Ahoi Ashtami 2025: तिथि, पूजा मुहूर्त, महत्त्व और रीति‑रिवाज़
13 अक्टूबर 2025 को Ahoi Ashtami मनाया जाएगा; माताओं का निरजा व्रत, मुख्य पूजा मुहूर्त व सितारा देखे जाने का समय, तथा इस पवित्र त्यौहार का इतिहास और सामाजिक प्रभाव।
जब आप ड्रिक पंचांग का उपयोग करते हैं, तो आप एक ऐसी सेवा से जुड़ते हैं जो तिथि, नक्षत्र, योग, पंचांग का विवरण और दैनिक शुभ‑अशुभ समय प्रदान करती है. भी कहा जाता है ड्रिक पञ्चांग, और यह वेब, मोबाइल ऐप और प्रिंट संस्करण में उपलब्ध है। यह पंचांग ड्रिक पंचांग सूर्य‑चंद्र‑ग्रह स्थितियों को सटीक गणना कर उपयोगकर्ता को भरोसेमंद मुहूर्त चुनने में मदद करता है। इस प्रकार ड्रिक पंचांग में तिथि, नक्षत्र और योग शामिल होते हैं, जिससे पूजा‑पाठ्य और आर्थिक निर्णय आसान हो जाते हैं।
पंचांग के कामकाज को समझने के लिए हमें ज्योतिष ग्रहों की गति को पढ़कर जीवन के विभिन्न पहलुओं की भविष्यवाणी करने की प्राचीन विद्या और तिथि भारतीय कैलेंडर में प्रत्येक दिन का नाम, जो महत्त्वपूर्ण त्यौहार और व्रत तय करता है की भूमिका देखनी होगी। इसी तरह राशि बारह zodiac signs जो जन्म समय के आधार पर व्यक्तित्व और भाग्य का संकेत देती हैं पंचांग में न्यास, योग और चंद्रमा के चरणों से जुड़ी होती है। अंत में त्योहार धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सव जो पंचांग में निर्धारित तिथि पर मनाए जाते हैं सीधे पंचांग डेटा पर निर्भर करते हैं; किसी भी त्यौहार की सही तिथि पंचांग के बिना निर्धारित नहीं की जा सकती। इस सम्बन्ध को हम कह सकते हैं: "ज्योतिषीय भविष्यवाणी का आधार पंचांग डेटा है" और "त्योहारों की तिथि पंचांग पर निर्भर करती है"।
इन सभी तत्वों के साथ, ड्रिक पंचांग न केवल एक कैलेंडर नहीं बल्कि दैनिक जीवन में समय‑निर्धारण, निवेश, शादी‑व्यवस्था और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए एक सहायक उपकरण बन जाता है। नीचे आपको विभिन्न लेख मिलेंगे जो सोना‑चांदी की कीमत, राशिफल‑आधारित भविष्यवाणियाँ, मौसम‑अलर्ट और खेल‑समाचार जैसे विस्तृत विषयों को पंचांग‑संबंधित दृष्टिकोण से जोड़ते हैं। इस संग्रह को पढ़ते हुए आप देखेंगे कि कैसे आधुनिक वित्तीय खबरें, प्राकृतिक आपदा चेतावनी या खेल आयोजन भी पंचांग‑आधारित समय‑संदर्भ से बेहतर समझे जा सकते हैं। आगे बढ़ें और देखें कि ड्रिक पंचांग आपके रोज़मर्रा के निर्णयों में कितना असर डाल सकता है।