G7 समिट में इतालवी प्रधानमंत्री ने 'नमस्ते' से किया स्वागत, सोशल मीडिया पर वीडियो हुआ वायरल

G7 समिट में इतालवी प्रधानमंत्री ने 'नमस्ते' से किया स्वागत, सोशल मीडिया पर वीडियो हुआ वायरल

G7 समिट में इतालवी प्रधानमंत्री का अनोखा स्वागत

इटली के बॉर्गो एग्नाजिया शहर में 13 से 15 जून तक आयोजित हो रहे 50वें G7 समिट में उपस्थित विश्व नेताओं का स्वागत इतालवी प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी ने भारतीय पारंपरिक अभिवादन 'नमस्ते' के साथ किया, जिसका वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो गया है।

समिट में चर्चा के महत्वपूर्ण मुद्दे

इस बार के G7 समिट में रूस-यूक्रेन युद्ध और इज़राइल-हमास युद्ध पर गहन चर्चा की जा रही है। जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ और यूरोपीय आयोग की अध्यक्ष उर्सुला वॉन डेर लेयेन को भी मेलोनी ने 'नमस्ते' के साथ स्वागत किया। अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा और यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की भी इस समिट में भाग ले रहे हैं।

समिट में शामिल होने वाले अन्य नेताओं में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी शामिल हैं, जो गुरुवार रात इटली पहुंचे और शुक्रवार को G7 आउटरीच सत्र में भाग लेंगे। मोदी के अलावा अल्जीरिया, अर्जेंटीना, ब्राज़ील, मिस्र, केन्या, मौरिटानिया, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, ट्यूनीशिया और तुर्की के नेता भी शामिल होंगे।

नरेंद्र मोदी की संभावित द्विपक्षीय बैठकें

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा विभिन्न विश्व नेताओं के साथ द्विपक्षीय वार्ता करने की उम्मीद है, जिनमें जियोर्जिया मेलोनी, जो बाइडेन, ऋषि सुनक, इमैनुएल मैक्रों, फुमियो किशिदा और ओलाफ स्कोल्ज़ शामिल हैं। इसके अलावा, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर ज़ेलेंस्की के साथ भी बैठक की संभावना जताई जा रही है।

मेलोनी का 'नमस्ते' के साथ स्वागत करना न केवल भारतीय संस्कृति की ओर उनकी प्रशंसा को दर्शाता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि समिट में विभिन्न संस्कृतियों का आदान-प्रदान कितना महत्वपूर्ण है। सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे इस वीडियो में मेलोनी के इस अद्वितीय अभिवादन के तरीके की सराहना हो रही है और इसे विश्वभर में प्रसारित किया जा रहा है।

G7 समिट: वैश्विक महत्व

हर साल आयोजित किए जाने वाले इस G7 समिट का वैश्विक राजनीति और आर्थिक मुद्दों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ता है। इस बार की समिट में जलवायु परिवर्तन, स्वास्थ्य संकट, आर्थिक सुधार, आतंकवाद और मानवाधिकार जैसे प्रमुख मुद्दों पर भी चर्चा हो रही है।

इस बार के समिट की सबसे बड़ी विशेषता यह है कि विभिन्न देशों के नेता रूस-यूक्रेन युद्ध के समाधन और इज़राइल-हमास संघर्ष को लेकर गंभीर बातचीत कर रहे हैं। यह वैश्विक शांति और स्थिरता के प्रयासों में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।

साथ ही, समिट में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति भी महत्वपूर्ण है, क्योंकि भारत वर्तमान में वैश्विक मंच पर अपनी सशक्त भूमिका निभा रहा है। मोदी की विदेश नीति और विभिन्न देशों के साथ उनके संबंधों का भी गहन विश्लेषण किया जा रहा है।

संस्कृतियों का संगम

इस बार के G7 समिट में जो सबसे खास बात सामने आई है, वह है संस्कृतियों का संगम। इतालवी प्रधानमंत्री जियोर्जिया मेलोनी का 'नमस्ते' का उपयोग करना यह दिखाता है कि कैसे विभिन्न संस्कृतियों को अपनाकर हम एक दूसरे के करीब आ सकते हैं और विभिन्न मुद्दों का समाधान निकाल सकते हैं।

