डायलॉग्स को भी मुकाबला दे दिया।
न्यूज़ीलैंड गेंदबाजों पर हावी पंत
ऋषभ पंत की यह पारी ख़ास इसलिए भी थी क्योंकि उन्होंने अपनी प्रमुखता के सामने न्यूज़ीलैंड के सबसे खतरनाक गेंदबाज को बैकफुट पर धकेल दिया। अजाज़ पटेल, जो कि भारतीय बल्लेबाजों के लिए पहले दिन का सिरदर्द बन चुके थे, पंत के सामने कमजोर पड़ गए। पंत की तेजतर्रार बल्लेबाजी ने पटेल को प्रेरित किया कि वह खुद को आगे आकर चुनौती देने के लिए तैयार करें। इन्हीं शॉट्स से पंत ने साबित कर दिया कि वे टेस्ट क्रिकेट में कितने प्रभावी हो सकते हैं।
शास्त्री का पंत पर विश्वास
पूर्व भारतीय कोच रवि शास्त्री का यह कहना था कि ऋषभ पंत जैसे खिलाड़ी मैदान पर दर्शकों और गेंदबाजों दोनों के लिए रोमांचक होते हैं। शास्त्री ने अपनी कमेंटरी के दौरान ऋषभ पंत की तुलना दिग्गज खिलाड़ियों से करते हुए कहा कि उनका पॉवर-प्ले इतना खतरनाक होता है कि गेंदबाज यह सोचने पर मजबूर हो जाते हैं 'अगर जरा सा भी गलत हो गया, तो वह हम पर हावी हो जाएगा'। शास्त्री का कहना था कि पंत के पास ऐसी क्षमता है, जो विव रिचर्ड्स, कपिल देव और वीरेंद्र सहवाग जैसे खिलाड़ियों में होती थी।
विपरीत परिस्थितियों में भारत की वापसी
ऋषभ पंत की पारी का अन्य बल्लेबाजों पर भी गहरा असर पड़ा। शुबमन गिल के साथ मिलकर, उन्होंने भारत को मैच में वापस लाया और न्यूज़ीलैंड टीम पर दबाव बनाया। भारत की दूसरी पारी का शुरुआती हिस्सा बेहद तेजी से आगे बढ़ा। जिस तरीके से पंत और गिल ने रन बनाना शुरू किया, उसने न्यूज़ीलैंड के सभी गेंदबाजों को विचारशील बना दिया। जल्दी से रन बटोरकर उन्होंने लंच के पहले ही न्यूज़ीलैंड को काफी पीछे छोड़ दिया।
ऋषभ पंत की यह पारी भारतीय क्रिकेट के इतिहास में न केवल एक रिकॉर्ड बना बल्कि एक प्रेरणा भी बनी। खेल के इतने कठिन क्षण में एक युवा खिलाड़ी का ऐसा प्रदर्शन दर्शाता है कि भारतीय क्रिकेट का भविष्य कितना उज्ज्वल है। पंत का यह प्रदर्शन कई युवा खिलाड़ियों को यह विश्वास देता है कि जब तक आप मैदान पर हैं, कोई भी स्थिति आपके लिए एक अवसर बन सकती है।
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