समिट के दौरान नेताओं द्वारा अधिनियमित संस्कृतियों और परंपराओं का ऐसा साझा अनुभव अंतरराष्ट्रीय संबंधों को मजबूत करता है और विश्वभर के लोगों को यह संदेश देता है कि हम विभिन्नता में एकता को मान्यता देते हैं। यह समिट के उद्देश्यों में से एक महत्वपूर्ण उद्देश्य भी है।

सोशल मीडिया पर प्रतिक्रियाएं

सोशल मीडिया पर मेलोनी के 'नमस्ते' वीडियो को बहुत ही सकारात्मक प्रतिक्रियाएं मिल रही हैं। लोगों ने इसे भारतीय संस्कृति के प्रति उनकी श्रद्धा के रूप में देखा और इसे द्विपक्षीय संबंधों के दृष्टिकोण से भी महत्वपूर्ण माना। इस छोटे से कदम ने दिखाया कि कैसे एक छोटे से खुद को सहज करने वाले क्रम में भी बड़ी बातें हो सकती हैं और विश्व नेताओं के बीच आपसी मेलजोल बढ़ सकता है।

इस तरह का स्वागत और संस्कृति का आदान-प्रदान विश्व राजनीति में नई दिशाएं दे सकता है और यह सिद्ध कर सकता है कि हमारे बीच भले ही दूरी हो, लेकिन विचारों और संस्कृतियों के माध्यम से हम एक दूसरे के और करीब आ सकते हैं।

अंत में, G7 समिट में इस प्रकार का सांस्कृतिक स्वागत और उसके प्रति विश्वभर में मिल रही प्रतिक्रिया यह साबित करती है कि वैश्विक नेताओं द्वारा अपनाए गए संवेदनशील और सांस्कृतिक संदेश का कितना महत्व है। ऐसे छोटे-छोटे कदम अंतरराष्ट्रीय राजनीति को न केवल सुदृढ़ करते हैं, बल्कि देशों के बीच आपसी समर्पण और शांति का भी संदेश देते हैं।

16 Comments

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    Girish Sarda

    जून 15, 2024 AT 22:41
    नमस्ते सिर्फ एक शब्द नहीं, ये एक अहसास है। जब विश्व के नेता इसे अपनाते हैं तो ये दिखाता है कि संस्कृति का सच्चा मूल्य क्या है।
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    Garv Saxena

    जून 16, 2024 AT 20:48
    देखो ये सब नमस्ते वाली बातें तो बहुत अच्छी हैं लेकिन असली सवाल ये है कि जब भारत को ग्लोबल गवर्नेंस में वोट देने की जरूरत होती है तो क्या वो भी इतने खुशी से स्वीकार किए जाते हैं? क्या एक शब्द के लिए जबरन तालियाँ बजाना ही हमारी विदेश नीति का लक्ष्य है? ये सब नाटक है जिसमें हम खुद को धोखा दे रहे हैं।
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    Rajesh Khanna

    जून 18, 2024 AT 01:38
    इस छोटे से अभिवादन ने दुनिया को एक बड़ा संदेश दिया। ये नमस्ते सिर्फ भारत का नहीं, ये मानवता का अभिवादन है। जब एक नेता दूसरे की संस्कृति को सम्मान देता है तो वो राजनीति नहीं, इंसानियत की बात कर रहा होता है।
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    Sinu Borah

    जून 20, 2024 AT 00:57
    अरे भाई ये सब नमस्ते वाला वीडियो तो हर साल कुछ न कुछ ऐसा ही आता है। एक बार जापानी ने बुक दिया, एक बार फ्रांसीसी ने गले लगाया, अब इटली ने नमस्ते किया। लेकिन जब आते हैं तो देशों के बीच जो डील होती है वो तो नमस्ते से नहीं बनती। ये सब फोटोज के लिए है।
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    Sujit Yadav

    जून 21, 2024 AT 07:21
    नमस्ते का उपयोग एक सांस्कृतिक रूप से जागरूक नेता की ओर से एक अत्यंत उचित और शिक्षित चयन है। इसके विपरीत, अधिकांश पश्चिमी नेता अभी भी एक असंगठित और अत्यधिक व्यक्तिगत स्वागत की आदत में फंसे हुए हैं। यह दर्शाता है कि सांस्कृतिक संवेदनशीलता कितनी महत्वपूर्ण है - और यह भी कि भारतीय दर्शन कितना गहरा है।
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    Kairavi Behera

    जून 21, 2024 AT 21:47
    ये बहुत अच्छा हुआ। जब बड़े देशों के नेता छोटी संस्कृतियों को सम्मान देते हैं तो ये एक अच्छा संकेत है। ये नमस्ते बस एक हाथ उठाने का नहीं, एक दिल खोलने का इशारा है।
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    Aakash Parekh

    जून 22, 2024 AT 15:31
    वीडियो तो वायरल हुआ, लेकिन क्या इसके बाद कुछ हुआ? क्या इटली ने भारत के लिए कोई नया व्यापार समझौता किया? नहीं। तो ये सब फेसबुक पर फैलने के लिए ही था।
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    Sagar Bhagwat

    जून 22, 2024 AT 20:26
    अरे भाई ये तो बहुत अच्छा लगा। लेकिन अगर भारत का प्रधानमंत्री भी किसी के देश में जाए और वहाँ की लोकल गेस्चर करे तो क्या वो भी वायरल होगा? शायद नहीं। लेकिन फिर भी ये अच्छा है।
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    Jitender Rautela

    जून 24, 2024 AT 15:41
    इतना बड़ा समिट और ये सब नमस्ते की बात? अब तो ये भी बन गया कि हमारी संस्कृति का इस्तेमाल बस फोटो लेने के लिए हो रहा है। असली ताकत तो तुम्हारे डिफेंस बजट में है, न कि एक शब्द में।
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    abhishek sharma

    जून 25, 2024 AT 03:34
    क्या तुमने देखा कि जब मेलोनी ने नमस्ते किया तो बाइडेन का चेहरा कैसा था? वो लग रहा था जैसे कोई उसे एक अजनबी भाषा सिखा रहा हो। और फिर भी वो मुस्कुराया। ये तो बहुत अच्छा था। इस तरह की छोटी बातें ही दुनिया बदलती हैं। जब तुम एक दूसरे की भाषा बोलते हो तो वो दूरियाँ खत्म हो जाती हैं।
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    Surender Sharma

    जून 26, 2024 AT 19:20
    namaste ki jagah hi kya kaha jaye... ye toh sabhi kaam ki baat hai. bas photo ke liye viral kiya gaya. koi asli faida toh nahi hua.
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    Divya Tiwari

    जून 27, 2024 AT 14:40
    हमारी संस्कृति को विदेशी नेता ने सम्मानित किया? अच्छा! लेकिन क्या हमने कभी इटली के लोगों को अपने देश में ऐसा सम्मान दिया? नहीं। तो ये सब एकतरफा नाटक है। हमारी संस्कृति का इस्तेमाल तो बस विदेशी लोगों के लिए नहीं, हमारे लिए होना चाहिए।
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    shubham rai

    जून 28, 2024 AT 18:57
    नमस्ते तो बहुत अच्छा हुआ... 😌
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    Nadia Maya

    जून 30, 2024 AT 01:35
    इतालवी प्रधानमंत्री का नमस्ते करना एक बहुत ही सूक्ष्म और संस्कृतिक रूप से अत्यंत जटिल निर्णय था। यह एक राजनीतिक अभिव्यक्ति नहीं, बल्कि एक दार्शनिक अंतर्दृष्टि का प्रतीक है - जहाँ शब्द का अर्थ उसके उच्चारण से परे जाता है। भारतीय दर्शन के अनुसार, नमस्ते एक आत्मा का अन्य आत्मा के प्रति सम्मान है। यह एक अन्य अस्तित्व के प्रति एक अनुशासित आत्म-निरीक्षण है।
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    Nitin Agrawal

    जून 30, 2024 AT 08:28
    namaste ki jagah hi kya kaha jaye... ye toh sabhi kaam ki baat hai. bas photo ke liye viral kiya gaya. koi asli faida toh nahi hua.
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    Gaurang Sondagar

    जुलाई 1, 2024 AT 10:00
    हमारी संस्कृति का इस्तेमाल विदेशी नेताओं के लिए नहीं हमारे लिए होना चाहिए और ये नमस्ते वाला वीडियो बस एक फेक न्यूज है जिसे सोशल मीडिया पर बढ़ाया जा रहा है

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